ज्यादातर महिलाओं को लिपस्टिक लगाने का शौक होता है। जो महिलाएं बहुत ज्यादा या डार्क मेकअप नहीं करतीं, वे भी हल्के शेड की लिप्स्टिक लगाना पसंद करती हैं। लिप्स्टिक कई रंग, शेड्स और टाइप की हो सकती है। जो कभी-कभी आपके होंठों पर नकारात्मक असर भी डाल सकती है। अगर लिप्स्टिक के लगातार इस्तेमाल से आपके होंठ भी खराब होने लगे हैं, तो जानिए इन्हें कैसे प्रोटेक्ट करना है।
ज्यादातर महिलाएं सप्ताह के पांच से छह दिन लिप्स्टिक जरूर लगाती हैं। हालांकि लिपस्टिक आपके व्यक्तित्व को थोड़ा और आकर्षक बना देती है, लेकिन इसके गंभीर दुष्प्रभाव भी होते हैं। लिप ग्लॉस और लिप लाइनर में कैडमियम, एल्यूमीनियम, क्रोमियम, लेड जैसे हानिकारक तत्व हो सकते है। लिपस्टिक के क्या दुष्प्रभाव है और इसे आप कैसे बच सकते है चलिए जानते हैं।
क्लीनिक डर्माटेक की डर्मेटोलॉजिस्ट कल्पना सोलंकी बताती हैं कि मैट लिपस्टिक अपने उच्च पिगमेंटेशन सामग्री और नमी की कमी के कारण होंठों पर सूखने वाले प्रभाव के लिए जानी जाती हैं। मैट फिनिश होंठों को सूखा कर सकती है और महीन रेखाओं को बढ़ा सकती है, जिससे होंठ रूखे हो सकते हैं।
थैलेट्स रसायनों का एक समूह है जो आमतौर पर प्लास्टिक को अधिक लचीला और टिकाऊ बनाने के लिए प्लास्टिसाइज़र के रूप में उपयोग किया जाता है। ये प्लास्टिक, ब्युटी प्रोडक्ट, खुशबू और पर्सनल केयर के कुछ उत्पादों में शामिल होता हैं। ये आपके लिए कई स्वास्थ्य संकट पैदा कर सकते है। ये आपके एंडोक्राइन सिस्टम को बाधित कर सकता है जो की हमारे शरीर में हार्मोन के नियंत्रण के लिए जरूरी है।
पॉलीइथाइलीन ग्लाइकोल वास्तव में पेट्रोलियम बेस्ड सिंथेटिक यौगिक हैं, और इनका उपयोग आमतौर पर कोस्मेटिक, फार्मास्यूटिकल्स और भोजन सहित विभिन्न उत्पादों में किया जाता है। हालांकि इसमें स्वास्थ्य के लिए कुछ समस्या भी है।
कॉस्मेटिक उत्पादों में उपयोग किए जाने पर पॉलीइथाइलीन ग्लाइकोल सीधे नर्वस सिस्टम के लिए हानिकारक होते हैं। हालांकि, कुछ व्यक्ति पीईजी के प्रति संवेदनशील हो सकते हैं और त्वचा में जलन या अन्य प्रतिकूल प्रतिक्रियाओं का अनुभव कर सकते हैं।
पैराबेंस प्रीजरवेटिव का एक वर्ग है जो कौस्मेटिक, फार्मास्यूटिकल्स और खाद्य उत्पादों में बैक्टीरिया, फफूंदी और खमीर को बढ़ने से रोकने के लिए उपयोग किया जाता है। कुछ पैराबेंस को त्वचा के माध्यम से अवशोषित किया जा सकता है, खासकर जब क्षतिग्रस्त या ब्रेकआउट वाली त्वचा पर लगाया जाता है। कई लोगों को पैराबेंस से डिप्रेशन, उल्टी और दस्त की समस्या हो सकती है।
सिलोक्सेन एंडोक्राइन सिस्टम को कर सकता है और प्रजनन प्रणाली के लिए भी जहरीले होते हैं। ये सभी बड़े पैमाने पर स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकते हैं।
इससे निपटने के लिए, मृत त्वचा कोशिकाओं को हटाने के लिए होंठों को धीरे से एक्सफोलिएट करके तैयार करना और मैट लिपस्टिक लगाने से पहले हाइड्रेटिंग लिप बाम लगाना आवश्यक है। होंठों को पूरे दिन हाइड्रेटेड रखने के लिए शिया बटर या हाइलूरोनिक एसिड जैसे मॉइस्चराइजिंग सामाग्री वाले लिप प्रोडक्ट का चयन करें।
डॉ कल्पना सोलंकी बताती है कि जो लोग अधिक गहराई से होंठों की केयर चाहते हैं, उनके लिए लिप फिलर्स या लिप मास्क जैसे उपचार से होंठों में नमी और मोटापन लाने मेंने में मदद कर सकते हैं। क्लिनिक डर्मेटेक में डॉ. कल्पना होंठों की नमी लाने के विकल्प के रूप में लिप फिलर्स का सुझाव देती हैं।
लिप फिलर्स में होंठों में वॉल्यूम, हाइड्रेशन और होंठों की आकृति में सुधार करने के लिए हयालूरोनिक एसिड या अन्य वॉल्यूमाइजिंग पदार्थों को इंजेक्ट करते। यह प्रक्रिया तत्काल परिणाम प्रदान कर सकती है।
मास्क सूखे होंठों को तीव्र हाइड्रेशन और पोषण दे सकते हैं। ये मास्क होंठों को गहराई से हाइड्रेट करने और उनकी मरम्मत करने के लिए शिया बटर, नारियल तेल और सेरामाइड्स जैसे शक्तिशाली मॉइस्चराइजिंग पदार्थों से तैयार किए जाते हैं। लिप मास्क के नियमित उपयोग से होंठों की नमी बनाए रखने और होंठों के समग्र स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद मिल सकती है।
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