बिना चीनी के भी एन्जॉय कर सकते हैं मिठास, यहां हैं चीनी के 6 स्वादिष्ट विकल्प

रिफाइंड शुगर का शरीर पर बहुत अधिक नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह वजन बढ़ाने के अलावा डायबिटीज जैसी कई लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों का कारण बनता है। एस्पार्टेम जैसे आर्टिफीशियल शुगर एड किये बिना भोजन में मिठास लाने के भी कई उपाय हैं।
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जानते हैं मस्तिष्क पर चीनी के प्रभाव से जुड़ी जानकारी। चित्र : अडोबी स्टॉक
Published On: 11 Aug 2023, 09:30 am IST
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यदि वजन कम करने और ओवरआल हेल्थ में सुधार लाने की कोशिश कर रही हैं, तो आहार से रिफाइंड शुगर छोड़ना गेम-चेंजर हो सकता है। वह भी बिना आर्टिफीशियल शुगर एड किये। ज्यादातर लोग स्वीट टूथ के साथ पैदा होते हैं। उन्हें बिना मीठी चीज़ खाए तृप्ति का एहसास नहीं होता है। उनके लिए मीठे स्वाद को छोड़ना लगभग असंभव है। वास्तव में यदि बाहरी फ़ूड का सेवन करती हैं, तो कोला से लेकर पैकेज्ड फलों के रस तक, सभी में आर्टिफीशियल शुगर एडेड होता है। फिर क्यों न ऐसे उपाय (satisfy sweet tooth without aspartame) किये जाएं, जिससे मीठा खाने का शौक पूरा हो जाए और किसी भी प्रकार का शुगर नहीं खाना पड़े।

सबसे पहले जानते हैं क्यों नहीं खानी चाहिए चीनी

हार्वर्ड हेल्थ पब्लिशिंग के अनुसार, बिना कोई पोषण दिए चीनी शरीर में ढेर सारी कैलोरी जोड़ती है। एक टेबल स्पून चीनी में लगभग 48 कैलोरी होती है। दिन भर में कई कप चाय, कॉफी, फलों के रस, लस्सी, नींबू पानी, कोला, चिप्स, मिठाई, डेसर्ट, कप केक, पेस्ट्री, केक के माध्यम से शरीर में सिर्फ कैलोरी जमा होती है। सभी एक्स्ट्रा कैलोरी वसा के रूप में जमा हो रही है, खासकर पेट के आसपास। साथ ही, ज्यादा चीनी का सेवन उम्र बढ़ने की प्रक्रिया करती है। महिलाओं में पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज (PCOD) का मुख्य कारण बन सकती है। हार्मोनल असंतुलन, सूजन और पेट फूलने की समस्या हो सकती है। थका हुआ महसूस कर सकती हैं।

यहां हैं 6 उपाय जो चीनी को रिप्लेस कर सकती हैं (tips to satisfy sweet tooth without aspartame)

1 नेचुरल स्वीटनर स्टीविया की पत्तियां (Stevia Leaves)

स्टीविया की सूखी पत्तियों (Stevia Natural Sweetener) का चीनी के बदले इस्तेमाल किया जा सकता है। यह ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करता है और वजन कंट्रोल करता है। स्टीविया ड्रॉप्स, गोलियों और पाउडर के रूप में उपलब्ध है। आसानी से उगने वाले स्टीविया को गमले में लगाया जा सकता है। इनकी पत्तियां का पाउडर बनाकर भी मिठास ली जा सकती है।

स्टीविया की सूखी पत्तियों का चीनी के बदले इस्तेमाल किया जा सकता है। चित्र : अडोबी स्टॉक

2. शकरकंद (Sweet Potato)

मिठास पाने के लिए शकरकंद एक हेल्दी विकल्प है। प्राकृतिक चीनी की खुराक पाने के लिए शकरकंद को उबालकर, भाप में पकाकर या उन्हें स्मूदी में मिला कर इसका प्रयोग किया जा सकता है। याद रखें कि यह कार्ब्स से भरपूर है। इसका सेवन सीमित मात्रा में करें।

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मिठास पाने के लिए शकरकंद एक हेल्दी विकल्प है। चित्र : अडोबी स्टॉक

3. नेचुरल शुगर वाली किशमिश (Raisin)

किशमिश मिनरल से भरपूर होती है। इसका उपयोग मिठास पाने के लिए किया जा सकता है। कुकीज़, लड्डू और ओटमील जैसे व्यंजनों में इसका इस्तेमाल कर मिठास बढाई जा सकती है। इसे कम मात्रा में लेना सुनिश्चित करें। इनमें कैलोरी भी होती है।

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किशमिश का उपयोग मिठास पाने के लिए किया जा सकता है। चित्र शटरस्टॉक

4. फाइबर से भरपूर एप्रिकोट या खुबानी (Apricot)

किशमिश की तरह खुबानी में भी नेचुरल शुगर होते हैं। डिशेज में डालने के लिए पानी में भिगोये खुबानी का प्रयोग किया जा सकता है। फाइबर से भरपूर खुबानी की प्यूरी बनाकर भी प्रयोग किया जा सकता है

5. एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर खजूर ( Dates)

पौष्टिक खजूर में बहुत सारे विटामिन और मिनरल होते हैं। इनमें कैलोरी भी अधिक होती है, लेकिन फाइबर की मात्रा अधिक होती है। इसमें एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, जो मुक्त कणों से लड़ते हैं। किसी भी मीठे डिश में चीनी की बजाय खजूर का प्रयोग करना चाहती हैं, तो इसे 3-4 घंटे तक पानी में भिगो दें।  पानी में भिगोये खजूर का प्रयोग करने पर डिश हेल्दी के साथ-साथ टेस्टी भी बनेगी

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मीठे डिश में चीनी की बजाय खजूर का प्रयोग करना चाहती हैं, तो इसे 3-4 घंटे तक पानी में भिगो दें। चित्र शटरस्टॉक

6 वजन घटाने वाली दालचीनी (Cinnamon)

यह मसाला न केवल भोजन में थोड़ी मिठास जोड़ता है, बल्कि वजन घटाने में भी मदद करता है। दालचीनी पाउडर का प्रयोग व्यंजन की मिठास बढ़ाने के लिए किया जा सकता है। लौकी की खीर में दालचीनी पाउडर का प्रयोग करें । यह एक मसाला है, इसलिए टेस्ट बड को इसका आदी होने में कुछ समय लगेगा।

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लेखक के बारे में
स्मिता सिंह
स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।

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