यदि आप भारतीय हैं और थोड़ा बहुत भी आयुर्वेदिक हर्ब्स के बारे में सुना है, तो आप अश्वगंधा से जरूर परिचित होंगी। कोरोनावायरस महामारी के दौरान इसी आयुर्वेदिक हर्ब्स का नाम बार-बार इम्युनिटी बूस्ट करने के लिए सुना गया। असल में अश्वगंधा एक प्रकार की जड़ी- बूटी है, जो अलग-अलग क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार में पाई जाती है। इसके पेड़ ज्यादातर सूखे क्षेत्रों में देखने को मिलते हैं। इसकी जड़ों के रस से घोड़े के मूत्र जैसी बदबू आती है। इसलिए इसे अश्व गंधा यानी घोड़े जैसी गंध का नाम दिया गया है। अपने औषधीय गुणों के कारण अब अश्वगंधा दुनिया भर में प्रसिद्ध हो चुका है। पर इसका लाभ तभी है, जब आप शुद्ध अश्वगंधा लें और उसका सही तरह से इस्तेमाल करें। आइए जानते हैं क्या है अश्वगंध को इस्तेमाल (How to use Ashwagandha) करने का सही तरीका।
पोषक तत्वों से भरपूर अश्वगंधा आपकी सेहत के लिए अत्यधिक फायदेमंद हो सकती है। वहीं आयुर्वेद में इसका उपयोग विभिन्न औषधियां बनाने के लिए किया जाता रहा है। अश्वगंधा में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी इन्फ्लेमेटरी के साथ एंटी बैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं। अश्वगंधा को कैंसर, तनाव, चिंता, पुरुषों में प्रजनन क्षमता बढ़ाने से लेकर गठिया, अस्थमा, ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं में राहत पाने के लिए किया जाता है। परंतु गर्भवती महिलाओं को इसके सेवन से परहेज रखना चाहिए, अन्यथा प्रसव जल्दी होने की संभावना बन सकती है।
लोग इसके बारे में जानते तो हैं, पर इसका उपयोग कैसे किया जाए, इससे ज्यादातर लोग अनजान हैं। इसलिए आज हम आपको अश्वगंधा के फायदों के साथ ही इसे इस्तेमाल करने का तरीका भी बताने जा रहे हैं।
अश्वगंधा का सेवन कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी में भी असरदार माना जाता। यह शरीर मे कैंसर सेल्स को बनने से रोकता है। साथ ही शरीर में रिएक्टिव ऑक्सीजन प्रजातियों (Reactive oxygen species) का निर्माण करता है, जो कीमोथेरेपी के साइड इफेक्ट से बचाव करने में मददगार होते हैं।
अश्वगंधा शरीर में रोग निरोधक क्षमता को बढ़ाता है। साथ ही संक्रमण की संभावना और बीमारियों के प्रभाव को भी कम कर देता है। ब्लड सेल्स और प्लेटलेट काउंटस को भी बढ़ाने में मदद करता है।
अश्वगंधा पुरुषों के स्पर्म काउंट को बढ़ाने के साथ ही इसकी गतिशीलता को भी बढ़ाता है। वहीं पुरुषों में लंबे समय तक स्पर्म की प्रजनन क्षमता को बनाए रखने में मदद करता है।
आयुर्वेद में अश्वगंधा को सालों से एंग्जाइटी और तनाव को कम करने के लिए जाना जाता रहा है। पब मेड द्वारा किये गए एक अध्ययन में देखा गया कि अश्वगंधा की जड़ में पाए जाने वाले तरल पदार्थ स्ट्रेस और एंग्जाइटी जैसी समस्याओं को कम करने में मददगार होते हैं। साथ ही अश्वगंधा मेंटल हेल्थ को भी नियंत्रित रखता है। कंसंट्रेशन और एनर्जी लेवल को बनाए रखने में फायदेमंद है।
अश्वगंधा की जड़ और पत्तियों में पाए जाने वाले फ्लेवोनॉयड डायबिटीज की समस्या में फायदेमंद हो सकते हैं। साथ ही अश्वगंधा में एंटी डायबिटीज और एंटी हाइपरलिपिडेमिक गुण पाए जाते हैं, जो शरीर में ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने में मदद करते हैं।
एक अध्ययन में देखा गया कि अधिक मात्रा में अश्वगंधा का प्रयोग शरीर में शुगर लेवल को बढ़ा सकता है। इसलिए सीमित मात्रा में ही इसका सेवन करने का प्रयास करें।
