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Body Odour : बिल्कुल नॉर्मल है पसीने में दुर्गंध होना, जानिए इसे कंट्रोल करने के 4 उपाय

Body Odor यानी शरीर की दुर्गंध सीधे पसीने से नहीं, बल्कि उसके भीतर होने वाली बैक्टीरिया के कारण होती है। शरीर के भागों में पसीने को जमा होने से रोकने से शरीर की दुर्गंध को नियंत्रित किया जा सकता है।
Updated On: 18 Oct 2023, 10:06 am IST
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Dr. Rashmi Baliyan
मेडिकली रिव्यूड
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मोटापे से ग्रस्त लोगों और मधुमेह होने पर शरीर से दुर्गंध आने की संभावना अधिक हो जाती है। चित्र : शटरस्टॉक

शरीर से दुर्गंध आना एक आम समस्या है। यह किसी व्यक्ति के लाइफ की क्वालिटी को प्रभावित कर सकता है। अक्सर हाइजीन रूल फ़ॉलो नहीं करने पर शरीर से दुर्गंध आती है। कुछ मामलों में ऐसा गंभीर समस्या का संकेत भी हो सकता है। यह एक मिथ है कि पसीना शरीर की दुर्गंध का कारण बनता है। इंसानों का पसीना तो लगभग गंधहीन होता है।शरीर से दुर्गंध तब आती है जब किसी व्यक्ति की त्वचा पर बैक्टीरिया पसीने के भीतर प्रोटीन अणुओं को तोड़ते हैं। इस प्रतिक्रिया के परिणामस्वरूप गंध ((Body Odour) पैदा होते हैं।

क्या है शरीर की गंध (Body Odour)

शरीर की गंध किसी व्यक्ति से निकलने वाली प्राकृतिक गंध के लिए यह शब्द इस्तेमाल किया जाता है। मानव शरीर विभिन्न प्रकार के पदार्थों का प्रोड्क्शन कर सकता है जिनमें गंध होती है। इन्हें ओडरेंट्स (odorants) कहा जाता है। इनमें से कई नियमित शारीरिक कार्य के लिए जरूरी हैं। ये दुर्गंध पैदा नहीं करते हैं। शरीर की गंध आमतौर पर एडल्टहुड के दौरान अधिक स्पष्ट हो जाती है। इस समय हार्मोन और पसीने की ग्रंथियां अधिक सक्रिय हो जाती हैं। मोटापे से ग्रस्त लोगों और मधुमेह होने पर शरीर से दुर्गंध आने की संभावना अधिक हो जाती है।

कैसे बनता है पसीना दुर्गन्ध युक्त (Causes of Body Odour)

मनुष्य के लिए पसीना गंधहीन होता है। बैक्टीरिया के तेजी से बढ़ने और पसीने के एसिड में टूटने से अप्रिय गंध पैदा हो सकती है। जिन लोगों को बहुत अधिक पसीना आता है – जैसे कि हाइपरहाइड्रोसिस वाले लोग- उनमें शरीर से दुर्गंध आने की संभावना अधिक हो सकती है। पैर, कमर, आर्म पिट, प्राइवेट पार्ट्स, पयूबिक हेयर, एनस, कान के पीछे अधिक पसीना आटा और दुर्गंध देता है। आहार, प्रसव, स्वास्थ्य स्थिति और दवा भी शरीर की अलग गंध पैदा कर सकती है।

ग्लैंड्स बनते हैं कारण (Glands causes Body Odour)

व्यक्ति की त्वचा में एक्राइन और एपोक्राइन दोनों पसीने के ग्लैंड हैं। एपोक्राइन ग्रंथियां युवावस्था में काम करना शुरू कर देती हैं और अंडरआर्म्स और ग्रोइन में बालों के रोम से जुड़ी होती हैं। ये ग्रंथियां चिपचिपा, प्रोटीन युक्त पसीना उत्पन्न करती हैं, जो शुरू में गंधहीन होता है। जैसे ही बैक्टीरिया प्रोटीन को तोड़ते हैं, वे हाई कंसंनट्रेशन वाले ओडर अणुओं का उत्पादन करते हैं। इससे शरीर में गंध पैदा होती है।
इसके विपरीत एक्राइन पसीने की ग्रंथियां मुख्य रूप से पसीने के माध्यम से शरीर के तापमान को नियंत्रित करती हैं। यह शरीर की गंध से जुड़ी नहीं होती हैं।

कैसे रोकें शरीर की गंध को (Prevention Tips for Body Odour)

शरीर की दुर्गंध का कोई सही उपचार नहीं है। कुछ उपाय इसे नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं।

1 साफ़-सफाई (Cleanliness)

नियमित रूप से साबुन से शरीर को साफ़ करना चाहिए। खुद को अच्छी तरह से सुखाना भी जरूरी है।

पयूबिक हेयर की सफाई (shave Pubic Hair)

आर्म पिट और प्राइवेट पार्ट के बाल से पसीने का वाष्पीकरण धीमा हो सकता है। इससे बैक्टीरिया को प्रोटीन तोड़ने और गंध पैदा करने के लिए अधिक समय मिलता है। बालों की सफाई से शरीर की गंध को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।

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तापमान में उतार-चढ़ाव और वातावरण में आर्द्रता के कारण प्यूबिक एरिया में आसानी से फंगस, बैक्टीरियल और यीस्ट संक्रमण हो सकता है। चित्र : अडोबी स्टॉक

3 एंटीपर्सपिरेंट्स का उपयोग (Antiperspirant)

एंटीपर्सपिरेंट्स पसीने की मात्रा को बदलकर और गंध पैदा करने वाले बैक्टीरिया की मात्रा और गतिविधि को बदलकर के शरीर की गंध की तीव्रता को कम कर सकते हैं

4 साफ़ कपड़े पहनें (Cotton Clothes)

कपड़ों को धोते समय इन क्षेत्रों पर अतिरिक्त ध्यान देना चाहिए जहां पसीना अधिक आते हैं। कपड़े पहनने से पहले वे पूरी तरह से सूखे हों। कॉटन पहनने से पसीने के वाष्पीकरण में मदद मिल सकती है और बैक्टीरिया के निर्माण को कम करने में मदद मिल सकती है

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कपड़े पहनने से पहले वे पूरी तरह से सूखे हों। चित्र : अडोबी स्टॉक

अंत मेंˍˍ

मिर्च, प्याज, लहसुन और अन्य गुणकारी खाद्य पदार्थों का सेवन करने से भी कुछ लोगों का पसीना अधिक दुर्गंध वाला हो सकता है। यदि कोई व्यक्ति अत्यधिक मात्रा में प्रोटीन का सेवन करता है, तो इसका असर उसके शरीर की गंध पर भी पड़ सकता है।

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लेखक के बारे में
स्मिता सिंह
स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।

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