उम्र के साथ ग्रे हेयर की समस्या का सामना करना एक आम बात है। मगर जब उम्र से पहले बाल सफेद होने लगते हैं, तो वो चिंता का विषय बन जाता है। खराब लाइफस्टाइल और केमिकल का अत्यधिक इस्तेमाल समेत कई ऐसे कारण हैं, जो इसे समस्या को बढ़ा देते हैं। बालों के नेचुरल कलर को रिस्टोर करने के लिए लोग कई प्रकार के प्रोडक्टस का प्रयोग करते हैं। इससे बालों के टैक्सचर को नुकसान पहुंच सकता है। अगर आप प्रीमेच्योर ग्रे हेयर की समस्या को सुलझाना चाहते हैं, तो इन टिप्स को करें फॉलो।
प्रीमेच्योर ग्रे हेयर यानि हाइपोपिगमेंटेशन प्रोटीन की कमी और कॉपर और आयरन की मात्रा कम होने के चलते बढ़ने लगती है। इससे बालों में सफेदी बढ़ने लगती है। एनआईएच के एक रिसर्च के अनुसार प्रीमेच्योर ग्रे हेयर के रोगियों मे आयरन की कम मात्रा पाई जाती है। इंडियन जर्नल ऑफ डर्माटोलॉजी के मुताबिक 20 साल या उससे कम उम्र में बालों में बढ़ने वाली सफेदी को प्रीमेच्योर ग्रे हेयर कहा जाता है। बालों के फॉलिकल्स में मेलेनोजेनिक रूप से सक्रिय मेलानोसाइट्स में कमी ग्रेइंग हेयर का कारण साबित होते हैं।
काले तिल का सेवन करने से शरीर को ओमेगा 3 फैटी एसिड की प्राप्ति होती है। इससे बालों में बढ़ने वाले रूखेपन को कम करके हाइड्रेट करने में मदद मिलती है। इसे बालों में अप्लाई करने के लिए काले तिल को गर्म नारियल के तेल में डालकर कुछ देर तक उबालें और फिर बालों की जड़ों में लगाएं।
आंवला में विटामिन, मिनरल और अमीनो एसिड पाया जाता है। इसको खाने या इसका जूस पीने से बालों को मज़बूती मिलती है। आंवला का प्रयोग करने से बालों में बढ़ने वाले मेलेनिन के प्रभाव को कम करने से मदद मिलती है। आंवला को धोकर सुखाकर नारियल के तेल में डालें और कुछ देर तक उबलने दें। तेल ठण्डा होने के बाद बालों में लगाएं और 30 मिनट तक लगे रहने दें। इससे प्रीमेच्योर ग्रे हेयर की समस्या से बचा जा सकता है।
एंटीऑक्सीडेंटस से भरपूर करी लीव्स में प्रोटीन और बीटा कैरोटीन की उच्च मात्रा पाई जाती है। इससे बालों से संबधी समस्याओं को दूर करने में मदद मिलती है। आयरन के इस रिच सोर्स का सेवन करने से बालों की मज़बूती बढ़ती है। इसके अलावा करी लीव्स के पेस्ट को दही में मिलाकर बालों में लगाने से स्कैल्प पर बढ़न वाली खुजली और रूखेपन से बचा जा सकता है।
अश्वगंधा का सेवन करने से शरीर में रक्त का प्रवाह नियमित बना रहता है। इसके अलावा अश्वगंधा टी का सेवन भी बालों को हेल्दी बनाता है। प्रीमेच्योर बालों की समस्या को हल करने के लिए ट्रेडिशनल हेयर हर्ब अश्वगंधा को ब्रह्मी के साथ मिलाकर बालों में लगाने से फायदा मिलता है। इस मास्क को 30 मिनट तक बालों में लगाएं और फिर बालों को धो दें।
एंटीमाइक्रोबियल गुणों से भरपूर भृंगराज स्कैल्प को इंफैक्शन से बचाता है। इससे उम्र से पहले बढ़ने वाली सफेद बालों की समस्या को कम किया जा सकता है। इसके लिए भृंगराज की पत्तियों को सुखाकर पाउडर तैयार कर लें और उसमें पानी मिलाकर बालों में लगाएं। इससे प्रीमेक्ष्योर ग्रे हेयर की समस्या दूर होने लगती है। इसके अलावा बालों में बढ़ने वाली डैंड्रफ की समस्या को दूर करने में भी मदद मिलती है।
छोटी छोटी बातों पर स्ट्रेस लेना एंग्ज़ायटी और डाइजेशन संबधी समस्याओं समेत हेयरलॉस का कारण बनता है। तनाव से दूर रहना बेहद ज़रूरी है।
बालों को प्रोटेक्ट करने के लिए धूप की किरणों के प्रभाव से बचें। इससे बालों का रूखापन दूर हो जाता है। हेयर पिगमेंट को इंप्रूव करने में मदद मिलती है।
आहार में एंटीऑक्सीडेंटस, विटामिन ए और प्रोटीन को शामिल करें। इससे शरीर को पोषण की प्राप्ति होती है और बालों का नेचुरल कलर मेंटेन रहता है।
अत्यधिक मात्रा में केमिकल का प्रयोग न करें। इससे बालों के सफेद होने के साथ टूटने और झड़ने की समस्या का भी सामना करना पड़ता है।