बट के बारे में बात करना लोगों को कभी-कभी शर्मिंदगी भरा हो सकता है। अपने शरीर के इस महत्वपूर्ण अंग के बारे में खुलकर बात करते हुए भी लोग असहज महसूस करते हैं। पर किसी भी समस्या को छुपाने या इग्नोर करने का अर्थ है उसे और ज्यादा गंभीर होने की अनुमति देना। इसलिए हेल्थ शॉट्स पर हम उन सभी मुद्दों पर खुलकर बात करते हैं, जो आपकी सेहत को प्रभावित करते हैं। फिर बट हेल्थ और हाइजीन पर बात करना तो और भी जरूरी है। आइए एक एक्सपर्ट से जानते हैं बट में होने वाली खुजली (Itchy butt causes) के कारण और बचाव (how to stop itching anus) के उपाय।
बट में खुजली एक आम समस्या है, इसे प्रुरिटस एनी (pruritus ani) के रूप में जाना जाता है, बट के आसपास जलन के लिए तकनीकी शब्द जो खुजली करने की इच्छा का कारण बनता है। अगर आपको बट में खुजली हो रही है, तो सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि इसकी वजह क्या है।
इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने बात की गायनकलॉजिस्ट और आर्केडी वीमेन हेल्थ केयर एंड फर्टिलिटी की डायरेक्टर डॉ पूजा दिवान से। पूजी दिवान बताती है कि, “सबसे पहले ये सुनिश्चित करें कि यह किसी बीमारी का लक्षण तो नहीं। क्योंकि खुजली से खरोंच, छोटे कट, दर्द और सूजन हो सकती है। यह जानना महत्वपूर्ण है कि खुजली किस कारण से हो रही है।”
पूजी दिवान बताती है कि मल त्याग के बाद ठीक से सफाई न हो पाना त्वचा पर मल के अवशेष छोड़ देता है, जिससे जलन और खुजली हो सकती है। हल्के साबुन और पानी या गीले कपड़े का उपयोग करके इसे साफ करें। हल्का सूखने के बाद पूरी तरह से और अच्छे से सफाई सुनिश्चित करना आवश्यक है।
बट क्षेत्र में रूखी त्वचा खुजली का कारण बन सकती है। लूज मोशन या डायरिया की स्थिति में भी यह समस्या हो सकती है। जब आप अपने बट को बार-बार धोती हैं। हार्ड साबुन का उपयोग, गर्म पानी से नहाना या बारिश और कम नमी त्वचा में रूखापन बढ़ा देते हैं। बट की त्वचा काफी संवेदनशाल होती है। ऐसी स्थिति में मॉइस्चराइज़र लगाने से राहत मिल सकती है।
कैंडिडिआसिस (यीस्ट संक्रमण) जैसे फंगल संक्रमण, बट के आसपास की त्वचा को प्रभावित कर सकते हैं और खुजली पैदा कर सकते हैं। ये संक्रमण गर्म, नम वातावरण में पनपते हैं। इसके लक्षणों में लालिमा, दाने और पनीर जैसा डिस्चार्ज शामिल हो सकते हैं।
पूजी दिवान के अनुसार पाइल्स या बवासीर बट क्षेत्र में सूजी हुई रक्त वाहिकाएं होती हैं, जो खुजली, दर्द और परेशानी पैदा कर सकती हैं। वे मल त्याग, गर्भावस्था या पुरानी कब्ज के दौरान समस्या पैदा कर सकते हैं। सिट्ज़ बाथ और जीवनशैली में बदलाव जैसे फाइबर का सेवन बढ़ाना और हाइड्रेटेड रहना, बट में होने वाली खुजली और अन्य लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
विभिन्न त्वचा की स्थिति, जैसे कि एक्जिमा, सोरायसिस, बट को प्रभावित कर सकती हैं और खुजली पैदा कर सकती है। इन स्थितियों में त्वचा में सूजन और जलन हो सकती है। उपचार में सामयिक स्टेरॉयड, मॉइस्चराइज़र और ट्रिगर्स की पहचान करते हुए उनसे बचना जरूरी है।
बट में खुजली को ठीक करने के लिए क्या कर सकते है इसके बारे में हमें जानकारी दी गायनकलॉजिस्ट और आर्केडी वीमेन हेल्थ केयर एंड फर्टिलिटी की डायरेक्टर डॉ पूजा दिवान से।
गर्म पानी और एक हल्के सुगंध रहित साबुन से धीरे-धीरे धो कर बट क्षेत्र को साफ रखें। कठोर साबुन या अत्यधिक रगड़ने से बचें, क्योंकि वे त्वचा को और परेशान कर सकते हैं। धोने के बाद, उस जगह को मुलायम तौलिये से थपथपा कर सुखाएं।
त्वचा को शांत करने और सुरक्षित रखने के लिए बट क्षेत्र में एक सौम्य मॉइस्चराइज़र या बैरियर क्रीम लगाएं। उन उत्पादों को इस्तेमाल करने की कोशिश जो विशेष रूप से संवेदनशील त्वचा या जलन के लिए तैयार किए गए हैं। अतिरिक्त सुगंध या जलन पैदा करने वाले उत्पादों से बचें।
ढीले-ढाले और सांस लेने वाले कपड़ों का चुनाव करना सुनिश्चित करें। विशेष रूप से बट क्षेत्र में, उचित हवा के आने जाने की जगह हो और जलन को कम करने के लिए। टाइट-फिटिंग या सिंथेटिक कपड़ों से बचें जो नमी और गर्मी पैदा करके, खुजली को बढ़ा देते हैं।
डॉ पूजा दिवान कहती हैं, खासतौर से महिलाएं अपने अंडरगारमेंट्स को छुपाकर कोनों में सुखाती हैं। जिससे वे कीटाणु मुक्त नहीं हो पाते। लगातार यही स्थिति रहने से न केवल अंडरवियर का फेब्रिक हार्ड हो जाता है, बल्कि वहां बैक्टीरिया भी मौजूद रहते हैं। पैंटी को कीटाणुमुक्त करने के लिए जरूरी है कि उसे धूप में सुखाएं। अगर हल्की सी भी नमी है तो पहनने से पहले उन्हें ठीक से इस्त्री करें।
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