आप में से कई महिलाओं ने कभी न कभी स्ट्रेस एक्ने का अनुभव जरूर किया होगा। जब आप अधिक तनाव में होती हैं या मानसिक रूप से परेशान करने वाली किसी स्थिति से गुजर रही हाेती हैं, तो इस स्थिति में पिंपल होने लगते हैं। यदि किसी को पहले से पिंपल हैं और वह मानसिक तौर पर तनावग्रस्त है, तो यह उनकी त्वचा की स्थिति को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है और पिंपल्स को तेजी से बढ़ावा देता है। इस दौरान स्ट्रेस मैनेजमेंट के साथ-साथ अन्य प्राकृतिक तरीकों को अपनाकर आप पिंपल्स को बढ़ने से रोक सकती हैं। हेल्थ शॉट्स के साथ जानें आखिर स्ट्रेस किस तरह पिंपल्स का कारण बनता है, साथ ही इसे बढ़ने से रोकने (how to stop stress acne) के उपाय भी।
जेएएमए (JAMA) डर्मेटोलॉजी द्वारा प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार केवल प्रदूषण ही एक्ने का कारण नहीं बनता, बल्कि आपका मानसिक तनाव एक्ने और त्वचा संबंधी समस्याओं को बढ़ावा देता है और इसकी स्थिति को बेहद खराब कर सकता है।
द लैंसेट द्वारा प्रकाशित एक स्टडी में पाया गया कि स्ट्रेस यानी कि तनाव एंग्जाइटी, डिप्रेशन जैसी अन्य मानसिक स्थितियां एक्ने और पिंपल के हीलिंग प्रोसेस को धीमा कर देती हैं, जिसकी वजह से यह समस्या लंबे समय तक बनी रहती है और दिन-प्रतिदिन इनकी स्थिति बिगड़ती जाती है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित अध्ययन के अनुसार स्ट्रेस के दौरान होने वाले हार्मोनल बदलाव के कारण भी पिम्पल और एक्ने की समस्या ट्रिगर हो सकती है। तनाव व्यक्ति के हॉर्मोन्स को असंतुलित कर देता है और इम्यूनिटी को भी प्रभावित करता है। जैसे कि स्ट्रेस में व्यक्ति का शरीर कॉर्टिसोल नामक हार्मोन रिलीज करता है जिससे कि एक्ने की स्थिति गंभीर रूप से प्रभावित हो सकती है।
स्ट्रेस हॉर्मोन आपके ऑयल ग्लैंड को अधिक ऑयल प्रोड्यूस करने के लिए उत्तेजित करता है, और जैसा कि आप जानती हैं अधिक ऑयल प्रोडक्शन से एक्ने ब्रेकआउट तेजी से बढ़ता है।
पब मेड सेंट्रल के अनुसार स्ट्रेस मैनेज करने के लिए तनाव के जड़ का पता होना बेहद महत्वपूर्ण है। सबसे पहले तनाव के कारण पता करें, फिर उसके अनुसार कारणों पर काम करना शुरू करें। इसके साथ ही आप मेडिटेशन, दीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज, योगा और अन्य सकारात्मक शारीरिक गतिविधियों में भाग लेकर अपने तनाव को नियंत्रित रख सकती हैं। स्ट्रेस मैनेजमेंट से आपका हॉर्मोन संतुलित रहता है जिससे कि एक्ने ब्रेकआउट का खतरा कम हो जाता है।
नींद को सेहत संबंधी तमाम समस्याओं का उचित इलाज माना जाता है। नींद त्वचा से लेकर मानसिक स्वास्थ्य यहां तक कि भावनात्मक स्वास्थ्य में भी सुधार करता है। नींद की कमी तनाव के बढ़ते स्तर का एक बड़ा कारण है, वहीं यह स्किन इन्फ्लेमेशन को बढ़ावा देता है।
साथ ही साथ इसके कारण स्किन ब्रेकआउट का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए नियमित रूप से 7 से 8 घंटे की नींद लेना महत्वपूर्ण है। ऐसा करने से न केवल आपका स्ट्रेस लेवल संतुलित रहता है, बल्कि आपकी त्वचा संबंधी तमाम समस्याएं भी नियंत्रित रहती हैं।
स्ट्रेस में अक्सर हम खान पान पर ध्यान देना बंद कर देते हैं ऐसे में त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए उचित हाइड्रेशन आवश्यक है। पूरे दिन पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद मिलती है और आपकी त्वचा हाइड्रेटेड रहती है, जिससे तनाव से होने वाले मुंहासे नियंत्रित रहते हैं। स्वस्थ और चमकदार त्वचा के लिए प्यास लगने पर पानी जरूर पिएं।
एलोवेरा को इसके सूदिंग प्रॉपर्टी के लिए जाना जाता है, जो इसे स्ट्रेस पिंपल्स के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प बनाता है। यह इन्फ्लेमेशन और रेडनेस को कम करता है। फ्रेश एलोवेरा जेल से त्वचा को मसाज दें। इसके एंटी बैक्टीरियल गुण हीलिंग प्रोसेस को बढ़ावा देते हैं साथ ही बैक्टीरिया से लड़ने में भी मदद करते हैं।
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कुछ हर्बल टी जैसे कैमोमाइल और पेपरमिंट, में मौजूद कॉमिंग प्रॉपर्टी तनाव कम करने में सहायता होती हैं। अपने दिमाग और शरीर को आराम देने के लिए नियमित रूप से इन चायों का सेवन करें, जिससे अंततः तनाव-प्रेरित ब्रेकआउट की संभावना कम हो जाएगी। हर्बल टी में मौजूद प्रोपर्टी बॉडी टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करता है जिससे कि त्वचा संबंधी समस्याएं आपको परेशान नहीं करती।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन के अनुसार उचित खानपान यानी कि बैलेंस डाइट तमाम स्वास्थ्य समस्याओं का उचित समाधान हो सकता है। एंटी ऑक्सीडेंट युक्त फल, सब्जी और अनाज का सेवन करें, क्योंकि रिसर्च के अनुसार एंटीऑक्सीडेंट इन्फ्लेमेशन को कम करते हुए तनाव के कारण होने वाले स्किन डैमेज को रोकता है। साथ ही साथ ऐडेड शुगर युक्त खाद्य पदार्थ प्रोसेस्ड फ़ूड फ्राइड फूड इत्यादि एक्ने ब्रेकआउट को बढ़ावा दे सकते हैं।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित अध्ययन के अनुसार एंटी बैक्टीरियल और एंटी इन्फ्लेमेटरी गुणों से भरपूर शहद, हल्दी, योगर्ट जैसे घरेलू सामग्री त्वचा संबंधी समस्याओं में बेहद प्रभावी रूप से काम करते हैं। यह एक्ने, ब्रेकआउट को नियंत्रित रखते हुए इन्हें बढ़ने से रोकते हैं, इसलिए स्ट्रेस की स्थिति में आप चाहें तो इन्हें फेस मास्क के रूप में अपनी त्वचा पर अप्लाई कर सकती हैं।
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