मेंस्ट्रुअल साइकिल के आंरभ होने से पहले ही महिलाओं में अजीब सी उलझन, चिड़चिड़ापन और तनाव दिखने लगता है। इसके चलते उन्हें बेचैनी घेरे रखती है। अब चीजों को रखकर भूलना, असमंजस में रहना और किसी भी काम में फोक्स करने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है। शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव भी इसका मुख्य कारण बन जाते हैं। महिलाओं की इस कंडीशन को ब्रेन फॉग कहा जाता है, जो प्रीमेंस्ट्रूअल सिंड्रोम का ही एक अंग है। हर महीने महिलाएं इस समस्या से होकर गुज़रती है। जानते हैं एक्सपर्ट से इस समस्या से बाहर आने के उपाय (brain fog before period)।
इस बारे में बातचीत करते हुए मनोवैज्ञानिक डॉ युवराज पंत कहते हैं कि ब्रेन फॉग उस अवस्था को कहते हैं, जब सोचने समझने की शक्ति कम हो जाती है और दिमाग सुन्न होने लगता है। विचारों का ओवरलोड और अत्यधिक तनाव और शारीरिक थकान इसका कारण साबित होते हैं। डॉ युवराज के अनुसार महिलाएं छोटी छोटी बातों को भूलने लगती है और हर पल चिंताग्रस्त रहने लगती है।
ये आर्गेनिक और साइकोजैनिक होने लगता है। मस्तिष्क में सिकुड़न आने लगती है। इससे याददाश्त की कमी होने लगती है। पीरियड का भय महिलाओं की चिंता का कारण बनने लगता है। इससे चिंता, भय और घबराहट होने लगती है। इसका असर मेंटल हेल्थ पर दिखने लगता है। यही ब्रेन फॉग का कारण बनने लगते हैं। इसे ब्रेन फॉग सिंड्रोम (brain fog syndrome) या प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम कहा जाता है।
ज्यादा मात्रा में कैफीन इनटेक से तनाव की स्थिति बनी रहती है। शरीर एक्टिव रहता है। जो नींद न आने की समस्या को भी बढ़ाने लगता है। ऐसे में दिनभर में बार बार चाय और कॉफी पीने से बचें। पेट में होने वाली ऐंठन से बचने के लिए चाय को आप हेल्दी वेजिटेबल सूप से रिप्लेस कर सकते हैं।
छोटी छोटी बातों पर चितिंत होने की आदत आपके माइंड के लिए नुकसानदायक साबित होने लगती है। इससे ब्रेन फॉग की समस्या बढ़ने लगती है। फिर चीजों को भूलना और फाक्स करने में तकलीफ का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा हर पल मन उदास बना रहता है।
अकेलापन ब्रेन फॉग की समस्या को बढ़ाने लगता है। इसके चलते अधिकतर समय दोस्तों के साथ बिताएं। उनसे बातचीत करें और समस्या पर विचार करें। इसके अलावा परिवारजनों के साथ भी क्वालिटी टाइम स्पैंड करें। साथ ही अकेलेपन को दूर करने के लिए खुद को किसी न किसी एक्टिविटी में व्यस्त रखें।
सांस को नियंत्रित करने आप तन और मन दोनों को हेल्दी बना सकते हैं। दिनभर में कुछ वक्त ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ करें। इससे मानसिक शांति प्राप्त होती है। आलोम विलोग की क्रिया तनाव और एंग्जाइटी को दूर करने में मदद करती है।
खुद को ब्रेन फॉग से बाहर निकालने के लिए इस बात को स्वीकार लें कि पीरियड साइकिल एक मंथली एक्सरसाइज़ है। जो हर महीने 3 से 5 दिनों तक बनी रहती है। इससे हमारे शरीर को कोइ भी नुकसान नहीं पहुंचता है। इस भय को बाहर निकालने से आपका मन शांत और उदासी से बाहर आने में सक्षम होगा।
अपनी मील में अन्य पौष्टिक तत्वों के अलावा आयरन को भी शामिल करें। इससे शरीर में होने वाली हीमोग्लोबिन की कमी को दूर किया जा सकता है। इसके अलावा अन्य पौष्टिक तत्वों को भी अपनी डाइट में शामिल कर लें। इससे आप शारीरिक और मानसिक तौर पर मज़बूत बने रहते हैं।
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