मौसम में आने वाली तब्दीली के चलते शरीर में कई प्रकार के बदलाव होने लगते हैं। इसके चलते क्रोच यानी ग्रोइन एरिया से आने वाली नेचुरल स्मैल बदबू में बदलने लगती है। दरअसल, हमारी दिनचर्या से जुड़ी कुछ ऐसी अनियमित आदतें होती हैं, जो स्मैली क्रोच का कारण बन जाती है। इंटिमेट हाइजीन को लेकर लापरवाही दुर्गंध को कब संक्रमण में बदल देती है, पता ही नहीं चलता। पर स्मैली क्रोच (smelly crotch) एरिया की यह समस्या महिलाओं और पुरुषों दोनों को समान रूप से परेशान कर सकती है। इसलिए जरूरी है कि आप इसके कारण और बचाव के उपायों के बारे में जानें।
दोनों लेग्स के बीच के हिस्से को क्रोच एरिया कहा जाता है। पसीने के चलते इस जगह पर बैक्टीरिया आसानी से पनपने लगता हैं। अगर आप इंटिमेट हाइजीन का ख्याल नहीं रखती है, तो ये समस्या बढ़ने लगती है। इसके चलते रैशेज और इचिंग जैसी समस्याओं से होकर गुज़रना पड़ता है। इस जगह पर होने वाले रैशेज को जॉक इच (Jock itch) भी कहा जाता है। क्रोच एरिया पर होने वाले इंफेक्शन को गंभीरता से ले पाने के चलते दुर्गंध की समस्या भी बढ़ने लगती है।
इस बारे में बातचीत करते हुए सी के बिरला अस्पताल, गुरूग्राम में ऑबस्टेट्रीशियन एंव गॉयनेकॉलाजिस्ट डॉ. आस्था दयाल ने कुछ ज़रूरी बातों की तरफ ध्यान दिलाया। डॉ आस्था कहती हैं कि संक्रमण को रोकने और दुर्गंध को कम करने के लिए महिलाओं को वेजाइनल क्लीनिंग अवश्य करनी चाहिए। रोज़ाना वेजाइनल वॉश करने से नेचुरली पीएच बैलेंस बनाया जा सकता है।
इस बारे में मदरहुड अस्पताल में पोषण एंव आहार विशेषज्ञ दीप्ति लोकेशप्पा का कहना है कि स्मैली क्रोच और आहार में गहरा संबध होता है। उनका कहना है कि डाइट में किए गए सामान्य फेरबदल कई बार योनि में माइक्रोफ्लोरा को बदल सकते हैं। दरअसल, कुछ ऐसे फूड्स भी हैं, जिन्हें खाने से माइक्रोफ्लोरा का एसिडिक लेवल (acidic level) बदलने लगता है। इससे स्मैली क्रोच की समस्या बने लगती है।
अगर आप ब्रोकली, बंदगोभी, फूल गोभी और गाजर का बिना पकाए अत्यधिक सेवन करती हैं, तो इससे स्मैल बढ़ने का खतरा रहता है। दरअसल, इन सब्जियों में कुछ मात्रा में सल्फर भी मौजूद रहता है। जो शरीर की दुर्गंध का कारण बनने लगता है। इन क्रूसीफेरस सब्जियों को अपनी मील न शामिल करने बी जगह इन्हें पकाकर खाना बेहद ज़रूरी है। इसके अलावा जंक फूड भी दुर्गंध का कारण बनता है।
मोटे लोगों को यह समस्या ज्यादा होती है, क्योंकि उनके जांघों का हिस्सा एक-दूसरे से लगातार चिपका है। जिससे क्रोच एरिया में हवा नहीं लग पाती। वाॅक, एक्सरसाइज और जिम के बाद न नहाने से भी क्रोच एरिया पर दुर्गंध की समस्या बढ़ने लगती है।
दरअसल, नहाने के बाद शरीर में फ्रेशनेस बढ़ने लगती है। इसके अलावा स्किन पर मौजूद बैक्टीरिया भी दूर हो जाते हैं। हांलाकि स्वैटिंग शरीर की एक सामान्य प्रक्रिया है। मगर ज्यादा पसीना आना बाॅडी में स्मैल पैदा करता है। पसीने के चलते क्रोच एरिया में इचिंग की समस्या भी बढ़ जाती है। इसके चलते रैशिज होने लगते हैं।
अगर आप भी स्मैली क्रोच से परेशान हैं, तो वॉटर इनटेक को बढ़ा दें। आप अगर खुद को हाइड्रेटेड रखेंगी, तो उससे यूरिन में दुर्गंध की श्समस्या कम होने लगती है। इससे आपको अपने आसपास स्मैल का अनुभव नहीं होगा। पानी पर्याप्त मात्रा में पीने से स्वैटिंग से होने वाली स्मैल भी दूर होती है। साथ ही वेजाइनल डिसचार्ज से आने वाली गंध भी कम होने लगती है। पानी पूर्ण मात्रा में पीने से शरीर स्वस्थ रहता है और शरीर में मौजूद टॉक्स्कि तत्व डिटॉक्स होने लगते हैं।
यूरिन इन्फेक्शन भी दुर्गंध का एक कारण बन सकता है। इंटिमेट हाइजीन का ख्याल उचित प्रकार से न रखने के कारण रिंग वॉर्मस और स्मैल की समस्या बढ़ने लगती है। क्रोच एरिया में बढ़ने वाली बैक्टीरिया असामान्य दुर्गंध की वजह बन जाते हैं। इसका असर योनि पर भी दिखने लगता है। खुद को स्वस्थ रखने के लिए और यूटीआई से बचने के लिए क्रोच क्लीनिंग बहुत ज़रूरी है।
टाइट अंडरवियर पहनने से बचें, जो पसीने का कारण बन सकता है।
प्यूबिक हेयर्स को समय समय पर रिमूव करते रहें। इससे संक्रमण से बचा जा सकता है।
अत्यधिक मात्रा में इंटिमेट वॉश या साबुन के प्रयोग से बचें।
रोज़ाना इंटिमेट एरिया को क्लीन करें। इसके लिए सबसे पहले, अपने हाथों को स्वच्छ करें। उसके बाद नाखूनों को भी क्लीन रखें।
अब प्यूबिक हेयर्स को पूरी सावधानी के साथ रिमूव करें। जो पसीने के चलते दुर्गंध का कारण बनने लगते हैं।
इसके बाद वेजाइन को ओपन करें और इंटिमेट वॉश की कुछ बूंदे लेकर उससे वेजाइना और क्रोच को साफ करें।
सामान्य पानी की मदद से इंटिमेट एरिया को पूरी तरह से क्लीन करें। ध्यान रखें कि पानी गर्म न हो।
अब नरम कपड़े या तौलिए से वजाइना को क्लीन करें। इसके अलावा जेल या क्रीम को प्यूबिक हेयर रिमूव करने के बाद अप्लाई भी करें। इससे दर्द, जलन का अनुभव नहीं होता है।
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