निपल पियर्सिंग आपको स्टाइल स्टेटमेंट लग सकता है। पर इससे होनी वाली समस्याएं भविष्य में आपके लिए कई चुनौतियां पैदा कर सकती हैं। इन्हीं में से एक है ब्रेस्टफीडिंग। हालांकि पियर्स्ड निप्पल के साथ भी ब्रेस्टफीडिंग करवाई जा सकती है। पर इसके लिए बहुत सारी सावधानियां बरतनी जरूरी होती हैं। तो अगर आपने अपने निप्पल छिदवाए (Nipple Piercing and breastfeeding) हुए हैं और मां बनने वाली हैं, तो ब्रेस्टफीडिंग के लिए आपको कुछ चीजों का ध्यान रखना होगा। इसके लिए प्राइमस सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, नई दिल्ली की गायनेकोलोजिस्ट और ऑब्सटेट्रिशियन कन्सल्टेंट डॉ. रश्मि बालियान से हेल्थ शॉट्स की बात की गई।
डॉ बालियान कहती हैं कि ज्यादातर मामलों में निपल्स छिदवाने के बाद भी महिलाएं सफलतापूर्वक स्तनपान करा सकती हैं। निपल छिदवाने से दूध उत्पादन पर असर नहीं पड़ता। वास्तव में दूध स्तन ग्रंथियों में उत्पन्न होता है। वे स्तन के ऊतकों में स्थित होते हैं, जो निपल के पीछे होते हैं। बच्चे के जन्म के बाद ये ग्रंथियां दूध का उत्पादन करती हैं। इसका पियर्सिंग से कोई लेना-देना नहीं है।
इसके बावजूद पियर्स्ड निप्पल के साथ स्तनपान करवाना छेदने के स्थान, दूध के प्रवाह पर इसके प्रभाव और किसी भी संभावित जटिलता जैसे कारकों पर निर्भर करता है। स्तनपान करवाते समय छेदे हुए निपल्स से समस्याएं पैदा हो सकती हैं:
छेदने से दूध के प्रवाह में बाधा आ सकती है। नलिकाएं अवरुद्ध हो सकती हैं। इससे असुविधा हो सकती है। इसके कारण स्तन में लाल और दर्दनाक गांठ बन सकता है। यह संक्रमण का भी कारण बन सकता है।
निपल पियर्सिंग दूध ग्रंथियों की उत्तेजना को प्रभावित करता है। यह सामान्य स्तनपान प्रक्रिया को बाधित कर सकता है। इससे दूध उत्पादन में बाधा हो सकती है।
पियर्स कराने के बाद किसी भी प्रकार का आभूषण से उससे होने वाला निशान निपल टिश्यू में आघात, दरारें उत्पन्न कर सकता है। इससे स्तनपान दर्दनाक हो जाता है। संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
यदि आभूषण ठीक से नहीं लगा है या ढीला है, तो वह उखड़ सकता है। यह बच्चे के लिए दम घुटने का खतरा पैदा कर सकता है। बच्चा अपने भोजन के लिए आप पर निर्भर है, तो यह खतरा और बढ़ सकता है।
निपल छेदने से स्तन के ऊतकों में बैक्टीरिया प्रवेश कर सकते हैं। इससे आपके और आपके बच्चे के लिए संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है।
इसके बावजूद अगर आप पियर्स्ड निपल्स के साथ स्तनपान करवाना चाहती हैं, तो कुछ बातों का ध्यान रखें
विशेषज्ञ के अनुसार बच्चे को किसी भी संभावित नुकसान से बचाने और उचित तरीके से दूध पिलाने के लिए स्तनपान से पहले निप्पल के आभूषण निकाल लें। इससे शिशु के लिए दम घुटने का खतरा नहीं रहेगा।
संक्रमण के खतरे को कम करने के लिए छेद वाले क्षेत्र को साफ रखें। पियर्स कराई हुई जगह को नियमित रूप से सेलाइन घोल या हल्के साबुन से साफ करें।
अवरुद्ध नलिकाओं, संक्रमण, निपल क्षति या निपल दर्द के लक्षणों से सावधान रहें। यदि आपको इनमें से कोई भी समस्या दिखे, तो चिकित्सकीय सहायता लें।
निपल पियर्स और स्तनपान संबंधी जटिलताओं के बारे में अपने डॉक्टर से जांच कराने से न डरें। स्तनपान सलाहकार की भी मदद ले सकती हैं।
स्तनपान के दौरान केवल आभूषण उतारने के बजाय इस पर विचार करें। इसे कुछ महीनों के लिए एक डिब्बे में रख दें। यदि आप लगातार समस्याओं या कठिनाइयों का अनुभव करती हैं, तो स्तनपान अवधि के दौरान अस्थायी रूप से पियर्स को हटा सकती हैं। अपने निपल्स छिदवाने से पहले संभावित स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में जानना सबसे अच्छा है ।
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