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दो साल की उम्र के बाद भी बच्चा अंगूठा चूसता है, तो जानिए इसका कारण और इससे छुटकारा दिलाने के उपाय

असल में गर्भ के अंदर ही बच्चे अंगूठे को मुंह तक लाना सीख जाते हैं। पर एक समय के बाद इसके कुछ साइड इफेक्ट हो सकते हैं। इसलिए इस आदत को समय रहते छुड़वा देना चाहिए (How to stop thumb sucking in kids)।
Published On: 8 Mar 2024, 06:00 pm IST
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Kyu bacchon mei Thumb sucking badhne lagti hai
हर वक्त मां के आसपास न होने के चलते बच्चा कुछ सेल्फ सूदिंग बिहेवियर डेवलप कर लेता है और अंगूठा चूसना उन्हीं में से एक है। चित्र : अडोबी स्टॉक

बच्चे के जन्म के साथ ही माता पिता की अपेक्षाएं आरंभ हो जाती है। ऐसा करेगा, ये बनेगा, यही खाएगा और इतना खाएगा इत्यादि। इन सबके बीच बच्चा जन्म के बाद मां के स्पर्श को महसूस करता है और मां का दूध ही उसका एकमात्र आहार होता है। जब मां पास नहीं होती, तो उस वक्त खुद को सेल्फ सूदिंग के लिए बच्चा मुंह में अगूंठा डालना शुरू कर देता है। कुछ बच्चे मुंह में उंगली भी डालने लगते हैं। नवजात शिशु का ये आचरण माताओं की चिंता का विषय बनने लगता है और वे इससे जल्द से जल्द ठीक करने की सलाह लेने लगती है। जानते हैं बच्चे अंगूठा क्यों चूसने लगते हैं और इस समस्या से कैसे डील करें।

बच्चा क्यों अंगूठा चूसने लगता है

इस बारे में पीडीऐट्रिक्स डॉ माधवी भारद्वाज का कहना है कि बच्चे जन्म के साथ ही थंब सकिंग यानि अंगूठा चूसने लगते हैं या ये प्रक्रिया मां के पेट में ही बच्चा सीख जाता है। एक्सपर्ट के अनुसार इसे सेल्फ सूदिंग बिहेवियर या सटल क्यू भी कहा जाता है, जिसमें बच्चा खुद को संतुष्ट महसूस करने लगता है। 3 से 4 महीने का बच्चा मुंह में उंगली या अंगूठा डालने लगता है। इसके अलावा खिलौने और कपड़े भी डालने का प्रयास करता है। ये प्रक्रिया 7 से 8 महीने तक यूं ही चलती है।

करीबन दो साल की उम्र तक बच्चा कई तरह के फ्रीकवेंट बदलावों से होकर गुज़रता है। कभी टीथिंग, तो कभी वॉकिंग, तो कभी सॉलिड इटिंग। इस प्रकार से बच्चे में मूड स्विंग भी देखने को मिलते हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि हर वक्त मां के आसपास न होने के चलते बच्चा कुछ सेल्फ सूदिंग बिहेवियर डेवलप कर लेता है और अंगूठा चूसना उन्हीं में से एक है।

एक्सपर्ट के अनुसार बच्चा सब कॉशियली अंगूठा चूसना शुरू कर देता है। मगर माता पिता बार बार बच्चे को टोकने लगते है। अब बच्चे का ध्यान अपनी प्रक्रिया पर लौटने लगता है। ऐसे में वो अब अंगूठा चूसने की आदत को छोड़ नहीं पाता। वे जान जाता है कि मां उसे बार बार क्यों टोक रही है। अब बच्चा इस एक्टीविटी को अटेंशन सीक करने के लिए करने लगता है। इसे अटेंशन सीकिंग बिहेवियर से डील करने के लिए इन टिप्स को फॉलो करें।

Thumb sucking kaise dur karein
आमतौर पर बच्चे 6 या 7 महीने की उम्र तक अंगूठा चूसना छोड़ देते हैं। चित्र- अडोबी स्टॉक

