फैशन के इस दौर में जहां डिज़ाइन और ट्रेंड को प्रमुखता दी जा रही है। वहां आज भी कुछ लोग ऐसे मौजूद है, जो कॉटन के कपड़ों को ही तवज्जो देते हैं। ताना बाना जोड़कर खड्डी पर तैयार किया जाने वाला सूती कपड़ा (cotton clothes) जब तन पर आता है, तो ठण्डक और सुकून का अनुभव कराता है। वो अपनापन आपको किसी अन्य फेब्रिक में महसूस नहीं हो सकता है। हांलाकि इन दिनों युवा पीढ़ी भी कॉटन (cotton) को ही लेटेस्ट ट्रेंड (latest trend) मान रही है। जो न केवल हमारी पर्यावरण की रक्षा करता है बल्कि हमारे शरीर को भी कई फायदे प्रदान करता है।
दुनियाभर में 7 अक्टूबर विश्व कपास दिवस यानि वर्ल्ड कॉटन डे (World Cotton Day) के रूप में मनाया जाता है। इसकी शुरूआत साल 2019 में चाड, बेनिन, बुर्किना फोसा और माली ने मिलकर की थी। सालाना मनाए जाने वाले इस विशेष दिवस पर कॉटन से संबधित जानकारी लोगों तक पहुंचाने के लिए विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इस दिन कॉटन उत्पादन से जुड़ी जानकारी भी लोगों से साझी की जाती है। साथ ही कॉटन के महत्व समेत इसके गुणों की भी जानकारी लोगों को दी जाती है।
जर्नल ऑफ एडवांसिस इन कॉटन रिसर्च के अनुसार कपास की गिनती दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण फाइबर क्रॉप्स में की जाती है। 100 से अधिक देशों में इसकी खेती होती है। जो ग्लोबल मार्किट को 40 फीसदी योगदान देती है। लगभग 350 मिलियन लोग डायरेक्ट और इनडायरेक्ट तरीके से कपास उत्पादन से जुड़े हुए हैं। कपास का ग्लोबल एर्गीकल्चर इकोनमी में एक बड़ा हिस्सा है।
अगर आप कंफर्ट की तलाश में हैं, तो कॉटन के कपड़ों जैसा आराम आपको अन्य किसी फेब्रिक में नहीं मिल पाता है। सादे और मुलायम सूती कपड़े को पहनने से बार बार आने वाले पसीने की समस्या से बचा जा सकता है। ये कपड़े पूरी तरह से ब्रीथएबल होते हैं। चाहे आना जाना हो या घर पर रहना हो। आप आसानी से इस कपड़े को पहन सकती है। पहनने के अलावा बेडशीट्स, परदों और मैट्स के लिए भी सूती और जूट का इस्तेमाल किया जाता है।
सूती कपड़ों में बहुत सी क्वालिटी आपको मिल जाती है। किसी भी वर्ग का व्यक्ति इस कपड़े को आसानी से खरीद सकता है। अपनी जेब के हिसाब से आप कपड़े की खराददारी कर सकते हैं। दरअसल, कॉटन के कपड़े लंबे वक्त तक आपके साथ बने रहते हैं। ऐसे में सूती कपड़ों को खरीदना फायदे का सौदा साबित होता है।
रेशमी कपड़ों के समान सूती कपड़ों को ड्राइ क्लीन की आवश्यकता नहीं होती है। इन्हें आप किसी भी तरह से घर पर हैंड वॉश या मशीन वॉश कर सकते हैं। इसके अलावा इन्हें बहुत अधिक केयर की आवश्यकता नहीं होती है। किसी प्रकार के बग्स इन कपड़ों को नुकसान नहीं पहुंचा पाते हैं। ये कपड़े सालों साल यूं ही बने रहते हैं।
हार्श कैमिकल डाई और सिथेंटिक रेशों से दूर कॉटन के कपड़ें पूरी तरह से एन्वायरमेंट फ्रेंडली हैं। ये पूरी तरह से बायोडीग्रेडेबल है। ससटेनेबल फैशन को अपनाने से आप एनर्जी, जल और अन्य रिसोर्सिज़ को सेव कर पाते हैं। कॉटन को परमाकल्चर फार्मिंग से उगाया जाता है, जो अन्य फसलों के लिए भी फायदेमंद हैं।
कॉटन का कपड़ा न केवल पर्यावरण को प्रोटेक्ट करता है बल्कि हमारी स्किन को भी रैशेज और किसी भी प्रकार की एलर्जी से बचाने में सक्षम है। ऑर्गेनिक कॉटन में इस्तेमाल किए जाने वाले प्राकृतिक रंग स्किन का ख्याल रखते हैं। इन्हें आप दिन में किसी भी वक्त पहन सकती हैं। लोग साड़ियों से लेकर सूट और कुर्तों तक हर चीज़ में कॉटन के फेब्रिक का प्रयोग करते हैं।
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