योनि की उचित देखभाल न करना कई मुश्किलों का कारण साबित होता है। इससे दिनों दिन वेजाइना में इचिंग की समस्या बढ़ने लगती है, जो वेजाइनल बॉइल का संकेत हो सकता है। उचित देखभाल और ट्रीटमेंट न मिलने से इसका आकार बढ़ने लगता है। इससे दर्द, इरिटेशन और इचिंग जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जानते हैं कि क्या है वेजाइनल बॉइल और कैसे करें अपना बचाव (how to deal with Vaginal boils) ।
इस बारे में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ रितु सेठी का कहना है कि योनि के आसपास मवाद से भरे उभरे हुए दानों को वेजाइनल बॉइल कहा जाता है। इनमें सूजन महसूस होती है, जो योनि में इचिंग की समस्या को बढ़ा देता है। प्यूबिक एरिया में बनने वाले इन गांठों में दर्द और जलन का अनुभव होता है। गीले अंडरगार्मेंटस व योनि में गीलापन रहने में बालों की जड़ों में संक्रमण विकसित होने लगते हैं। इससे वल्वर बॉयल बनने लगते हैं।
यूरिन पास करने के बाद वेजाइना को क्लीन न करना संक्रमण का मुख्य कारण साबित होता है। सर्दियों में कुछ महिलाएं इंटीमेट हाइजीन से समझाैता कर लेती हैं। वे अंडरवियर जो धूप न होने के कारण ठीक से सूख नहीं पाते, उन्हें पहनना भी योनि और उसके आसपास मवाद भरे दानों को जन्म दे सकता है। अगर आप बाहर जाती हैं, तो पब्लिक टॉयलेट का इस्तेमाल करने के बाद वेजाइना को पानी और टिशु से अवश्य कलीन करें। इससे वेजाइना बैक्टीरिया के संपर्क में आने से बच जाता है।
महिलाएं ही नहीं, पुरुषों में भी सर्दी के मौसम में अपनी निजी स्वच्छता के प्रति लापरवाही देखी जाती है। जो उनके पार्टनर के लिए इस तरह की समस्या बढ़ा देता है। कई बार सेक्स पार्टनर बैक्टीरियल संक्रमण से ग्रस्त होता है, जिसके चलते संक्रमण के फैलने का डर बना रहता है। ऐसे में इंटरकोर्स के बाद यूरिन अवश्य पास करें और वेजाइना को क्लीन रखें। इससे बैक्टीरिया आसानी से शरीर में प्रवेश नहीं कर पाते हैं।
यकीनन इन दिनों ज्यादातर जोड़ों का सेक्स सेशन बढ़ जाता है। वे ज्यादा समय एक-दूसरे के साथ बिस्तर पर बिताना पसंद करते हैं। इस दौरान हाइजीन की लापरवाही वेजाइनल हेल्थ संबंधी समस्याएं बढ़ा देती है।
सिंथेटिक या टाइट अंडरवियर पहनना भी आपकी वेजाइना को नुकसान पहुंचाता है। इससे वह सांस नहीं ले पाती और इससे बैक्टीरियल इंफे्क्शन होने लगता है। यह इंफेक्शन वेजाइनल बॉइल का भी कारण बन सकता है। इसलिए यह जरूरी है कि आप साफ, कॉटन के और पूरी तरह सूखे अंडरवियर ही पहनें।
वेजाइनल बॉइल की समस्या से बचने के लिए लूज और सॉफ्ट फेब्रिक से तैयार लोअर व बॉटम्स पहनें। इसके अलावा पैंटीज़ के लिए ब्रीथएबल फेब्रिक का प्रयोग करें। इससे प्यूबिक एरिया पर दिखने वाले दानों से राहत मिलने लगती है।
वेजाइना के नज़दीक जहां भी बिम्प उभर रहा है, वहीं एक गीला गर्म कपड़ा 10 से 15 मिनट के रखकर छोड़ दें। दिन में 3 से 4 बार इस प्रक्रिया को दोहराएं। इससे वॉइल की समस्या से राहत मिलने लगती है। इसके अलावा शरीर में रक्त प्रवाह भी नियमित तरीके से होने लगता है।
संक्रमण को बढ़ने से बचाने के लिए त्वचा को गीलेपन से बचाकर रखें। स्वैटिंग के कारण गीले हो चुके इनर वियर को बदलें। इससे त्वचा संक्रमण के प्रभाव से मुक्त होने लगती है। ऐसे में त्वचा को गीलेपन से बचाकर रखें और दिन में 2 से 3 बार इन्नर वियर को बदलें।
मवाद से भरे फोड़े से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ करने से बचें। इससे बैक्टीरिया के फैलने का खतरा बना रहता है। दर्द या इचिंग के चलते बॉइल को बार बार छूने और उसमें भरी मसाद को निकालने से बचें।
संक्रमण को फैलने से बचाने के लिए वेजाइनल बॉइल को छूने के बाद हाथों को एंटीबैक्टीरियल सोप व गर्म पानी से अवश्य धोएं। इससे त्वचा में फैलने वाले संक्रमण से बचा जा सकता है।
ये भी पढ़ें- मधुमेह रोगियों को ज्यादा होता है यूटीआई का जोखिम, जानिए इसका कारण और बचाव के उपाय