क्या इन दिनों बेड रूम में कुछ ठीक नहीं चल रहा! ढेर सारा टाइम और साथ में होते हुए भी अगर आपका पार्टनर से इंटीमेट होने का मन नहीं करता, तो इसकी वजह तनाव है। इस समय ज्यादातर जोड़े इस समस्या का सामना कर रहे हैं। खासतौर से महिलाओं की वेजाइनल हेल्थ इससे बुरी तरह से प्रभावित हुई है। आइए जानते हैं कोविड-19 महामारी से उपजा तनाव कैसे आपकी योनि के स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है।
तनाव की वजह से हमारे शरीर में कोर्टिसोल बनता है। ये हार्मोन वैसे तो तनाव के दौरान शरीर का बचाव करता है, लेकिन इसकी अधिक मात्रा कई असंतुलन पैदा कर सकती है। जिसकी वजह से हमारे लेडी पार्ट में दर्द, बेचैनी और यहां तक कि संक्रमण भी हो सकता है।
वास्तव में, बढ़ते तनाव के कारण अपकी वेजाइनल हेल्थ को भी नुकसान पहुंच सकता है। जिसके बारे में आपको पता होना चाहिए
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हमारी योनि खुद को साफ रखने के लिए डिस्चार्ज प्रोड्यूस करती है, जो एक सामान्य प्रक्रिया है। स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अरुणा कालरा के अनुसार वेजाइनल डिस्चार्ज के कई अलग-अलग कारक हैं, जो रंग, गंध या मात्रा को प्रभावित कर सकते हैं। ओव्यूलेशन और प्रेगनेंसी से लेकर संक्रमण और तनाव तक सब कुछ आपके वेजाइनल डिस्चार्ज पर असर डाल सकते हैं। इसलिए यदि आप सामान्य से अधिक डिस्चार्ज देख रही हैं, तो यह तनाव के कारण हो सकता है।
आपने कई बार यह महसूस किया होगा कि जब आप अपने पीरियड्स को लेकर तनावग्रस्त होती हैं और यह सोच रही होती हैं कि ये कब आयेंगे, तभी ये काफी लेट आते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि तनाव का आपकी वेजाइनल हेल्थ और हॉर्मोन्स पर सीधा प्रभाव पड़ता है।
पीरियड इर्रेगुलर होना कोई घबराने वाली बात नहीं है, लेकिन अगर ऐसा बार-बार होता है तो आपको चिकत्सीय सलाह ज़रूर लेनी चाहिये।
तनाव के कारण आपको वेजाइनल ड्राईनेस का सामना करना पड़ सकता है। तनाव के साथ-साथ आपके हॉर्मोन में उतार – चढ़ाव आने लगता है। इनमें कोर्टिसोल का बढ़ना, टेस्टोस्टेरोन का गिरना, जो आपकी कामेच्छा के लिए आवश्यक है, शामिल है।
तनाव के कारण आपका शरीर योनि तक पर्याप्त रक्त संचारित नहीं कर पाता। जिसकी वजह से आपको सूखापन महसूस हो सकता है और सेक्स के दौरान भी तकलीफ हो सकती है।
एक स्वस्थ पीएच स्तर को बनाए रखने के लिए, आपका इम्यून सिस्टम कई अलग-अलग प्रकार के स्वस्थ जीवाणुओं को विनियमित करने में मदद करता है। जो सही सामंजस्य स्थापित करते हैं। तनाव का आपके इम्यून सिस्टम पर सीधा प्रभाव पड़ता है।
इसलिए, आपके प्रतिरक्षा स्वास्थ्य में कोई भी परिवर्तन जैसे तनाव- आपकी योनि के पीएच स्तर को प्रभावित कर सकता है। इससे यीस्ट संक्रमण या बैक्टीरियल वेजाइनोसिस का खतरा बढ़ सकता है।
तनाव एक महिला को यौन संचारित संक्रमणों जैसे कि गोनोरिया, क्लैमाइडिया ट्रैकोमैटिस, ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (एचआईवी) और कैंडिडिआसिस जैसे फंगल संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील बना सकता है।
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि तनाव के कारण योनि का प्रोटेक्टिव रेस्पोंस कम हो जाता है। जिससे जननांग पथ के संक्रमण का जोखिम बढ़ जाता है।
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