अश्वगंधा की जड़ों में एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। जो हृदय संबंधी समस्याओं से निजात पाने में मददगार हो सकते हैं। यह हृदय को मजबूत रखते हैं और ब्लड कोलेस्ट्रॉल लेवल को भी नियंत्रित रखने में भी मददगार हैं। हार्ट हेल्थ के लिए ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल का कंट्रोल रहना बहुत जरूरी है और अश्वगंधा का सेवन इसमें आपकी मदद कर सकता है।
अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें
कस्टमाइज़ करेंनेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा 50 लोगों पर किए गए एक अध्ययन में उन्हें 12 हफ्ते तक 600 मिग्रा अश्वगंधा की जड़ का चूर्ण दिया गया और उन सभी की नींद की गुणवत्ता में सुधार देखने को मिला। अर्थात इनसोम्निया से पीड़ित लोगों के लिए अश्वगंधा बहुत ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है।
अपनी इम्युनिटी बढ़ाने के लिए अश्वगंधा की चाय का प्रयोग कर सकती हैं। कैफ़ीन फ्री हर्बल ड्रिंक आपको पूरे दिन तरोताजा रहने में मदद करेगी।
एक बाउल में पानी लें और उसमें अश्वगंधा की जड़ों को डाल दें और इसे 5 से 7 मिनट तक अच्छी तरह उबलने दें। फिर इसे एक कप में निकालें और आपकी चाय बन कर तैयार है।
अश्वगंधा का सेवन करने का एक सबसे अच्छा तरीका है उसे चूर्ण के रूप में लेना। अश्वगंधा चूर्ण बनाने के लिए इसकी जड़ों को कुछ दिनों तक धूप में सूखने के लिए रख दें। उसके बाद इसे पीसकर चूर्ण बना लें और किसी बोतल में रख दें। जबकि बाज़ार में इसका चूर्ण तैयार भी मिलता है। आप अपनी सुविधानुसार कोई भी विकल्प चुन सकती हैं।
हर रोज एक चम्मच अश्वगंधा पाउडर को एक गिलास गर्म दूध में मिलाकर पियें। नियमित रूप से ऐसा करने से कई स्वास्थ्य लाभ नजर आ सकते हैं।
स्किन, हेयर प्रॉब्लमस से लेकर इम्युनिटी बूस्ट करने तक में अश्वगंधा अत्यधिक फायदेमंद होता है। ऐसे में अश्वगंधा, गोक्षुर, सफेद मूसली और शिलाजीत के चूर्ण को गुड़ के साथ मिलाकर छोटे-छोटे लड्डू जैसा बना लें। हर रात सोने से पहले एक से दो लड्डू खाएं, कुछ दिनों में ही परिणाम नजर आने लगेंगे।
अश्वगंधा कैप्सूल कहीं भी आसानी से उपलब्ध होता है। इसलिए महिलाएं सप्ताह में 3 से 4 दिन अश्वगंधा कैप्सूल्स का सेवन कर सकती हैं। यह उनकी सेहत के साथ-साथ सौंदर्य को भी बनाए रखने में मदद करेगा। हालांकि, ध्यान रहे कि अधिक मात्रा में अश्वगंधा आपकी सेहत के लिए नुकसानदेह भी हो सकता।
गठिया पीड़ित मरीजों के लिए अश्वगंधा का तेल किसी वरदान से कम नही है। इसलिए अश्वगंधा की जड़ों का तेल गठिया के दर्द से निजात पाने में काफी ज्यादा फायदेमंद होता है। साथ ही आम लोग भी अपनी मांसपेशियों के दर्द से राहत पाने के लिए इसका प्रयोग कर सकते हैं।
अश्वगंधा महिलाओं के सौंदर्य को बनाए रखने में भी फायदेमंद होता है। इसका लाभ आप अपने बालों के लिए लेना चाहती हैं, तो हेयर मास्क के रूप में इसे इस्तेमाल करें। अश्वगंधा चूर्ण और उसके तेल को मिलाकर बनाया गया हेयर मास्क मेलानिन प्रोड्यूस करता है। यह बालों के प्राकृतिक रंग को बनाए रखता है। साथ ही बदलते मौसम में बाल झड़ने की समस्या से भी निजात पाने में मददगार हो सकता है।
यह भी पढ़े : क्या रात में चेहरा साफ करने के बावजूद सुबह चेहरा धोना जरूरी है? जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट