नाजुक है दिल का मिज़ाज, इन 5 योगासनों से रखें इसका खास ख्याल

दिल को न मोटापा पसंद है, न अनहेल्दी डाइट। हाल के आंकड़े बता रहे हैं, कि आपके नाजुक दिल को ज्यादा उछल कूद भी पसंद नहीं। इसलिए क्यों न योग के माध्यम से इसकी देखभाल की जाए।
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हृदय को स्वस्थ रखने के लिए कुछ योगासन से दुरी है जरूरी। चित्र शटरस्टॉक
निशा कपूर Updated: 19 Aug 2022, 16:09 pm IST
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योग किसी भी मनुष्य के लिए अमूल्य उपहार है। यदि इसे ठीक से किया जाए, तो बिना किसी दुष्प्रभाव के शरीर को स्वस्थ रखने का सबसे कारगर तरीका योग ही है। हृदय को रोग मुक्त रखने के लिए भी योग आपका मददगार हो सकता है। ऐसे समय में जब डाइट और लाइफस्टाइल सब कुछ अविश्वसनीय है, आप योग पर भरोसा कर सकती हैं। यहां हम उन खास योगासनों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आपके दिल का खास ख्याल (Yoga poses for healthy heart) रख सकते हैं।

हृदय को स्वस्थ रखने में कैसे फायदेमंद है योग?

स्वस्थ हृदय के लिए योग किया जाता है, लेकिन आप सोच रहे होंगे कि योग हृदय के लिए कैसे फायदेमंद होता होगा? असल में, योग एक अभ्यास है जो शरीर, सांस और दिमाग को एक साथ जोड़ता है, जिससे हृदय गति में भी सुधार होता है। इसके अलावा योग करने से स्ट्रेस कम होता है और हाई ब्लड प्रेशर को कम करने में भी सहायता मिलती है, जो हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में सहायता कर सकते हैं।

आपके ह्रदय को एक्स्ट्रा केयर दे सकते हैं ये खास योगासन

1 भुजंगासन

भुजंगासन को कोब्रा पोज (Cobra Pose) के नाम से भी जाना जाता है। असल में, यह आसन आपके हृदय को मजबूत करता है। साथ ही रीढ़ को लचीला व मजबूत बनाता है और पीठ दर्द से भी राहत दिलाता है।

भुजंगासन करने का तरीका

  1. सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं। पैरों के बीच की दूरी को कम करें और पैरों को बिल्कुल सीधा रखें।
  2. अब अपनी हथेलियों को कंधे के सीध में लाएं। सांस लेते हुए छाती से लेकर नाभि तक शरीर को ऊपर उठाएं।
  3. कुछ सेकंड इसी अवस्था में बने रहे और धीरे-धीरे सांस लेते व छोड़ते रहें।फिर गहरी सांस छोड़ते हुए प्रारंभिक अवस्था में नीचे आ जाएं।
  4. इस तरह से आप एक चक्र पूरा कर लेंगे।
  5. शुरुआत में आप इस योगासन को चार से पांच बार कर सकते हैं।नियमित अभ्यास करें और चक्र की संख्या बढ़ाएं।
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भुजंगासन रखें हृदय को स्वस्थ। चित्र: शटरस्टॉक

2 ताड़ासन

असल में, ताड़ासन हृदय गति में सुधार और ब्लड प्रेशर में संतुलन रखने के साथ-साथ हार्ट फेल्योर के मरीजों में सकारात्मक सुधार कर सकता है। ताड़ासन के जरिए हृदय को स्वस्थ रखने में सहायता मिल सकती है।

ताड़ासन करने का तरीका

  1. सबसे पहले योग मैट को बिछा लें। अब अपने पैरों की एड़ियों को मिलाकर सीधे खड़े हो जाएं।
  2. फिर दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में फंसाते हुए ऊपर की ओर उठाएं।
  3. अब सांस अंदर लेते हुए शरीर का भार पंजों पर डालते हुए शरीर को ऊपर की तरफ खींचने का प्रयास करें।
  4. कुछ सेकंड इसी स्थिति में रहें और सामान्य रूप से सांस लेते रहें।
  5. अब सांस छोड़ते हुए प्रारंभिक स्थिति में आएं और थोड़ी देर शरीर को आराम करने दें।
  6. फिर से इस प्रक्रिया को दोहराएं। आप इस योग को लगभग 5-10 मिनट तक कर सकते हैं।

