प्यार करना जितना आसान लगता है, असल में उतना है नहीं। हर दिन हमारे आसपास ऐसी घटनाएं घटती हैं, जो यह साेचने पर मजबूर कर देती हैं कि आखिर प्यार में पड़ा जाए या नहीं। ज्यादातर दार्शनिकों ने प्यार को अंधा बताया है। ओल्ड स्कूल के सभी विचार यह साबित करने पर तुले हुए हैं कि किसी से प्यार करना आपके वश के बाहर और इसमें किसी भी तरह की अपेक्षा नहीं रखी जानी चाहिए। पर अगर आप मूर्खता की हद तक किसी रिश्ते में ठगे जाना नहीं चाहती हैं, तो प्यार चुनते वक्त भी आपको अपने दिल की सुननी होगी। जिसे हम गट फीलिंग कहते हैं। यहां कुछ चीजें दी गईं हैं, जिन्हें आपको बिल्कुल भी इग्नोर नहीं करना चाहिए।
प्यार के लिए जितने भी सिंबल इस्तेमाल किए जाते हैं, उनमें पान के आकार का एक दिल बना दिया जाता है। पर वास्तव में दिल का काम आपके शरीर में ब्लड को पंप करना है। बाकी सारी भावनाएं मस्तिष्क से स्रावित होने वाले हॉर्मोन्स नियंत्रित करते हैं। इसलिए अपना प्यार चुनते वक्त दिमाग का इस्तेमाल करने में कोई बुराई नहीं है।
दिमाग का इस्तेमाल करने की मतलब ये नहीं की आप कुछ गलत करें, बल्कि आप अपने लिए एक अच्छा पार्टनर देखते समय या किसी को डेट करते समय यह देखें कि वह आपके लिए सही है भी या नहीं। आज हम आपको बताते है कि प्यार की तलाश करते समय आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
जब भी शुरू में हम किसी को प्यार करते है तो वो एक ऐसा फेज़ होता है जहां हमें अपने पार्टनर की सारी बातें अच्छी लगती है, लेकिन समय के साथ बितने के साथ वो हरकत हमें परेशान करने लगती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वो चीज हमें कुछ समय के लिए पसंद होती है, लेकिन अगर रोज वही चीज हो तो अच्छा नहीं लगेगा। यही चीजें ब्रेकअप का कारण बनती है। इसलिए प्यार करते समय आपके अपने दिमाग को खुला रखने की जरूरत होती है। इस बारे में और ज्यादा जानकारी दी हमें सीनियर क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. आशुतोष श्रीवास्तव ने।
डॉ. आशुतोष श्रीवास्तव एक स्वस्थ रिश्ते को व्यक्तिगत विकास और व्यक्तिगत आकांक्षाओं में साथ देना चाहिए। ऐसा साथी ढूंढें जो आपके व्यक्तिगत विकास को प्रोत्साहित और समर्थन करे। एक साथ, आप एक व्यक्तिगत तौर और एक कपल के रूप में विकसित हो सकते हैं।
कंपैटिबिलिटी किसी भी रिश्ते में होना बहुत जरूरी है। कंपैटिबिलिटी के व्यावहारिक पहलुओं पर विचार करें, जैसे आर्थिक मामले, रहने की व्यवस्था। हालाँकि ये विषय प्रेम और रोमांस जितने रोमांचक नहीं हो सकते हैं, लेकिन ये लंबे समय की कंपैटिबिलिटी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
डॉ. आशुतोष श्रीवास्तव विश्वास किसी भी सफल रिश्ते की नीव है। किसी ऐसे व्यक्ति को अपने पार्टनर के रूप में तलाशें जो भरोसेमंद, ईमानदार और पारदर्शी हो। विश्वास बनाने में समय लगता है, लेकिन एक मजबूत नींव स्थापित करना आवश्यक है।
ऐसे साथी की तलाश करें जो आपके साथ सम्मान से पेश आए और आपके विचारों, भावनाओं और सीमाओं को महत्व दे। इसी तरह, सुनिश्चित करें कि आप भी उनके साथ उसी तरह का सम्मान दिखाएं। सम्मान एक स्वस्थ और पूर्ण रिश्ते की नींव बनाता है।
सुनिश्चित करें कि आप और आपका पार्टनर दोनों एक प्रतिबद्ध रिश्ते के लिए भावनात्मक रूप से उपलब्ध हैं। ऐसे व्यक्तियों से सावधान रहें जो अभी भी महत्वपूर्ण भावनात्मक रूप से आपसे जुड़ नही पा रहें हैं या किसी गंभीर कमीट्मेंट के लिए तैयार नहीं हैं।
किसी भी रिश्ते में खुला और ईमानदार कम्यूनिकेशन का होना बहुत जरूरी है। इस बात पर ध्यान दें कि आप अपने पार्टनर के साथ कितनी अच्छी तरह बात करते हैं और वे कैसे प्रतिक्रिया देते हैं। स्वस्थ संचार विश्वास, समझ और गहरा संबंध बनाने में मदद करता है।
किसी ऐसे व्यक्ति की तलाश करें जो आपके मूल्यों और जीवन लक्ष्यों को साझा करता हो। जीवनशैली, रुचियों और महत्वाकांक्षाओं जैसे क्षेत्रों में कंपैटिबिलिटी एक मजबूत और स्थायी रिश्ते को बनाने में मदद कर सकती है। हालाँकि, मतभेदों को स्वीकार करना और प्रत्येक व्यक्ति के अलग गुणों की सराहना करना भी आवश्यक है।
सही व्यक्ति ढूंढने में समय लगता है, इसलिए धैर्य रखें। केवल एक रिश्ते में बने रहने के लिए किसी रिश्ते में जल्दबाजी न करें। अपने आप को विभिन्न लोगों से मिलने और विभिन्न कनेक्शन का पता लगाने का अवसर दें। एक दूसरेंं की आदतों को जानने और उन्हें समझने में समय लगता है इसलिए उन्हें समय देना जरूरी है बहुत ज्यादा जल्दी किसी के साथ जाने और न जाने का निर्णय न लें।
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