ज्यादातर महिलाओं की प्रजनन क्षमता 20-30 की उम्र के दौरान चरम पर होती है। उम्र के साथ-साथ यह धीरे-धीरे कम होने लगता है। अंडाशय या ओवरी कम अंडे और कम प्रजनन हार्मोन (reproductive hormones) का उत्पादन करने लग जाते हैं। जब महिलाएं फर्टाइल होती हैं, तो कुछ खाद्य पदार्थ महिला की गर्भधारण करने की क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं। ये खाद्य पदार्थ पोषक तत्व प्रदान करके प्रजनन क्षमता को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं।
फोलिकुलर फेज पीरियड के पहले दिन से शुरू होता है। यह 13 से 14 दिनों तक चलता है। यह ओव्यूलेशन में समाप्त हो जाता है। मस्तिष्क में पिट्यूटरी ग्लैंड ओवरी की सतह पर फोलिकल के उत्पादन को उत्तेजित करने के लिए एक हार्मोन जारी करती है। आमतौर पर केवल एक फोलिकल ही अंडे में परिपक्व होता है।
यदि कोई महिला फोलिकुलर फेज में स्वस्थ रहती है, तो वे कई काम बेझिझक कर सकती है। वह मीडियम इंटेंसिटी वाले वर्कआउट कर सकती है, जो फिटनेस बनाते हैं। साथ ही मांसपेशियों के निर्माण के लिए रेसिस्टेंस ट्रेनिंग पर भी ध्यान केंद्रित करती हैं। इस चरण में शरीर को सबसे अधिक आयरन की जरूरत होती है। इसलिए अपने भोजन में वे हेल्दी तरीके से पकाया गया रेड मीट, डार्क चिकन मीट और शेलफिश भी शामिल कर सकती हैं।
इस फेज के दौरान पर्याप्त पोषण विशेष रूप से जरूरी है। इस दौरान एग जारी करने की तैयारी के लिए शरीर को जरूरी ऊर्जा चाहिए। पीरियड के फोलिकुलर फेज के दौरान शरीर ऊर्जा के लिए वसा या प्रोटीन की तुलना में कार्बोहाइड्रेट पर अधिक निर्भर होता है। प्रेगनेंसी की तैयारी के लिए भी फोलिकुलर फेज का हेल्दी होना जरूरी है ।
फोलिकुलर फेज के दौरान सबसे जरूरी होता है हेल्दी फैट का सेवन। ये ओमेगा-3 फैटी एसिड से मिल सकते हैं। सैल्मन और टूना जैसी वसायुक्त मछलियां हेल्दी आयल और ओमेगा-3 फैटी एसिड के बेहतरीन स्रोत हैं। इनमें ओमेगा 6 फैटी एसिड भी मौजूद होते हैं। ये फोलिक्ल के विकास और मजबूती को बढ़ावा देती हैं।
पत्तेदार साग, बीन्स और लीन मीट जैसे आयरन युक्त खाद्य पदार्थ प्रजनन अंगों को पोषण देते हैं। ये पीरियड के दौरान फोलिकुलर फेज में शरीर को जरूरी नुट्रीएंट देते हैं। इनमें मौजूद विटामिन सी आयरन के अवशोषण में मदद करता है। जिंक हार्मोन प्रोड्क्शन और रेगुलेशन में मदद करते हैं। पर्याप्त जिंक के लिए अपने आहार में ओयस्टर, कद्दू के बीज और पालक को शामिल कर सकती हैं।
बेहतर पोषक तत्व अवशोषण के लिए अंकुरित अनाज और सीड्स को शामिल करें। अंकुरण प्रक्रिया एंटीन्यूट्रिएंट्स को तोड़ देती है जो मिनरल अवशोषण में बाधा उत्पन्न कर सकते हैं। इसके साथ ही फरमेंटेड खाद्य पदार्थ जैसे किमची, साउरक्रोट और केफिर प्रोबायोटिक्स से भरपूर होते हैं, जो बेहतर पाचन को बढ़ावा दे सकते हैं। ये गट माइक्रोबायोम बढ़ा सकते हैं।
फुल फैट वाले फ़ूड खासकर ग्रीक स्टाइल योगर्ट भी फोलिक्ल फेज के लिए जरूरी है। विटामिन बी के स्रोत वाले अंडे, सैल्मन, सार्डिन और डार्क ग्रीन सब्जियां भोजन में शामिल किये जा सकते हैं। कद्दू के बीज और अलसी के बीज विशेष रूप से लिग्नांस में फाइटोएस्ट्रोजेन का हाई लेवल होता है। ये फोलिक्ल फेज में शरीर को मजबूत बनाये रखने में मदद करते हैं।
हेल्दी फोलिकुलर फेज के लिए स्नैक्स में नियमित रूप से नट्स शामिल करना चाहिए। स्नैकिंग के लिए काजू और ब्राजील नट्स का प्रयोग कर सकती हैं। हेल्दी फोलिक्ल के विकास के लिए जरूरी जिंक और सेलेनियम के ये बेहतरीन स्रोत हैं।
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