3 वृक्षासन

एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर मौजूद एक शोध में यह देखा गया कि वृक्षासन योग मुद्रा करने से हृदय गति और सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर (Systolic Blood Pressure) में प्रभावी सुधार हो सकता है।

वृक्षासन करने का तरीका

  1. सबसे पहले आप योग मैट को बिछा लें। अब अपने पैरों को आपस में जोड़कर सावधान मुद्रा में खड़े हो जाएं।
  2. अब शरीर का संतुलन बनाते हुए हाथों की सहायता से बायां तलवा, दाईं जांघ पर रख दें।
  3. अपने हाथों को सिर के ऊपर ले जाते हुए नमस्कार की मुद्रा में आ जाएं।
  4. शरीर का संतुलन बने रहने तक थोड़ी देर इसी अवस्था में रहें।
  5. फिर धीरे-धीरे प्रारंभिक अवस्था में आएं और थोड़ी देर शरीर को आराम करने दें।
  6. इसके बाद यही प्रक्रिया दूसरी ओर से भी करें। इस योगासन को तीन-चार बार किया जा सकता है।
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उत्कटासन : उत्कटासन योग करने से अच्छे कोलेस्ट्रॉल में बढ़ोत्तरी हो सकती है। चित्र: शटरस्टॉक

4 उत्कटासन

हृदय स्वास्थ्य के लिए उत्कटासन योग के भी लाभ देखे जा सकते हैं। एनसीबीआई की वेबसाइट पर मौजूद एक रिसर्च के अनुसार, उत्कटासन योग करने से अच्छे कोलेस्ट्रॉल में बढ़ोत्तरी हो सकती है। इसके अतिरिक्त, यह सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर (Systolic Blood Pressure) और डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर (Diastolic Blood Pressure) को भी प्रभावी रूप से सुधार कर हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है।

उत्कटासन करने का तरीका

  1. सबसे पहले किसी समतल जगह पर योग मैट को बिछाएं। अब दोनों पैरों के बीच में करीब 1 फीट की जगह बना लें।
  2. फिर अपने हाथों को कंधे के समांतर आगे की तरफ सीधा कर दें।
  3. इसके बाद धीरे-धीरे अपने घुटनों के सहारे नीचे आएं और ध्यान रहे कि एड़ियां जमीन से जुड़ी रहें।
  4. अब घुटनों के सहारे कुर्सी के आकार में आकर उसी अवस्था में रुकने का प्रयास करें।
  5. इस मुद्रा में रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें।
  6. कुछ सेकंड इसी मुद्रा में रहने के बाद सामान्य स्थिति में आ जाएं। इस योग को चार-पांच बार किया जा सकता है।

5 वीरभद्रासन

इस योगासन को योद्धा की मुद्रा (Warrior pose) भी कहा जाता है। इसमें पैरों के बीच जगह बनाते हुए जमीन पर खड़े रहकर योग किया जाता है। वीरभद्रासन योग मुद्रा के लाभ भी हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकते हैं।

वीरभद्रासन करने का तरीका

  1. किसी समतल जगह पर योग मैट बिछा लें।
  2. अब पैरों को करीब 3-4 फीट की दूरी पर फैला कर खड़े हो जाएं।
  3. हाथों को शरीर से ऊपर ले जाएं और उन्हें आपस में जोड़ लें।
  4. इसके बाद दाहिने पैर को 90 डिग्री तक घुमाएं।
  5. फिर शरीर को दाएं ओर घुमाएं और गहरी सांस लेते हुए दाएं घुटने को मोड़ें।
  6. दाहिना घुटना और टखना एक ही सीध में होने चाहिए।
  7. थोड़ी देर इसी स्थिति में बने रहें और वापस प्रारंभिक स्थिति में आ जाएं।
  8. शरीर को कुछ सेंकड आराम देने के बाद दूसरी ओर से भी यह प्रक्रिया करें।
  9. आसन की यह प्रक्रिया चार-पांच बार की जा सकती है।

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