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सनस्क्रीन है एजिंग और यूवीए रेज़ से सबसे जरूरी प्रोटेक्शन, जानिए कैसे चुननी है अपने लिए सही सनस्क्रीन

तेज धूप का मौसम आ चुका है ऐसे बाहर जाने से पहले खुद का बचाव करना बहुत जरूरी है। सनस्क्रीन इसमें बहुत जरूरी हो जाती है लेकिन आपको कौन सी सनस्क्रीन लेनी है ये आपको पता होना बहुत जरूरी है।
Published On: 26 Mar 2023, 06:30 pm IST
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Sun ki UV rays apki ski ko damage kar deti hain
सनस्क्रीन में फिल्टर होते हैं जो सूर्य के कुछ यूवी विकिरण को अवशोषित या प्रतिबिंबित करने का काम करता हैं। चित्र- अडोबी स्टॉक

गर्मियों का मौसम हो या सर्दियों का कहीं भी धूप में जाने से पहले आपको सनस्क्रीन लगाना बेहद जरूरी होता है। चाहे आप महिला है या पुरूष फर्क नहीं पड़ता है आपको सनस्क्रीन की लगाना बहुत जरूरी है। सर्दियों में हम सनस्क्रीन लगाना भूल जाते है क्योंकि धूप अच्छी लगती है लेकिन गर्मियों में धूप चूभती है तो सनस्क्रीन लगाना याद रहता है। सूरज की हानिकारक किरणों से बचने के लिए सनस्क्रीन लगाना बहुत जरूरी है। लेकिन त्या आपको पता है आपको समस्क्रीन खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

सनस्क्रीन में फिल्टर होते हैं जो सूर्य के कुछ यूवी विकिरण को अवशोषित या प्रतिबिंबित करने का काम करता हैं। सनस्क्रीन दो प्रकार के होते हैं रासायनिक और खनिज। रासायनिक सनस्क्रीन यूवी विकिरण को अवशोषित करके काम करता है और इसे सूरज की सुरक्षा प्रदान करने के लिए गर्मी में परिवर्तित करता है, जबकि खनिज सनस्क्रीन त्वचा से यूवी किरणों को दर्शाता है। दोनों प्रकार प्रभावी सूर्य संरक्षण प्रदान करते हैं।

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सनस्क्रीन चुनते समय रखें इन 5 बातों का ध्यान

1 ब्रॉड-स्पेक्ट्रम (Broad Spectrum)

सभी सनस्क्रीन यूवीबी (UVB) किरणों से सुरक्षा प्रदान करते हैं जो सनबर्न और त्वचा के कैंसर के पीछे मुख्य कारण हैं। लेकिन यूवीए (UVA) किरणें भी हैं जो त्वचा के कैंसर और समय से पहले एजिंग के लक्षणों को पैदा कर सकती हैं। सभी सनस्क्रीन इनसे बचाव नहीं करते हैं। केवल कुछ सनस्क्रीन इस परीक्षण को पास करते हैं और उन्हें ‘ब्रॉड-स्पेक्ट्रम’ के रूप में लेबल करने की अनुमति है।

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टैनिंग से बचने के लिए अपनाएं सनस्क्रीन टिप्स। चित्र शटरस्टॉक।

2 सन प्रोटेक्शन फैक्टर (एसपीएफ) (SPF)

एसपीएफ़ सनस्क्रीन की यूवीबी सुरक्षा (नुकसान या सनबर्न के कारण आवश्यक सौर ऊर्जा की मात्रा) का पैमाना है। खरीदने से पहले, सुनिश्चित करें कि सनस्क्रीन कम से कम SPF30 या अधिक हो। एसपीएफ़ संख्या जितनी अधिक होगी, यूवीबी किरणों से बेहतर सुरक्षा होगी।

3 डार्क स्किन पर भी है सनस्क्रीन की जरूरत

कुछ लोगों का मानना है कि जिनकी त्वचा में का रंग गहरा होता है यानि मेलेनिन की मात्रा अधिक होती है उन्हें सनस्क्रीन लगाने की आवश्यकता नहीं होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि मेलेनिन यूवीबी किरणों को फैलाने का काम करता है और कुछ हद तक सनबर्न से बचा सकता है।

डार्क स्किन वाले लोग धूप से अधिक सुरक्षित रहते हैं, फिर भी उन्हें एक पूर्ण स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन लगानी चाहिए। यूवीए क्षति मेलेनिन द्वारा अवरुद्ध नहीं होती है और समय से पहले त्वचा की उम्र बढ़ने और झुर्रियों का कारण बन सकती है।

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मेलेनिन त्वचा को अत्यधिक धूप के संपर्क से भी नहीं बचाएगा, जैसे कि धूप में लंबे समय तक असुरक्षित रहना। जिनकी त्वचा का रंग गहरा होता है वो लोग भी त्वचा के कैंसर से सुरक्षित नहीं होते हैं।

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4 सही सनस्क्रीन एजिंग को कम करती है

सनस्क्रीन उम्र बढ़ने के दिखाई देने वाले संकेतों, जैसे फाइन लाइन, काले धब्बों से आपकी रक्षा करता है। सूर्य के संपर्क में कोलेजन और इलास्टिन फाइबर कम हो जाते हैं, इसलिए त्वचा बेजान और सुस्त दिखाई दे सकती है। जो लोग रोजाना सनस्क्रीन नहीं लगाते हैं, उनमें उम्र बढ़ने के संकेत उम्मीद से बहुत पहले दिखाई देने लगते हैं। जर्मनी स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ क्वालिटी एंड एफिशिएंसी इन हेल्थ केयर के मुताबिक, सिर्फ 5 से 10 मिनट धूप में बिताने के बाद यूवी रेडिएशन हानिकारक होने लगती है।

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हानिकारक सूरज की किरणों से सनस्क्रीन बचाती हैं, चित्र शटरस्टॉक

5 वॉटर रेजिस्टेंस सनस्क्रीन लें

जल-प्रतिरोधी सनस्क्रीन बहुत जरूरी है खासकर जब आप कोई पानी की गतिविधि करने जा रहे हों, क्योंकि वे आपको तैरते समय या मानसून के दौरान भीगने पर भी सूरज की हानिकारक किरणों से बचा सकते हैं।

अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ डर्मेटोलॉजी के अनुसार, पानी प्रतिरोधी सनस्क्रीन गीली त्वचा पर कम से कम 40 से 80 मिनट तक रह सकते हैं और साथ ही इसे फिर से लगाना चाहिए। सामान्य सनस्क्रीन जो जलरोधक नहीं होते हैं वे पानी में हट जाते हैं और आप टैनिंग, रेडनेस और सनबर्न के शिकार हो जाते है।

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डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
संध्या सिंह
संध्या सिंह

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं।

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