Colic Pain : पेट में जमा गैस हो सकती है बेबी के लगातार रोने का कारण, जानिए इससे कैसे राहत दिलानी है

यूं तो कई कारणों से बच्चे लंबे वक्त तक रोते रहते है। मगर इन्हीं में से एक कारण है कॉलिक पेन यानि बच्चे के पेट में जमा गैस की समस्या। जानते हैं कॉलिक पेन का कारण और इससे बचने के उपाय (Ways to deal with colic in kids)।
Colic pain se kaise bacche ko bachaayein
जानते हैं कॉलिक पेन का कारण और इससे बचने के उपाय (Ways to deal with colic in kids)। चित्र: शटरस्टॉक
ज्योति सोही Published: 24 Feb 2024, 18:30 pm IST
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नवजात शिशु के माता पिता बच्चे की हर छोटी एक्टीविटी पर अपना ध्यान टिकाए रखते हैं। उसके सोने से लेकर उठने तक हर छोटी बड़ी ज़रूरत का पूरा ख्याल रखते हैं। हो भी क्यों न, बच्चा ऐसे समय में रोकर या हंसकर अपनी भावनाओं को व्यक्त कर पाता है। दरअसल, बच्चे का हंसना जहां माता पिता की खुशी का कारण बनता है, तो वहीं उसका रोना खासतौर से न्यू मॉम्स की चिंताएं बढ़ा देता है। यूं तो कई कारणों से बच्चे लंबे वक्त तक रोते रहते है। मगर इन्हीं में से एक कारण है कॉलिक पेन यानि बच्चे के पेट में जमा गैस की समस्या। जानते हैं कॉलिक पेन का कारण और इससे बचने के उपाय (Ways to deal with colic in kids)।

जानें कॉलिक पेन का कारण

इस बारे में पीडीऐट्रिक्स डॉ माधवी भारद्वाज का कहना है कि सबसे पहले इस बात को समझना ज़रूरी है कि बच्चे के रोने का कारण कॉलिक पेन नहीं है बल्कि वो सेंसेशन है, जिसे बच्चा धीरे धीरे एडॉप्ट करने लगता है। ये फीलिंग बच्चे के लिए नई होती है, जिससे वो रिएक्ट करने लगता है। फिर बच्चा धीरे धीरे हर मील के बाद इस प्रकार की सेंसेशन को फील करने लगता है।

एक्सपर्ट के अनुसार जन्म के 15 से 20 दिन के बाद बच्चों को गैस के कारण कॉलिक की समस्या से जूझना पड़ता है, जो एक से दो महीने के बच्चे में बढ़ती है। फिर 3 महीने का बच्चा धीरे धीरे सेटेल होने लगता है। बच्चा गैस पास करते वक्त और स्टूल पास करते हुए रोने लगता है, जो सामान्य है। ऐसे में कुछ सामान्य टिप्स की मदद से बच्चों की इस समस्या का दूर किया जा सकता है।

Jaanein colic pain ko kaise kum karein
बच्चों को गैस के कारण कॉलिक की समस्या से जूझना पड़ता है, जो एक से दो महीने के बच्चे में बढ़ती है। चित्र : अडोबी स्टॉक

इन टिप्स को अपनाएं

1. पैरों की साइकिल बनाकर चलाएं

दर्द से परेशान बच्चे को पीठ के बल लिटाकर दोनों टांगों को साइकिल चलाने के समान घुमाएं। इस एक्सरसाइज़ को नियमित तौर पर बच्चों को करवाने से पेट में जमा गैस पास होने लगती है। साथ ही पेट में होने वाली ऐंठन कम हो जाती है।

2. पेट और पीठ की मसाज करें

बच्चे को रोज़ाना पेट के बल लिटाकर कुछ देर तेल से शरीर की मसाज करने से गैस की समस्या हल होने लगती है। पीठ, टांगों और बाजूओं की मसाज से शिशु का आराम मिलता है और शरीर की थकान दूर होती है। इसके अलावा बच्चे के ज्यादा रोने पर नाभि के पास तेल की मसाज करने से लाभ मिलता है।

Colic pain se deal krne ke upay
पीठ, टांगों और बाजूओं की मसाज से शिशु का आराम मिलता है और शरीर की थकान दूर होती है। चित्र: शटरस्टॉक

3. हींग का पेस्ट

कॉलिक पेन की समस्या को दूर करने के लिए हींग में पानी मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें। अब इस पेस्ट को बच्चे की नाभि के पास सर्कुलर मोशन में लगाएं। इससे पेट में जमा गैस की समस्या हल हो जाती है और शरीर हेल्दी बना रहता है।

4. बच्चे का माइंड डिस्ट्रैक्ट करें

बच्चे का ध्यान बार बार दर्द की ओर जाने से बचाने के लिए उसे कुछ देर के लिए किसी गतिविधि में शामिल करने की कोशिश करें। इसके अलावा उसे बाहर घुमानें ले जाएं। इससे बच्चा धीरे धीरे पेट में होने वाली ऐंठन की समस्या को भूलने लगता है।

Bacchon ke mind ko karein distract
बच्चे का ध्यान बार बार दर्द की ओर जाने से बचाने के लिए उसे कुछ देर के लिए किसी गतिविधि में शामिल करने की कोशिश करें। चित्र : अडोबीस्टॉक

5. बच्चे को गोद में उठाकर घुमाएं

देर तक लेटने से बच्चे के पेट में गैस की समस्या का जोखिम बढ़ने लगता है। इससे बचने के लिए बच्चे को मां का स्पर्श बेहद फायदा पहुंचाता है। शिशु को गोद में उठाकर झुलाने और कुछ देर बातें करने और घुमाने से बच्चे को दर्द से राहत मिलने लगती है।

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लेखक के बारे में

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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