कभी-कभी हमें अपने काम के लिए आलोचना भी सहनी पड़ती है। सकारात्मक आलोचना बुलिंग या प्रतिद्वंद्विता से अलग होती है। जो आपकी गलतियों और सुधार की अपेक्षा से की जाती है। अमेरिकी-ब्रिटिश लेखक हेनरी जेम्स ने कहा था कि अपनी आलोचना से कभी नहीं डरना चाहिए। यदि आपकी आलोचना होती है, तो इतना तय तो गया कि आपने कुछ विशेष कार्य किया है। ऐसा कार्य, जिस पर लोग अपना ध्यान केन्द्रित कर रहे हैं। अपनी आलोचना को शालीनता के साथ स्वीकार करना चाहिए। इसलिए नियन्त्रण खोने की बजाय अपनी आलोचना को स्वीकार करना भी सीखने की दिशा में एक कदम है। अगर आप अब भी ऐसा नहीं कर पा रहे हैं, तो यहां दिए गए 4 एक्सपर्ट टिप्स आलोचना को डील कर सकने (How to deal with Criticism) में मदद करेंगे।
आलोचना के लिए आपको नकारात्मक टिप्पणियां मिल सकती हैं। हममें से अधिकांश पहली प्रतिक्रिया के रूप में खुद का बचाव करते हैं। अकसर आलोचना को हम दुखदायी और मनोबल तोड़ने वाले के रूप में लेते हैं। इसके बाद खुद को जवाब देने के लिए तैयार करते हैं और जवाब देते हैं। सीनियर सायकोलोजिस्ट डॉ. ऑस्टिन फर्नांडिस इसे सकारात्मक तरीके से देखने की सलाह देते हैं। यह हमें बेहतर करने के लिए प्रेरित कर सकता है। सकारात्मक तरीका हमें खुद में सुधार लाने का एक अवसर देता है।
डॉ. ऑस्टिन फर्नांडिस बताते हैं, ‘यदि आप अपनी आलोचना सुनते ही प्रतिक्रिया देने का विचार करने लगती हैं। आलोचना करने वाले व्यक्ति पर पलटवार करने या रक्षात्मक बनने की आपकी कोशिश रहती है। जान लें कि प्रतिक्रिया देने से पहले एक मिनट का समय लें। एक गहरी सांस लें। अपने जवाब पर थोड़ा विचार करें। यहां यह जानना जरूरी है कि अपनी बात अवश्य रखें। यदि आपकी बात सही है, तो उसे कहने में झिझकें नहीं। अपनी बात खुद पर नियन्त्रण रखते हुए कहें।आलोचना को पर्सनल लेने की बजाय प्रोफेशनल तरीके से दें।’
आलोचना का सही तरीके से निपटने में तभी सफल होंगी, जब आप हर हाल में सकारात्मक रहेंगी। जिन्हें ज्यादातर लोग नकारात्मक रूप में देखते हैं, आप उन बातों को भी सकारात्मक तरीके से देखने की क्षमता विकसित करें। रिलैक्स रहने की कोशिश करें। यदि आपको लगता है कि आपकी की गई आलोचना सिर्फ नकारात्मकता को प्रतिबिम्बित करती है, तो खुद पर विचार करें। भविष्य के निर्णय लेने के लिए आप स्वतंत्र हैं। अशिष्ट होने की बजाय सकारात्मकता खोजें और आगे बढ़ें।
भले ही आपकी कोई कठोर और अशिष्ट आलोचना करे, उन्हें धन्यवाद देना न भूलें। हो सकता है कि उनका दिन ख़राब रहा हो या हो सकता है कि वे आमतौर पर एक नकारात्मक व्यक्ति हों। इसके बावजूद यदि आप उनके प्रति थैंकफुल रहेंगी, तो आपका यह रवैया शायद उन्हें परेशान कर देगा। इसके माध्यम से आप खुद को सकारात्मक बनाये रख सकेंगी। सामने वाले व्यक्ति को भी सोचने के लिए मजबूर कर सकेंगी।
यह कुछ लोगों के लिए एक कठिन अवधारणा हो सकती है। वे अक्सर सोचते हैं कि चाहे कुछ भी हो, वे सही हैं। कोई भी हमेशा सही नहीं होता। वास्तव में आप गलत भी हो सकती हैं। आलोचक सही भी हो सकता है। आप स्वयं को बेहतर बनाने के लिए खुद को बदल भी सकती हैं।अपनी आलोचना से सीखने की कोशिश कर सकती हैं। अपने में जरूरी बदलाव लायें। बेहतर करने का प्रयास करें। इसके माध्यम से न सिर्फ आप खुद में सुधार ला सकेंगी, बल्कि प्रोफेशनल फ्रंट पर भी आगे बढ़ पाएंगी।
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