वेजाइनल बर्निंग होना एक आम समस्या है। सेक्स के दौरान हमारे शरीर में होने वाले बदलावों के चलते सेक्स बर्निंग होने लगती है। इस समस्या का सबंध हमारी वेलनेस और हाइजीन पर निर्भर करता है। हांलाकि यौन संबधों के दौरान होने वाली जलन के चलते हम सेक्सुअल लाइफ को एंजाय नहीं कर पाते हैं। बर्निंग के यूं तो कई कारण होते हैं। जानते हैं, वेजाइनल बर्निंग के कारण और उसे दूर करने के उपाय भी (sensation post intimacy)।
इस बारे में बातचीत करते हुए स्त्री रोग विशेषज्ञ डाॅ रितु सेठी का कहना है कि वजाइनल ड्राइनेस, संक्रमण और एचित पोज़िशन में सेक्स न करना बर्निंग सेंसेशन का कारण बनते हैं। कई बार ल्यूब्रिकेंटस का अत्यधिक प्रयोग करने से एलर्जी की समस्या बढ़ने लगती है। इसके अलावा इंटरकोर्स के दौरान होने वाली सेंसेशन बैक्टिीरियल इंफेक्शन (Sensation bacterial infection) के कारण बढ़ने लगती है।
कई बार पार्टनर के जेनिटल्स अपकी स्किन पर इरिटेशन और जलन का कारण बन सकते हैं। पार्टनर के जेनिटल्स का साइज़ आपकी स्किन के लिए पेनफुल हो सकता है।
सेक्स् के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले लेटेक्स, लोशन और कई प्रकार के परफ्यूम एलर्जी का कारण बन जाते हैं। इससे जेनिटल्स पर इरिटेशन होने लगती है। कई बार बार ल्यूब्रिेशन न होने की भी समस्या बढ़ने लगती है।
अगर आप एसटीआई से ग्रस्त हैं, तो सेक्स करने से बचें। दरअसल, कई प्रकार के यौन संचारित संक्रमण जैसे गोनोरिया या ट्राइकोमोनिएसिस सेक्स के बाद इरिटेशन का कारण बनने लगता हैं। इससे प्राइवेट पार्टस में दर्द के साथ खुजली व जलन की समस्या बढ़ जाती है।
कुछ पोज़िशन्स त्वचा के लिए नुकसानदायक साबित होती हैं। इसके चलते तेज़दर्द और शरीर में ऐंठन महसूस होने लगती है। वे पोज़िशन्स जिनमें डीप पेनीट्रेशन होता है। वे सर्विक्स को स्टिम्यूलेट कर देते हैं। इसके चलते महिलाओं को दर्द का अनुभव होेने लगता है।
उम्र और मेनोपाॅज के नज़दीक आने के चलते वजाइनल ड्राइनेस बढ़ने लगती है। वजाइन का रूखापन दर्द का कारण बनन लगता है। इससे आप यौन संबध बनाने में दिकत अनुभव करते है। इससे शरीर में दर्द महसूस होने लगती है।
सेक्स के दौरान ल्यूब्रिकेंटस का इस्तेमाल अवश्य करें। इससे सेक्स के दौरान दर्द की समस्या खत्म हो जाती है। दरअसल, रूखेपन से फ्रिक्शन बढ़ता है। इससे स्किन इरिटेट होती है। इसके चलते त्वचा पर जलन का एहसास होने लगता है। अगर आपको ल्यूब्रिकेंट के प्रयोग के बाद दर्द या जलन का एहसास होने लगता है, तो उसके तुरंत बदल दें। परफ्यम या किसी प्रकार का फ्लेवर देने वाले प्रोड्क्टस से दूर रहें।
आप उस पोजिशन को ही सिलेक्ट करें, जिसमें आप कंफर्टएबल महसूस करते हैं। इससे प्लेजर और सेक्स लाॅन्ग लास्टिंग हो जाते हैं। आप अपनी सुविधा के मुताबिक पोज़िशन को ट्रैक करें। हर बार अलग पोज़िशन से सेक्स में रोमांच भी बढ़ने लगता है। कई बार दर्द के चलते लोग ओरल सेक्स को भी महत्व देने लगते हैं। इंटरकोर्स के लिए मिशनी, काओ गर्ल और डाॅगी स्टाइल पोज़िशन प्रयोग में लाई जाती है।
खुद को रिलैक्स रखने के लिए और दर्द कम करने के लिए आइस पैक या कोल्ड कंप्रैस अवश्य इस्तेमाल करें। इससे सूजन और जलन की समस्या हल हो जाती है। साथ ही आपका शरीर सुकून का अनुभव करता हे। सेक्स के बाद आइस पैक का कुछ देर इस्तेमाल करें। इससे बर्निंग सेंसेश्सन अपने आप कम हो जाती है।
एक दूसरे को समझना बेहद ज़रूरी है। अगर आप हर बार दर्द महसूस कर रही है, तो ये इस बात को जाहिर करता है, कि आप उस पोज़िशन में कंफर्टएबल नहीं है। ऐसे में पार्टनर से इंटरैक्ट कीें और सेक्सुअल लाइफ में रोमांच पैदा करने के लिए नई चीजों का प्रयोग करें।
वजाइनल टियर्स से बचने के लिए पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज़ ज़रूर करें। इससे शरीर में मौजूद ऐंठन और दर्द की समस्या हल होने लगती है। दिन में 2 से 3 बार इस एक्सरसाइज़ को अवश्य करें। इस बात को समझें कि वर्कआउट से आपकी शरीर हेल्दी रहेगा और लचीलापन महसूस होने लगेगा।
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