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जिद्दी खांसी और गले की खराश को दूर कर सकती हैं ये खास जड़ी-बूटियां, जानें कैसे करें प्रयोग

अक्सर लोग दवाओं और गार्गल के ज़रिए जिद्दी खांसी की समस्या को दूर करने की कोशिश करते हैं। मगर खांसी की समस्या ज्यों की त्यों बनी रहती है। जानते हैं किन हबर्स की मदद से की जा सकती है खांसी की छुट्टी (home remedies for cough)।
kaise hain ayurvedic remedies faydemand
पेट में जमा टॉक्सिक पदार्थों का पूरी तरह से डिटॉक्स न होना कब्ज की समस्या का कारण साबित होता है। । चित्र : अडोबी स्टॉक
Published On: 6 Feb 2024, 08:00 am IST

सर्दी जैसे जैसे बढ़ने लगी है, उसी प्रकार से खांसी, जुकाम और बुखार की समस्या शरीर को अपनी चपेट में लेने लगती है। अक्सर लोग दवाओं और गार्गल के ज़रिए जिद्दी खांसी की समस्या को दूर करने की कोशिश करते हैं। मगर खांसी की समस्या ज्यों की त्यों बनी रहती है। इसमें कोई दोराय नहीं कि शरीर को संक्रमणों के प्रभाव से बचाने के लिए इम्यन सिस्टम का मज़बूत होना ज़रूरी है। मम्मी की रसोई में मौजूद जड़ी बूटियां खांसी की समस्या को आसानी से हल कर सकती है। कभी काढ़ा, तो कभी पाउडर के रूप में इनका इस्तेमाल करके खांसी को ठीक करने के साथ साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। जानते हैं किन हबर्स की मदद से की जा सकती है खांसी की छुट्टी (home remedies for cough)।

इस बारे में आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ नीतू भट्ट का कहना है कि सर्दी के मौसम में खांसी जुकाम की समस्या होना आम है। दरअसल, शरीर में कफ का स्तर बढ़ने लगता है और दूसरी ओर डाइजेशन वीक होने लगता है। ऐसे में पाचनतंत्र कमज़ोर हो जाता है और खाना पूरी तरह से न पचने के चलते स्लाइवा में बदलने लगता है। इसके चलते जब थूक रेसपीरेटरी सिस्टम में पहुंचता है, तो बलगम का रूप ले लेता है, जिससे खांसी, खराश और गले दर्द की समस्या बढ़ने लगती है। इससे गचने के लिए आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों की मदद ली जा सकती है।

किन जड़ी बूटियों की मदद से करें खांसी की समस्या दूर (How to get rid of cough with natural remedies)

1. हल्दी

अधिकतर खानपान और स्किन केयर के लिए प्रयोग की जाने वाली हल्दी में करक्यूमिन तत्व पाया जाता है। इस कंपाउड की मदद से शरीर को एंटी इंफलामेटरी, एंटी बैक्टीरियल और एंटी सेप्टिक गुणों की प्राप्ति होती है। एनआईएच के अनुसार हल्दी का प्रयोग अपर रेस्पीरेटरी कंडीशन, ब्रोंकाइटिस और अस्थमा के इलाज के लिए किया जाता है। इससे गले में एक्टिव संक्रमणों को आसानी से दूर किया जा सकता है।

कैसे करें सेवन

पैन में एक गिलास पानी डालकर उसे उबालें और उसमें एक छोटा चम्म्च हल्दी और एक चुटकी काली मिर्च मिलाएं। कुछ देर उबलने के बाद जब पानी आधा रह जाए, तो उसका सेवन करें। इसके अलावा संतरे के जूस में हल्दी, काली मिर्च और नींबू मिला पीने से भी बार बार बढ़ने वाली खांसी से राहत मिलती है।

Haldi shots ke fayde
चुटकी भर हल्दी को पानी में मिलाकर पीने से इम्यून सिस्टम को मज़बूती मिलती है। चित्र : एडोबी स्टॉक

2. अदरक

अदरक में एंटीबैक्टीरियल और एंटी.इंफ्लेमेटरी प्रापर्टीज पाइ जाती हैं, जिससे शरीर का इम्यून सिस्टम मज़बूत बनता है। इसमें मौजूद जिंजरोल तत्व एंटीऑक्सीडेंटस से भरपूर होता है, जो सर्दी, खांसी और जुकाम से शरीर की रक्षा करता है। अदरक में पाए जाने वाले बायोएक्टिव कंपाउड शरीर में बल्ड सर्कुलेशन को नियमित रखने में मदद करते हैं।

कैसे करें सेवन

1 इंच अदरक को काटकर पानी में उबालें और उसमें मोटी इलायची मिलाकर उबलने दें और फिर पानी को छानकर अलग कर लें। इस पानी मेंब स्वादानुसार शहद मिला लें। इससे गले में उठने वाली खांसी और खराश दोनों ही समस्याओं से बचा जा सकता है।

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3. तुलसी

तुलसी का रस पीने से न केवल कफ की समस्या से राहत मिलती है बल्कि डाइजेशन भी इंप्रूव होने लगता है। तुलसी की पत्तियों में पाई जलाने वाली एंटी इन्फ्लामेटरी प्रापर्टीज गले में सूजन और दर्द को कम कर देती है। सर्दी के मौसम में बढ़ने वाली सीजनल फ्लू की समस्या को दूर करने के लिए तुलसी की चाय का सेवन करें। इसके सेवन से सांस लेने में होने वाली कठिनाई संबधी समस्याओं को भी दूर किया जा सकता है।

कैसे करें सेवन

तुलसी की पत्तियों को धोकर 1 गिलास पानी में उबालें। उसमें अदरक का पाउडर, लौंग और काली मिर्च को एड कर दें। कुछ देर उबलने के बाद उसे छाल लें और उसमें शहद मिलाकर पीएं। इससे गले में पनपने वाले संक्रमण खत्म होने लगते हैं। इसके अलावा दर्द की समस्या भी हल हो जाती है।

Khansi me kaun sa drink piyen
सर्दियों में कैसे रख सकती हैं खुद को हाइड्रेटेड। चित्र : एडॉबीस्टॉक

4. पुदीना

पुदीने की पत्तियों में एंटी इंफ्लामेटरी और एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जो अपनी सुगंध और स्वाद से गले का ठण्डक प्रदान करता है। चेस्ट कंजेशन और सामान्य खांसी जुकाम से निपटने के लिए पुदीने का उच्च मात्रा में प्रयोग किया जाता है। डीकंजेस्टेंट प्रापर्टीज़ से भरपूर पुदीने की पत्तियां न केवल स्टीम के दौरान कारगर साबित होती हैं बल्कि इससे गले का दर्द और खराश भी कम होने लगते हैं।

कैसे करें प्रयोग

पुदीने की पत्तियों को धोकर पानी में उबालें और उसमें मुलेठी पाउडर एड कर दें। पानी के आधा रह जाने तक उसे बॉइल करें। उसके बाद पानी को छान लें और पीएं। स्वाद और पोषण को बढ़ाने के लिए इसमें शहद का प्रयोग कर सकते हैं। इसे पीने से कफ की समस्या हल होने लगती है।

आप चाहें तो पुदीने की पत्तियों को पानी में उबालकर छान लें और पानी को खुले बर्तन में डालकर स्टीम लें। इससे गले को ठण्डक मिलती है और रनिंग नोज़ को कम किया जा सकता है।

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लेखक के बारे में
ज्योति सोही
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

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