डायबिटीज को साइलेंट किलर के रूप में जाना जाता है। हमें पता भी नहीं चल पाता है कि कब हमारा ब्लड शुगर लेवल हाई हो गया? इससे शरीर इंसुलिन के प्रति असंवेदनशील हो जाता है। यह लंबे समय तक चलने वाली बीमारी है। इसलिए व्यक्ति को पूरी जिंदगी दवाओं पर निर्भर रहना पड़ता है। कुछ वैकल्पिक उपचार दवा पर निर्भरता काम करते हैं। यदि कुछ आयुर्वेदिक हर्ब्स लिए जाएं, तो इनसे ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मदद (herbs to control blood sugar) मिल सकती है।
हमारा शरीर आमतौर पर इंसुलिन का उत्पादन करके ब्लड शुगर लेवल को मैनेज करता है। यह हार्मोन कोशिकाओं को ब्लड सर्कुलेशन में आये शुगर के उपयोग की अनुमति देता है। इंसुलिन की गैर मौजूदगी में हर्ब्स ब्लड शुगर लेवल को मैनेज करने और ग्लूकोज सहनशीलता में सुधार करने में मदद कर सकते हैं। यह अधिक इंसुलिन बनाने के लिए पैनक्रियाज की गतिविधि को भी बढ़ाने में मदद करता है। हर्ब्स मिठाई खाने की क्रेविंग को रोककर ब्लड शुगर लेवल को कम कर सकता है।
विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन बी6, और फोलेट से भरपूर होती है रोज़मेरी। इसमें कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम और मैंगनीज जैसे मिनरल मौजूद होते हैं। रोज़मेरी न केवल वजन घटाने को बढ़ावा देती है, बल्कि यह ब्लड शुगर लेवल को भी संतुलित करती है। यह खराब कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) को कम करने और अच्छे कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल) को बढ़ाने के लिए भी जिम्मेदार है। 30 दिनों तक प्रतिदिन एक लीटर पानी में 2 ग्राम रोजमेरी पाउडर मिक्स कर लेने से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल होने में मदद मिल सकती है।
प्राचीन चिकित्सा में जिनसेंग का उपयोग कई शताब्दियों से किया जा रहा है। यह प्रतिरक्षा बढ़ाने के साथ-साथ एंटी डायबिटिक गुणों वाला भी है। जिनसेंग शरीर में कार्ब्स के अवशोषण की दर को कम कर देता है। जिनसेंग पैंक्रिआज द्वारा इंसुलिन के उत्पादन को भी तेज करता है। नेचर जर्नल के अनुसार, जिनसेंग में कॉपर, आयरन, मैगनीज जैसे मिनरल मौजूद होते हैं। 8-सप्ताह तक प्रति दिन 3 ग्राम जिनसेंग लेने से फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल में काफी कमी देखी गई।
शोध से पता चला है कि सेज हर्ब ब्लड शुगर लेवल को काफी हद तक कम कर देता है, खासकर खाली पेट सेवन करने पर। सेज हर्ब में मुख्य रूप से मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम, फोलेट, बीटा-कैरोटीन भी मौजूद होते हैं। इसे आहार में शामिल करने से इंसुलिन का स्राव बढ़ता है। इससे डायबिटीज को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने में मदद मिलती है। इसका सेवन चाय के रूप में करना सबसे अच्छा होता है।
यह जड़ी-बूटी प्राचीन काल से ही भारत में मधुमेह के आयुर्वेदिक इलाज का हिस्सा रही है। इसमें जिम्नेमिक एसिड होता है, जो जीभ पर मीठी चीजों के प्रति टेस्ट बड को निष्क्रिय कर देता है। इससे व्यक्ति को चीनी खाने की इच्छा को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। यह एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटीबायोटिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीवायरल, गैस्ट्रो और हेपेटोप्रोटेक्टिव, एंटीकैंसर गुणों वाला भी होता है। यह हर्ब ब्लड में अतिरिक्त ग्लूकोज के उपयोग में भी मदद करती है। इसकी पत्तियों को चाय के रूप में लिया जा सकता है।
ओरिगेनो हर्ब हाई ब्लड शुगर पर दोतरफा प्रभाव डालती है। यह अधिक इंसुलिन बनाने के लिए पैनक्रिआज में गतिविधि बढ़ाता है। यह मिठाई खाने की लालसा को रोककर रक्त शर्करा के स्तर को कम करता है। ओरिगेनो या अजवायन में मौजूद विशिष्ट घटकों के कारण कोशिकाओं में ग्लूकोज जमा नहीं हो पाता है। प्रतिरक्षा स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के अलावा यह शरीर में कार्बोहाइड्रेट के निर्माण को कम करता है। इसका उपयोग खाना पकाने में या सलाद में मिलाकर किया जा सकता है। ओरिगेनो टी (Oregano tea for diabetes)भी ली जा सकती है।
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