मौसम में हयूमिडिटी बढ़ने से बैक्टीरियल इंफेक्शन फैलने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। जो महिलाओं की इंटिमेट हेल्थ को नुकसान पहुंचाता है। नतीजन महिलाएं यूरिन इंफेक्शन (urine infection) या यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन का शिकार हो जाती हैं। इसके चलते जलन, दर्द, खुजली और रैशेज की संभावना बढ़ने लगती है। महिलाओं को उठने बैठने में दिक्कत का अनुभव होता है। साथ ही यूरिन पास करने में भी परेशानी होने लगती है। जानते हैं क्या है यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (urinary tract infection) और किन उपायों के ज़रिए इस समस्या से बचा जा सकता है।
नेशनल किडनी फाउनडेशन के मुताबिक वे लोग जो डायबिटीज के शिकार होते हैं। उनमें यूरिन इंफेक्शन की संभावना तेज़ी से बढ़ने लगती है। दरअसल, डायबिटीज़ से पीडित लोगों की बॉडी में इम्यून सिस्टम वीक होता है। इसके चलते वे आसानी से बैक्टीरियल इंफेक्शन की चपेट में आ जाते हैं।
तेज़ बुखार का अचानक से आना
वेजाइना में दर्द और जलन का अनुभव होना
पेट के निचले हिस्से में हल्का दर्द रहने लगता है
कमर में दर्द व मांसपेशियों में ऐंठन महसूस होना
दिनभर थकान का रहना
यूरिन के रंग में बदलाव होना
इस बारे में सीनियर कंसल्टेंट गायनोकोलॉजिस्ट और ऑब्सटेट्रिशियन डॉ अंजलि कुमार ने बताया कि हाइजीन का ख्याल न रखने से आप यूटीआई से ग्रस्त हो सकते हैं। ये एक ऐसी समस्या है, जो कई बड़ी बीमारियों का कारण बन सकती है। ऐसे में इसके लक्षणों को नज़रअंदाज करना नुकसानदायक साबित हो सकता है। डिहाइड्रेशन से लेकर अनप्रोटेक्टिड सेक्स इस समस्या का कारण बन सकता है। इससे बचने के लिए वेजाइनल हाइजीन को बनाए रखना ज़रूरी है। जानते हैं इससे बचने के अन्य उपाय।
अधिक से अधिक पानी पीना आपके लिए आवश्यक है। इससे शरीर डिटॉक्स होता है और शरीर में मौजूद बैक्टीरिया बाहर आने लगता है। इससे वेजाइना में प्रवेश करने वाले माइक्रो ऑर्गेनिज्मस से मुक्ति मिल जाती है। डॉ अंजलि कुमार के अनुसार ज्यादा पानी पीने से यूरिन डाइल्यूट होता है। इससे संक्रमण एकत्रित नहीं हो पाते हैं। साथ ही ब्लैडर और यूरेथरा में भी संक्रमण की मौजूदगी कम होने लगती है।अगर आप प्लेन वॉटर नहीं पी पाती हैं। तो पानी में नींबू, शहद, पुदीना या अन्यइंग्रीडिएंटस को एड करके फलेवर्ड पानी का सेवन करें।
यूरिन पास करने के लिए पब्लिक टॉयलेटस का प्रयोग करने से पहले सावधान रहें। वेट वाइप्स या टीशू पेपर से सीट को क्लीन करें और उसके बाद प्रयोग करे। टॉयलेट का इस्तेमाल करने के बाद वेजाइना को अवश्य वॉश करें। इससे संक्रमण की संभावना कम होने लगती है। वेजाइन को ड्राई करने के लिए टीशू का प्रयोग करें।
एक्सपर्ट के अनुसार सेक्स के बाद वेजाइना को क्लीन करना सबसे ज़रूरी है। इससे संक्रमण फैलने का खतरा कइ गुना कम हो जाता है। डॉ अंजलि कुमार के अनुसार यूरिनरी ट्रैक्ट को क्लीन रखने के लिए सेक्स के बाद यूरिन को अवश्य पास करें। इसके अलावा वेजाइना को क्लीन भी कर लें। इस प्रकार से योनि में इचिंग और दुर्गंध की समस्या का भी समाधान हो जाता है।
पीरियड्स के दौरान लंबे वक्त तक सेनिटरी पैड्स को लगाने से बचें। हर 4 से 5 घंटे में पैड अवश्य बदलें। वहीं एक ही टैम्पोन को भी लंबे वक्त तक न इस्तेमाल करें। इससे बैक्टीरियल इंफेक्शन बढ़ने लगता है। जो वेजाइना में इचिंग का कारण बनने लगते हैं।
देर तक यूरिन को रोककर रखने से परहेज करें
गीले कपड़े पहनने से बचें। इससे संक्रमण तेजी से फैलता है
सेक्सुअल एक्टिविटी से दूरी बनाकर रखें। इससे पार्टनर के संक्रमित होने की संभावना बढ़ जाती है।
एसिडिक और खट्टे फलों का सेवन न करें। ये ब्लैडर को नुकसान पहुंचाते हैं
अल्कोहल इनटेक से बचें। इससे समस्या गंभीर रूप ले लेती है।
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