सुबह के नाश्ते में गर्म पराठे का स्वाद हर किसी को बेहतरीन लगता है। खासकर जब मां इसे बहुत प्यार से बनाती है। हम सभी ठंड के दिनों में सुबह के ब्रेकफास्ट में इसे लेना पसंद करते हैं। यह आपके लिए हेल्दी नहीं है। हाल में इंस्टाग्राम पर एक प्रसिद्ध पोषण विशेषज्ञ ने सुझाव दिया कि पराठा और चाय एक साथ खाना दिन की शुरुआत करने के लिए स्वास्थ्यप्रद विकल्प नहीं हो सकता है। यदि आप भी सुबह के नाश्ते में पराठा चाय लेती हैं, तो दिन की शुरुआत इस कॉम्बो के साथ करना चाहिए या नहीं जानना (how to make paratha healthy) जरूरी है।
सर्दी के मौसम में चाय के साथ पराठा हर किसी का पसंदीदा होता है। पराठे की हाई कैलोरी और फैट सामग्री, अक्सर प्रोसेस्ड आटे और तेल से बनाई जाती है। इसे नाश्ते के लिए एक अनहेल्दी विकल्प बनाती है। आलू जैसी पारंपरिक भराई का उपयोग करने से संतुलित नाश्ते के लिए आवश्यक पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। पराठे के साथ या पराठे खाने के तुरंत बाद चाय का सेवन चाय में टैनिन की उपस्थिति के कारण आयरन के अवशोषण में बाधा उत्पन्न कर सकता है। यह संयोजन पाचन को भी बिगाड़ सकता है। यह लिवर के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।
इस नाश्ते के संयोजन को स्वस्थ बनाने का एक तरीका है। हाल में एक इंस्टाग्राम पोस्ट में पोषण विशेषज्ञ लीमा महाजन ने बताया कि कैसे हम अपने पराठे के साथ चाय नाश्ते को पौष्टिक भोजन में बदल सकते हैं।
अपने सादे पराठे को और भी अधिक पौष्टिक बनाने के लिए परांठे के आटे में हरी पत्तेदार सब्जियां शामिल करें। पालक, मेथी के पत्ते या केल को बारीक काटकर आटा गूंथ लिया जा सकता है। ये सब्जियां विटामिन, मिनरल और फाइबर से भरपूर होती हैं, जो दिन की शुरुआत के लिए जरूरी पोषक तत्व प्रदान करती हैं। यह साधारण परिवर्तन पाचन में भी मदद कर सकता है।
अपने पराठे को अधिक संतुलित और संतोषजनक नाश्ता बनाने के लिए केवल आलू या अन्य स्टार्चयुक्त भराई पर निर्भर रहने की बजाय पनीर, दाल, या अंडे जैसी प्रोटीन भराई का उपयोग करें। परांठे में भरने के लिए मूली और फूलगोभी का भी उपयोग किया जा सकता है। यह न केवल मांसपेशियों की मरम्मत और विकास में मदद करता है, बल्कि लंबे समय तक पेट भरा हुआ और पूरे दिन ऊर्जावान महसूस कराता है।
महाजन बताती हैं, ‘पराठा बनाने के लिए आटे से ज्यादा स्टफिंग का इस्तेमाल करें। यह परिवर्तन न केवल समग्र कार्बोहाइड्रेट सामग्री को कम करता है, बल्कि नाश्ते के पोषण मूल्य को भी बढ़ाता है। अच्छी तरह से भरा हुआ परांठा भी स्वादिष्ट लगता है।
क्या आप अपना पराठा पकाने के लिए नॉन-स्टिक तवे का उपयोग करती हैं? यदि हां, तो इन्हें बनाने के लिए लोहे के तवे का उपयोग करना चाहिए। की सतह पर खाना पकाने से परांठे में आयरन की मात्रा बढ़ सकती है। यह विशेष रूप से आयरन की कमी वाले लोगों के लिए फायदेमंद है। इसकी तुलना में नॉन-स्टिक तवा अधिक गर्म होने पर टॉक्सिक धुआं छोड़ सकता है। लोहे का तवा अच्छी तरह से गर्मी बरकरार रखता है। साथ ही लोहे के तवे पर पकाने से परांठे का स्वाद भी बढ़ जाता है।
खाना पकाने की विधि में बदलाव करके सुबह के पराठे को स्वास्थ्यवर्धक बना सकती हैं। महाजन बताती हैं कि अपने पराठे को अनहेल्दी तेलों में पकाने की बजाय बिना तेल का उपयोग किए सादा पकाएं। जब आपका पराठा तैयार हो जाए, तो उस पर एक चम्मच घी फैलाएं। घी न केवल समृद्ध स्वाद जोड़ता है, बल्कि इसमें हेल्दी फैट, फैट में घुलनशील विटामिन और एंटीऑक्सिडेंट भी होते हैं।
सर्दियों के दौरान पराठा और चाय सबसे अच्छे नाश्ते का संयोजन लग सकता है, लेकिन यह एक स्वस्थ विकल्प नहीं है। आप अपने पराठे को दही, चटनी या घर में बने अचार के साथ खा सकती हैं।
प्रोबायोटिक्स से भरपूर दही पाचन के लिए स्वस्थ है। इसके अतिरिक्त, प्रोटीन से भरपूर पराठा और प्रोबायोटिक से भरपूर दही का संयोजन पौष्टिक भोजन बनाता है, जो पोषक तत्वों के स्वस्थ संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है। वे मक्खन और बाजार में बने अचार के इस्तेमाल से बचने की भी सलाह देती हैं।
हममें से बहुत से लोग ठंड के मौसम में चाय से परहेज नहीं कर पाते हैं, लेकिन सुबह सबसे पहले इसे पीने से पाचन खराब हो सकता है। महाजन बताती हैं कि परांठे के साथ चाय पीने की बजाय नाश्ते के एक घंटे बाद इसे पीने पर विचार करें। यह शरीर को चाय के टैनिन के हस्तक्षेप के बिना भोजन से पोषक तत्वों को अधिक प्रभावी ढंग से अवशोषित करने की अनुमति देता है। यह आयरन के अवशोषण में बाधा उत्पन्न कर सकता है।
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