आजकल लोग सेहत को लेकर अधिक जागरुक रहने लगे हैं, परंतु आज भी ओरल हेल्थ को लेकर जागरूकता की बेहद कमी है। ज्यादातर लोग दांत और मसूड़ों से जुड़ी समस्या को लंबे समय तक नजरअंदाज करते रहते हैं, ऐसे में कुछ समय बाद स्थिति काफी ज्यादा बिगड़ जाती है और दांतों में सड़न यानी कि छोटे-छोटे काले छेद हो जाते हैं जिसे हम आमतौर पर कैविटी कहते हैं। यह समस्या छोटे-छोटे बच्चों में भी देखने को मिल रही है, जो एक गंभीर चिंता का विषय है। किसी भी बीमारी को लंबे समय तक छोड़ना उचित नहीं है, इसी प्रकार हमे ओरल हेल्थ पर भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
हेल्थ शॉट्स ने इस विषय पर डेंटिस्ट्री K.J. सोमैया मेडिकल कॉलेज मुंबई के हेड ऑफ डिपार्टमेंट और एसोसिएट प्रोफेसर डॉ विपिन उपाध्याय से सलाह ली। उन्होंने कैविटी से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बातें बताई हैं जैसे कि कैविटी को लंबे समय तक इग्नोर करने से होने वाले नुकसान, इसे हिल करने के उपाय इत्यादि। तो चलिए बिना देर किए जानते हैं किस तरह कैविटी को बढ़ने से रोका जा सकता है (tips to avoid cavity)।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित अध्ययन के अनुसार अपने दांत को दिन में दो बार फ्लोराइड युक्त टूटपेस्ट से जरूर साफ करें, इसके अलावा जब भी दांत में चिपकने वाले किसी भी तरह के खाद्य पदार्थ का सेवन करें खासकर शुगर युक्त फूड्स तो उसके बाद ब्रश करना बेहद महत्वपूर्ण है। इससे आपको कैविटी की समस्या नहीं होती और दांत लंबे समय तक स्वस्थ रहते हैं।
पूरे दिन में दो से तीन बार माउथवॉश का इस्तेमाल जरूर करें। आप चाहे तो घरेलू माउथवॉश से भी कुल्ला कर सकती हैं। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन के अनुसार पुदीना और तुलसी में एंटीबैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं, जो दातों में कैविटी का कारण बनने वाले बैक्टीरिया से लड़ते हैं और इन्हें फैलने से रोकते हैं। वहीं लौंग आपके दर्द के साथ मसूड़ों के लिए भी बेहद प्रभावी साबित हो सकता है।
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कुछ खास खाद्य पदार्थ है जो आपकी दांतों के लिए बेहद फायदेमंद हो सकते हैं, जिससे कि कैविटी का खतरा भी कम होता है। अमेरिकन डेंटल एसोसिएशन के अनुसार फाइबर युक्त फल और सब्जियों का सेवन मुंह में स्लाइवा फ्लो को बढ़ा देता है। इसके साथ ही चाय, हर्बल टी, शुगर फ्री कॉफ़ी भी आपकी मदद कर सकते हैं। यह सभी दांतों में कैविटी फैलाने वाले हार्मफुल बैक्टीरिया से लड़ने में असरदार होते हैं।
एंटीबैक्टीरियल ट्रीटमेंट और कंबाइंड ट्रीटमेंट से कैविटी को प्रिवेंट करने में मदद मिल सकती है। यदि आपको कैविटी हो गयी है या आपको दांतों में दर्द महसूस होता रहता है, तो अपने डेंटिस्ट से मिलें और एंटीबैक्टीरियल ट्रीटमेंट करवाएं।
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कस्टमाइज़ करेंपब मेड सेंट्रल के अनुसार विटामिन डी कैल्शियम और फास्फेट को अवशोषित होने में मदद करता है। शरीर में कैल्शियम और फास्फेट की पर्याप्त मात्रा दांतो को मजबूत बनाती है और इन्हें कैविटी से भी बचाती है।
ऑयल पुलिंग सालों से दांतो को मजबूती देने के लिए इस्तेमाल होती चली आ रही है। इसके लिए आप कोकोनट ऑयल का इस्तेमाल कर सकती हैं। यह दांतो से टॉक्सिंस को बाहर निकालता है और इन पर बैक्टीरिया और फंगस को जमा नहीं होने देता।