सर्दियों के बाद, बहार का यह मौसम किसी का भी मन मोह लेता है। पर क्या आपने ध्यान दिया कि इन दिनों हवा में बहुत महीन कण उड़ते हुए नजर आते हैं। असल में ये पराग गण हैं, जो फूलों के खिलने के दौरान निकलते हैं और हवा में शामिल हो जाते हैं। ज्यादातर लोगों काे जहां इनसे कोई फर्क नहीं पड़ता, वहीं कुछ लोग इस मौसम में सर्दी-जुकाम और फ्लू से ग्रस्त हो जाते हैं। इसलिए इस मौसम में को फ्लू सीजन या पोलन सीजन भी कहा जाता है। अगर आप भी पोलन एलर्जी से ग्रस्त हैं, तो आपके लिए जरूरी है इससे बचाव के उपायों (how to prevent pollen allergy) के बारे में जानना।
पोलन सीजन वसंत के आने के साथ ही शुरू हो जाता है। हर तरफ पेड़-पौधों पर नए पत्ते और फूलों की बहार नजर आने लगती है। यही पोलन कुछ लोगों में एलर्जी की वजह बनता है। फूलों में पाउडर जैसे छोटे कण होते हैं, इन्हें ही पोलन या परागकण कहते हैं। यह फूलों या वनस्पति को निषेचित (Fertile) करने का काम करता है। जब मधुमक्खी या तितली एक फूल से दूसरे फूल पर बैठती है, तो उनके पैरों पर ये छोटे कण जिसे पोलन कहा जाता है चिपक जाते हैं। यह एक ही प्रजाति के फूल को निषेचित या फर्टाइल करता है, जिससे फूलों और फलों का तादाद में वृद्धि होती है।
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ये पोलन इतने छोटे होते हैं कि हवा में भी उड़ते हैं और जब हम सांस लेते हैं तो ये हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। इसे हमारा शरीर पहचान नहीं पाता है और इम्यून सिस्टम इससे लड़ने की कोशिश करता है। जिससे शरीर में एलर्जिक रिएक्शन होते हैं।
अमेरिका के अस्थमा और एलर्जी फाउंडेशन के अनुसार पोलन एलर्जी (Pollen allergy) को हे फीवर (Hay fever) भी कहा जाता है। पोलन के शरीर में प्रवेश करने के बाद प्रतिरक्षा प्रणाली इससे लड़ने की कोशिश करती है। जिससे छींक आना, आंखों से पानी आना, आंखों में जलन होना, नाक बंद, गले में खराश, साइनस, खांसी होने के लक्षण दिखाई देते हैं।
जिन लोगों को पहले से अस्थमा है उन लोगों को इस समय और ज्यादा तकलीफ का सामना करना पड़ता है। अगर स्थिति गंभीर होती है, तो सांस नली सिकुड़ जाती है और सांस लेने में काफी दिक्कत होती है।
अगर आपको अस्थमा है या एलर्जी होती है तो बाहर निकलने से बचें और बाहर निकलते है तो सबसे पहले आपको एन-95 मास्क और सन ग्लास पहनने चाहिए ताकि आप हवा में तो पोलन है उससे बच सकें।
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अगर घर में किसी को एलर्जी है या जल्दी खांसी जुकाम हो जाता है, तो दिन के समय घर की खिड़कियां बंद करके रखें।
अपनी इम्युनिटी को मजबूत बनाएं ताकि कोई भी वायरस आसानी से आपको बिमार न कर सके। डाइट में प्रोटीन और विटामिन सी युक्त चीज़ों को शामिल करना शुरू करें जैसे- दाल, अंकुरित अनाज, सोयाबीन अंडा, चिकन और संतरा जैसे खट्टे फलों को लें।
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कस्टमाइज़ करेंअस्थमा के मरीजों को ज्यादा समस्या हो सकती है इसलिए इस मौसम में बाहर जाने या मॉर्निंग वॉक पर न जाएं क्योंकि इससे समस्या और ज्यादा बढ़ सकती है। सही समय पर दवाएं भी लेते रहें ताकि आप फ्लू से बचे रहें।
इस मौसम के शुरू होने से पर कुछ घरेलू उपाय आजमाएं जिसमें हल्दी वाला दूध पी सकते है। बालों और त्वचा पर पोलन जमा हो सकता है जो आपके साथ कहीं भी पहुंच सकता है। कोशिश करें कि रात को सोने से पहले अपने सर को धो लें या नहा लें।
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