कई लोगों को हैवी वर्कआउट या एक ब्रेक के बाद वर्कआउट करने से या पहली बार वर्कआउट शुरू करने से मांसपेशियों में दर्द होता है। इसे मसल्स सोरनेस कहा जाता है। यह आपको ये बताती है कि आपकी मांसपेशियां जो वर्कआउट न करने की वजह से सो चुकी थी अब वो फिर से जाग रही है। कई लोगों को में ये दर्द 3 से 4 दिनों तक रहता है जो कि आम बात है लेकिन कई लोगों को ज्यादा दिन तक हो सकता है। इस दर्द से राहत पाने के लिए आज हम आपको कुछ उपाय बताते है।
मांसपेशियों में दर्द, जिसे डिलेड ऑनसेट मसल्स सोरनेस (DOMS) के रूप में भी जाना जाता है, इसमें मांसपेशियों में दर्द, कठोरता और संवेदनशीलता होना एक सामान्य स्थिति है। यह आमतौर पर तीव्र या अपरिचित शारीरिक गतिविधियों में संलग्न होने के बाद होता है, जो मांसपेशियों पर जोर डालते हैं। कई फिजकल फिटनेस ट्रेनर बताते है कि इस दर्द से हर किसी को गिजरना पड़ता है लेकिन इसको कम करने के लिए कुछ चीजें की जी सकती है।
मांसपेशियों में दर्द अक्सर मांसपेशियों के फाइबर में माइक्रो टिअर के कारण होता है, खासकर जब व्यायाम करते समय मासंपेशियों का खिचाव होता है (जोर लगने के कारण मांसपेशियों को लंबा करना) शामिल होता है। यह तब हो सकता है जब कोई नया व्यायाम रूटीन शुरू कर रहा हो, वर्कआउट की तीव्रता या समय बढ़ा रहा हो, या नई एक्टिविटी की कोशिश कर रहा हो।
मांसपेशियों में दर्द आमतौर पर व्यायाम के 24 से 48 घंटों के बाद शुरू होता है, जो 48 से 72 घंटों के भीतर काफी अधिक हो जाता है। सामान्य लक्षणों में मांसपेशियों में कोमलता, अकड़न, कमजोरी, चलने फिरमें में दर्द, और ताकत में अस्थायी रूप से कमी महसूस होती है।
वर्क आउट के बाद मांसपेशियों के दर्द को कम कैसे करना है इसके लिए अभिनव गुप्ता नें अपने इस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर की है जिसमें वो मांसपेशियों के दर्द को कम करने के बारे में जानकारी दे रहें है। अभिनव गुप्ता एक फिटनेस कंटंट क्रिएटर है और जिम और वर्कआउट के बारे में जानकारी देते है। अभिनव गुप्ता का इंस्टाग्राम पर (fit_abhinav) नाम से अकांउट है।
1. हाइड्रेटेड रहें- अभिनव गुप्ता बताते है कि जो लोगो गर्म, हियुमिड तापमान में व्यायाम करते हैं, जब वे व्यायाम से पहले, दौरान और बाद में पानी पीते हैं, तो उन पुरुषों की तुलना में मांसपेशियों में दर्द कम अनुभव करते है, जो खुद को हाइड्रेट नहीं करते हैं। इसलिए पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन जरूरी है।
2. नींद पूरी लें– नींद की कमी भी शरीर में सूजन पैदा कर सकती है, जिसके परिणामस्वरूप अक्सर मांसपेशियों में दर्द और पीड़ होती है।
3. मालिश करवाएं– 2017 के अध्ययन की समीक्षा में पाया गया कि जिन लोगों ने हार्ड एक्सरसाइज के 24, 48 या 72 घंटों के बाद मालिश ली, उन लोगों की तुलना में काफी कम दर्द की सूचना दी, जिन्होंने एक्सरसाइज के बाद की मालिश नहीं ली। वर्कआउट के 48 घंटे बाद मसाज करवाना सबसे अच्छा काम करता है।
4. प्रोटीन का सेवन- अभिनव गुप्ता बताते है कि उच्च प्रोटीन आहार दर्द को कम कर सकता है, ठीक होने में तेजी ला सकता है, और वेट लिफ्टिंग के दौरान चोटिल हुई मांसपेशियों की मरम्मत में मदद कर सकता है। हर रोज अपने शरीर के वजन का कम से कम 1.5 ग्राम प्रोटीन खाने की कोशिश करें।
5. स्ट्रेचिंग– दर्द करने वाली मांसपेशियों में स्ट्रेचिंग रक्त प्रवाह को बढ़ावा देगा और लैक्टिक एसिड के निर्माण को कम करने में मदद करेगा। मांसपेशियों के समूहों को और नुकसान पहुंचाने से बचने के लिए स्ट्रेचिंग को बहुत आराम से और कोमलता से करें।
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