प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में कई सरे बदलाव नजर आते हैं। इस दौरान हॉर्मोन्स में उतर-चढाव होने से परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अक्सर महिलाएं प्रेगनेंसी में अपने बालों को लेकर बेहद चिंतित रहती हैं। प्रेगनेंसी हेयर फॉल की समस्या एक आम समस्या है। यह समस्या किसी को अधिक तो किसी को कम प्रभावित करती है, परन्तु इसका सामना सभी महिलाओं को करना पड़ता है। प्रेगनेंसी में होने वाले हेयर फॉल की स्थिति को टेलोजेन एफ्फ्लूवियम (telogen effluvium) कहते हैं। हालांकि, महिलाएं चाहें तो प्रेगनेंसी हेयर फॉल की स्थिति को उचित देखभाल के साथ कंट्रोल कर सकती हैं (how to stop hair fall during pregnancy)।
ऑब्स्टट्रिशन और गयनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर भूमिका बंसल ने प्रेगनेंसी में बाल झड़ने के कारण (what causes hair fall in pregnancy) बताते हुए इसे कम करने के कुछ प्रभावी उपाय भी बताये हैं (how to stop hair fall during pregnancy)। तो चलिए जानते हैं इसपर क्या कहती हैं एक्सपर्ट।
प्रेगनेंसी के दौरान हेयर फॉल की समस्या लगभग 40 से 50 प्रतिशत तक महिलाओं को प्रभावित करती है। हां, इस समस्या का प्रभाव किसी को ज्यादा तो किसी को कम देखने को मिल सकता है। आमतौर पर प्रेगनेंसी के 3 से 4 महीने के बाद हेयर फॉल की समस्या शुरू होती है। यह समस्या कुछ समय के लिए ही आपको परेशान करती है। आमतौर पर प्रेगनेंसी के 6 से 12 महीने के बाद, यह खुद व् खुद कंट्रोल हो जाती है।
प्रेगनेंसी में बॉडी में बढ़ता एस्ट्रोजन का स्तर हेयर ग्रोथ को प्रभावित कर सकता है। इसके अलावा यह स्थिति अधिक तनाव के कारण भी उत्त्पन होती है। साथ ही आयरन, विटामिन और मिनरल्स की कमी भी इसका एक बड़ा कारण है। इसलिए सभी महिलाओं को परेशानी से बचने के लिए प्रेगनेंसी में पूर्ण देखभाल की आवश्यकता होती है।
अपनी डाइट में अधिक से अधिक मात्रा में हेल्दी फल और सब्जियों को शामिल करें। फ्लेवोनॉइड और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर फलों का चयन करें, यह आपके हेयर फॉलिकल को स्वस्थ रखते हैं और बालों को जड़ से मजबूत बनाते हैं। यह पोषक तत्व शरीर में हॉर्मोन्स के संतुलन को बनाये रखते हैं, साथ ही फलों का उचित सेवन बॉडी को डिटॉक्सीफाई करता है, जिससे की बालों की सेहत को बनाये रखने में मदद मिलती है।
बायोटिन और सिलिका युक्त शैम्पू मार्केट में आसानी से मिल जाते हैं। वहीं यदि आप पहले से सल्फेट युक्त शैम्पू का इस्तेमाल कर रही हैं, तो आज ही इसे अपनी हेयर केयर से बाहर कर दें। बायोटिन और सिलिका बालों के लिए दो आवश्यक तत्व हैं, जो स्कैल्प में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ावा देते हैं और हेयर फॉलिकल्स की सेहत को बनाये रखते हुए बालों को जड़ से मजबूत बनाते हैं। ऐसे में आपको प्रेगनेंसी के दौरान कम या न के बराबर हेयर फॉल का सामना करना पड़ता है।
प्रेगनेंसी के दौरान महिलाएं काफी संबेदनशील और मूडी रहती हैं और कई बार मूड खराब होने पर पेशेंस खो देती हैं। ऐसे में महिलाओं को इस दौरान मन को शांत रखने के लिए कुछ खास गतिविधियों में भाग लेना चाहिए और किसी भी कार्य को करने में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। जैसे की गीले बालों में तुरंत शैम्पू न करें, गीले बाल सामान्य सूखे बालों की तुलना में अधिक संबेदनशील और कमजोर होते हैं। वहीं इस दौरान कंघी करने से यह आसानी से टूट जाते हैं।
प्रेगनेंसी के दौरान बाल पहले से ही जड़ से डैमेज और कमजोर होते हैं, ऐसे में गीले बालों में शैम्पू करना आपको हेयर फॉल की समस्या से ग्रसित कर सकता है। बालों को पहले प्राकृतिक रूप से सूखने दें फिर इसमें कंधी करें।
यदि आप अपने बालों में स्टायलिंग के लिए किसी भी प्रकार के हीटिंग टूल्स का इस्तेमाल कर रही हैं, तो इसे आज से अवॉयड करना शुरू करें। प्रेगनेंसी में आपके बाल पहले से संबेदनशील होते हैं, ऐसे में हीटिंग टूल्स इसे अधिक नुकसान पहुंचा सकते हैं। इस स्थिति में सचेत रहना बेहद महत्वपूर्ण है।
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शरीर में कुछ नुट्रिशन की मात्रा को बनाये रखने के लिए आप इनके सप्लीमेंट्स ले सकती हैं। शरीर को उचित मात्रा में विटामिन बी कॉम्प्लेक्स, बायोटिन, विटामिन सी, आयरन, हाई प्रोटीन डाइट और जिंक की आवश्यकता होती है।
प्बालों पर स्ट्रेस यानि की खिचाव डालने वाले हेयर स्टाइल्स जैसे की पिग्टेल्स, हेयर वेव्स, ब्रेड्स, टाइट हेयर रोलर, आदि से बचें। ऐसे तो इन हेयर स्टाइल्स को आम दिनों में भी नहीं करना चाहिए, परन्तु प्रेगनेंसी में बाल अधिक कमजोर हो जाते हैं इसलिए यह इन्हे अधिक प्रभावित कर सकता है। यह सभी बालों में खिचाव का कारण बनता है जिससे की हेयर फॉल की समस्या बढ़ जाती है।
प्रेगनेंसी के दौरान यदि अधिक हेयर फॉल हो रहा है तो डॉक्टर से सलाह लें सकती हैं। यह किसी दवाई का साइड इफ़ेक्ट या शरीर में किसी पोषक तत्व की कमी के कारण हो सकता है। वहीं एंटी हेयर फॉल मेडिसिन लेने से पहले या डाइट में बदलाव करने से पहले डॉक्टर की उचित सलाह जरूर लें।
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