किस उम्र के बाद बच्चा छोड़ देता है अंगूठा चूसना

आमतौर पर बच्चे 6 या 7 महीने की उम्र तक अंगूठा चूसना छोड़ देते हैं। इसके अलावा कुछ बच्चे 2 से लेकर 4 साल की उम्र के बीच भी कुछ बच्चे अगूंठा चूसते हैं। अधिकतर जो बच्चे किसी कारण से डर जाते हैं या तनाव में आ जाते हैं, तो वे अंगूठा चूसना आरंभ कर देते हैं। एक्सपर्ट के अनुसार 5 साल के बाद भी अगर बच्चा अगूंठा चूस रहा है, तो इसे सामान्य नहीं माना जाता है।

कितने खतरनाक हो सकते हैं मिर्च लगाने जैसे घरेलू उपाय

बच्चों की उंगलियों या अंगूठे पर लाल मिर्च या अन्य तीखी चीजें लगाने से बच्चा थोड़ा अनकंफर्टेबल महसूस करने लगता है। कई बार बच्चा डर के कारण थंब सकिंग छोड़ देता है। ऐसा करने से बच्चे कुछ भी हाथों से खाने से भी कतराने लगता है।

छोटे बच्चों में थंब सकिंग को दूर करने के टिप्स

1. बच्चे के ध्यान को भटकाएं

जब भी बच्चा अंगूठा मुंह में डाले, तो उसे किसी अन्य एक्टीविटी में एगेंज कर दें। जैसे ब्लॉक बिल्डिंग, कलरिंग या क्ले मोल्डिंग। इससे बच्चे के दोनों हाथ एक्टीविटी में मसरूफ हो जाएंगे, जिससे बच्चा धीरे धीरे थंब सकिंग को छोड़ने लगेगा। इसके अलावा बच्चे में सेल्फ इटिंग की हेबिट को डेवलप करें

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जब भी बच्चा अंगूठा मुंह में डाले, तो उसे किसी अन्य एक्टीविटी में एगेंज कर दें। चित्र : अडोबी स्टाॅक

2. इग्नोर करें

अगर बच्चा बार बार मुंह में अगूंठा डालता है, तो उसे टोकने या डांटने की जगह इग्नोर करने का प्रयास करें। इससे बच्चा खुद ब खुद वो आदत छोड़ देता है। एक्सर्पट के अनुसार 90 फहसदी बच्चे कुछ महीनों में थंब सकिंग छोड़ देते हैं। लेकिन अगर आप बच्चे के ध्यान में इसे ले आएंगे, तो ये एक जटिल समस्या बन जाती है।

3. फ्रेंड सर्कल क्रिएट करें

सेम एज ग्रुप के बच्चों को देखकर बच्चा वैसा ही व्यवहार करने लगता है। बच्चे का पार्क लेकर जाएं और अन्य बच्चों के साथ खेलने का वक्त दें। इससे बच्चा थंब सकिंग को भूलकर अन्य बच्चों के साथ एक्टिव और एनर्जेटिक महसूस करने लगता है और उसका ध्यान खेलने की ओर बंटने लगता है।

4. फ्रीक्वेंट मील्स सर्व करें

नन्ही उम्र में भाग दौड़ करने से बच्चे को बार बार भूख लगती है, जिसे शांत करने के लिए बच्चा मुंह में अगूंठा डालने लगता है। इससे ये उसकी आदत में शुमार हो जाता है। इस समस्या से डील करने के लिए बच्चे को हर दो घण्टे के अंतराल में कुछ न कुछ खाने के लिए दें। इससे बच्चे का पेट भरा रहेगा और उसे सेल्फ सूदिंग की आवश्यकता महसूस नहीं होगी।

अगर बच्चा बड़ी उम्र में भी अंगूठा चूसता है तो क्या करें

डॉ भारद्वाज कहती हैं, “इस स्थिति में बच्चे से बात करें और इस बात का ध्यान रखें कि बच्चा किस वक्त अंगूठा मुंह में डालता है। बच्चे को डांटने या अन्य लोगों के सामने उपहास करने की जगह उसे एकांत में समझाएं और उसकी समस्या को समझने का प्रयास करें। कई बार बच्चे तनाव या चिंता बढ़ने से अगूंठा मुंह में डालने लगते हैं। 10 साल की उम्र के बाद भी बच्चों में पैर शेक करना, नाखून खाना और अंगूठा पीना जैसी आदतें बनी हुई हैं, तो उसके लिए साइकोलाजिकल थेरेपी की मदद ले सकते हैं।”

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डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
ज्योति सोही
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

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