हमारा पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ कार्यों और दायित्वों से भरा रहता है। कार्यों और दायित्वों को पूरा करने के लिए संवाद बहुत जरूरी हैं। यदि हम अपनी बात नहीं कह पाते हैं, तो हमारी पर्सनल और प्रोफेशनल दोनों तरह की ग्रोथ रुक जाती है। यह सच है कि कुछ लोग इन्ट्रोवर्ट होते हैं। उन्हें अपनी बात कहने में कठिनाई होती है। यहां बताये जा रहे टिप्स एक्स्ट्रोवर्ट (How to be extroverted) होने में मदद कर सकते हैं।
अंतर्मुखता या इन्ट्रोवर्ट और बहिर्मुखता या एक्स्ट्रोवर्ट किसी भी व्यक्ति के स्वभाव और व्यक्तित्व को दर्शाते हैं। किसी एक लेबल तक खुद को सीमित नहीं करना चाहिए। दोनों की अधिकता नुकसानदेह है, लेकिन अपनी बात कहना भी जरूरी है। अपनी बात या विचारों को स्पष्ट रूप से कहना या लोगों के बीच रखना ही एक्स्ट्रोवर्ट होना होता है।
एक्स्ट्रोवर्ट होने पर स्किल डेवलपमेंट, सॉफ्ट स्किल विकसित करने, सीखने यहां तक कि प्रमोशन पाने में भी मदद मिल सकती है। बहुत अधिक इंट्रोवर्ट होने से आपकी क्षमताएं और विशेषताएं भी सीमित दायरे में आ सकती हैं।
अंतर्मुखी लोग आमतौर पर गहरी बातचीत का आनंद लेते हैं। खासकर उन विषयों के बारे में जिनके बारे में वे बहुत कुछ जानते हैं। बहिर्मुखी या एक्स्ट्रोवर्ट बनने के लिए लोगों से छोटी-छोटी बातचीत से शुरुआत करना जरूरी है। जरूरी व्यक्ति से मिलने-जुलने और उन्हें अपनी बात कहने की कोशिश करें।
किसी छोटी-सी बात को सतही मानने की बजाय उसके प्रति अपना दृष्टिकोण बदलें। बातचीत वर्क रिलेशन बनाने की दिशा में पहला कदम है।
यदि आप ऑफिस या घर की किसी मीटिंग में भाग लेने जा रही हैं, तो संभावित बातचीत के बारे में जानकारी जुटाएं। ऑफिस मीटिंग के लिए छोटे नोट्स भी बना लें। अपनी बात के भी नोट्स बना लें। पहले से तैयारी करने पर आप कहीं भी अटकेंगी नहीं। इससे अपने विचारों को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत कर पाएंगी।
कई बार बातचीत का नाम सुनते ही थकान का एहसास होने लगता है। यदि आप ऐसा महसूस करती हैं, तो खुद को एनर्जेटिक बनाये रखने के लिए प्रयास करें। यह हेल्दी एनर्जी ड्रिंक या 1 कप चाय भी हो सकते है। इसके लिए आप शेड्यूल ब्रेक भी ले सकती हैं। मेंटल हेल्थ के लिए कुछ कदम टहलना और सांसों पर ध्यान देना भी मददगार हो सकता है।
अंतर्मुखी होने के कारण आप बढ़िया श्रोता तो जरूर होंगी। इसे और निखारें। सामने वाले की बात ध्यान से सुनें। इससे ही आपको अपनी बात कहने का सिरा मिल जाएगा। सामने वाले के साथ आई कांटेक्ट बनाये रखें। अपनी शारीरिक भाषा नियंत्रित करें। अपना पूरा ध्यान बोलने वाले साथी (How to be extroverted) पर दें। आप ऐसी गहरी, समृद्ध बातचीत शुरू कर सकते हैं जो आपको ऊर्जा से भर देगी।
आप अपनी बात तभी कह पाएंगी, जब आप अपना एक लक्ष्य निर्धारित कर लेंगी। बातचीत की जान बनने के लिए खुद पर दबाव डालने की बजाय, छोटे और आसान लक्ष्य से शुरुआत करें। अपनी बात कहने के लिए अपना हाथ उठाकर भी शुरुआत कर सकती हैं। अपनी बात सरल शब्दों में कहने का प्रयास करें। इससे आपको बोलने में कठिनाई नहीं होगी। आगे बढ़ने वाला हर छोटा कदम आपको अधिक आरामदायक महसूस करने में मदद कर सकता (How to be extroverted) है। यह जरूरी आत्मविश्वास प्रदान कर सकता है।
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