क्या आपको पता करना है मॉर्निंग पर्सन बनना क्यों जरूरी है। दिन की शुरूआत करने के लिए सुबह का समय सबसे जरूरी माना गया है। सुबह के समय कोई काम करने का मतलब होता है, दिन के सबसे शांत समय में आप अपने काम को पूरा करने में सफल होगें। इससे पता चलता है आपको बिना रूकावट या परेशानी के खुद के साथ समय बिताने का मौका मिला है। यह वक्त उन्हीं चीज़ों का है जिसे आप पूरा करना चाहते है।
सुबह उठने के लिए आप अलार्म सेट कर सकते हैं। हालांकि यह थोड़ा कठिन हो सकता है। यदि आप रात एक से दो बजे तक बिस्तर पर सोने के लिए नहीं जा रहे हैं तो यह कठिन जरूर हो सकता है। मॉर्निंग पर्सन बनने की विशेषता बता रहे हैं हेल्थ वेलनेस सेंटर के मैनेजिंग डायरेक्टर और हेल्थ एक्सपर्ट सतेंद्र यादव।
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सतेंद्र बता रहे हैं जल्दी उठने से दिन की शुरूआत धीरे-धीरे हो पाती है। यहीं से साफ हो रहा है कि दिन की शुरूआत होने से पहले आपके पास अपने लिए अधिक समय है। ऐसे कई लोग हैं जो काम काम शुरू होने के थोड़ी देर पहले जगते हैं।
जिसका मतलब है कि आप काम पर जाने के लिए दरवाजे के बाहर निकलने के लिए दौड़ रहे हैं। यह आपको हड़बड़ी और घबराहट फील कराता है। यदि आप सुबह जल्दी उठते हैं तो आपके पास ध्यान, सूर्योंदय देखने, दिन की योजना बनाते का पर्याप्त समय होगा। जिससे आप बगैर तनाव लिए काम को कर सकते हैं।
सुबह जल्दी उठने का सबसे प्रभावी और आसान तरीका है कि आप रात को सोने का अपना टाइम निश्चित करें। देर तक जागना, पार्टी करना, बिंज वॉचिंग या स्नैकिंग आपके नींद के चक्र और शरीर की प्राकृतिक लय को बाधित करता है। अपने डेली रुटीन में यह समझें कि आप कब तक सोने के लिए जा सकते हैं। उससे डेढ़ से दो घंटे पहले डिनर और गैजेट्स से संबंधित काम निपटा लें।
स्लीप फाउंडेशन के अनुसार नींद के दो क्रोनोटाइप हैं, पहली सुबह दूसरी शाम। यह आपके सर्केडियन रिदम से अलग है, जो आपके दिन प्रतिदिन के नींद चक्र को नियंत्रित करता है। नींद के क्रोनोटाइप को बदलना बहुत मुश्किल है। यदि आपका स्लीप क्रोनोटाइप मॉर्निंगनेस है, तो संभावना है कि आप पाएंगे कि आप स्वाभाविक रूप से जल्दी जगते हैं।
यदि आपकी क्रोनोटाइप शाम की है तो आपका जल्दी उठना मुश्किल होगा। ऐसे में बिस्तर से निकलने में आपको देरी होती है। इवनिंग क्रोनोटाइप के लिए खुद को बहुत जल्दी उठने का समय सेट करना आपकी समग्र उत्पादकता के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। सुबह जल्दी उठने लिए धीरे-धीरे आदत बनाएं और इसका फायदा उठाएं।
हम 90 मिनट के चक्र में सोते हैं और 7 चरण होते हैं। नॉन रेम स्लीप के तीन प्रकार होती है और आरईएम यानि रैपिड आई मूवमेंट का एक चरण यादि आप चक्र को बाधित करते हैं तो आप अधिक थका हुआ महसूस करेंगे। जब आप स्नूज़ बटन दबाते हैं, तो शरीर एक नया नींद का चक्र शुरू कर देता है।
इसी वजह से स्नूज बटन दबाने के बाद सोते वक्त आप अजीब महसूस करते हैं। स्नूज बटन की जगह आप आलर्म घड़ी का प्रयोग करें। और ऐसी जगह रखें की अलार्म बजते वक्त इसे उठ कर बंद करना पड़े। यह तरीका आपको झपकी लेने से रोकेगा। यह तरीका आजमाने से आप मॉर्निंग पर्सन बन सकते हैं।
पहले समझें कि आपको कितनी नींद की जरूरत है
सतेंद्र कहते हैं सुबह जल्दी उठकर मॉर्निंग पर्सन बनने के लिए सुबह जल्दी उठने से पहले आपको यह पता करना होगा कि आपको कितनी नींद की ज़रूरत है। किसी किसी व्यक्ति को नौ से दस घंटे लगते है नींद को पूरा करने में और कुछ को चार से पांच घंटे नींद लेने से जरूरत पूरी होती है। यह जब आपको पता चल जएगा कि आपको रात के समय बिस्तर पर जल्दी कितने बजे जाना है। जिससे सुबह आप जल्दी भी उठ सकें और नींद भी पूरी हो सके।
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