पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम या पीसीओएस एक अंतःस्रावी विकार (Endocrine Disorder) है। यह महिलाओं को प्रजनन वर्षों या प्रसव के वर्षों (15-44 वर्ष) में प्रभावित करता है। पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम पयूबर्टी एज में शुरू होता है और महिला के प्रजनन वर्षों (Reproductive Age) में विकसित होता रहता है। इसके कारण अनियमित पीरियड्स के साथ-साथ वजन बढ़ जाता है। चेहरे पर बाल आ जाते हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि कुछ उपाय अपनाकर इन लक्षणों का ट्रीटमेंट किया जा सकता है।
ऑरा स्पेशलिटी क्लिनिक की डायरेक्टर और क्लाउड नाइन हॉस्पिटल, गुड़गांव में सीनियर कंसल्टेंट गायनेकोलोजी डॉ. रितु सेठी बताती हैं, ‘पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के कारण शरीर और चेहरे पर बहुत अधिक बाल Hirsutism), गंजापन, मुंहासे और वजन बढ़ना जैसे लक्षण सबसे अधिक देखे जाते हैं। यह मेल हार्मोन एण्ड्रोजन के कारण होता है। पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम वाली महिलाओं में वजन बढ़ने का मुख्य कारण इंसुलिन प्रतिरोध (Insulin Resistance) है।
जब शरीर में कुछ कोशिकाएं पैनक्रियाज द्वारा उत्पादित इंसुलिन का जवाब नहीं देती हैं, तो इंसुलिन प्रतिरोध होता है। पैनक्रियाज सामान्य ब्लड शुगर के स्तर को बनाए रखने के लिए अधिक इंसुलिन पैदा करता है। इससे अधिक एण्ड्रोजन उत्पादन होता है और वजन बढ़ जाता है। इसके कारण ही बाल अधिक बढ़ जाते हैं। वजन बढ़ने पर डायबिटीज, हार्ट डिजीज, हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्या हो सकती है।‘
शरीर में इंसुलिन का हाई लेवल शरीर के वजन बढने के साथ जुड़ा हुआ है। कार्बोहाइड्रेट शरीर में इंसुलिन के स्तर को प्रभावित करते हैं। इंसुलिन के स्तर को सामान्य रखने के लिए कम कार्बोहाइड्रेट आहार लेना मददगार होता है। कम कार्बोहाइड्रेट आहार के अलावा, लो ग्लाइसेमिक आहार भी मदद करता है। ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) मापता है कि कोई विशेष भोजन कितनी तेजी से ब्लड शुगर बढ़ाता है।
हाई फाइबर डाइट लेने से पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम में भी मदद मिलती है। फाइबर लेने से पेट लंबे समय तक भरा रहता है। इसका मतलब है भूख कम लगना, इंसुलिन प्रतिरोध में कमी, पेट के आसपास वजन कम होना।
हेल्दी प्रोटीन विकल्प जैसे अंडे, नट्स, और सी फ़ूड पेट भरा हुआ होने और शरीर को अधिक कैलोरी जलाने में मदद करते हैं। यह क्रेविंग को नियंत्रित करने में मदद करता है।
हाई वसा वाले आहार खाने से वजन बढ़ता है। इस आम गलत धारणा के विपरीत हाई वसा वाले आहार का मतलब वास्तव में स्वस्थ वसा होता है। नट्स से मिला वसा, एवोकाडो, ऑलिव, नारियल आदि जैसे स्रोत हेल्दी फैट हैं। ये वजन घटाने में मदद कर सकते हैं। स्वस्थ वसायुक्त आहार भूख को कम करके पेट की चर्बी को कम करते हैं।
किण्वित खाद्य पदार्थ जैसे केफिर, दही, सौकरकूट, किमची खाने से आंत में स्वस्थ बैक्टीरिया क संख्या बढ़ाती है। इससे वजन घटाने और फेशियल हेयर कम करने में में मदद मिल सकती है। ये खाद्य पदार्थ प्रोबायोटिक्स से भरपूर होते हैं, जो वजन और चयापचय प्रबंधन में मदद कर सकते हैं।
प्रोसेस्ड फ़ूड चीनी और परिष्कृत कार्बोहाइड्रेट में उच्च होते हैं। ये इंसुलिन प्रतिरोध के जोखिम को बढ़ाते हैं। पीसीओएस वाली महिलाओं को केक, डिब्बाबंद सूप, बिस्कुट, कैंडी आदि जैसे प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए। ये वजन पर नियन्त्रण और फेशियल हेयर कम करने में मदद कर सकते हैं।
सूजन चोट या संक्रमण के लिए शरीर की प्राकृतिक प्रतिक्रिया है। पीसीओएस वाली महिलाएं पुरानी सूजन से पीड़ित होती हैं, जो मोटापे और अत्यधिक हेयर ग्रो का कारण बनती हैं। प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ और शर्करा शरीर के सूजन में योगदान करते हैं। सूजन यानी इन्फ्लेमेशन का मुकाबला करने के लिए फल, सब्जियां, साबुत अनाज, ओमेगा-3 युक्त खाद्य पदार्थ जैसे कि फैटी फिश से भरपूर आहार लें।
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