समर सीजन शुरू हो चुका है और इस मौसम गर्मी की वजह से बॉडी में हीट बढ़ जाता है, ऐसे में पाचन संबंधी समस्याएं भी बेहद आम हो जाती हैं। इस मौसम खाद्य पदार्थों को पचाना आसान नहीं होता और हल्का सा भी मसालेदार और ऑयली भोजन पेट खराब कर सकता है। खासकर इन खाद्य पदार्थों के कारण पेट में जलन शुरू हो जाता है। वहीं इस मौसम कुछ लोगों को कब्ज, अपच, उल्टी, जी मचलना, यहां तक की डायरिया की समस्या अधिक फ्रिक्वेंटली परेशान कर सकती है। ऐसे में अपने पाचन क्रिया के प्रति अधिक सचेत रहने की आवश्यकता होती है। यदि आपका पेट खराब है, तो आपको खाद्य पदार्थों से परहेज करने के साथ ही यह ध्यान रखना भी जरूरी है की आपको इस दौरान क्या खाना है।
आज हेल्थ शॉट्स आपके लिए लेकर आया है कुछ हेल्दी खाद्य पदार्थों के नाम, जो पेट खराब होने पर स्थिति में सुधार करने में आपकी मदद करेंगे। पेट खराब होने पर इन खाद्य पदार्थों का सेवन करें, इनसे पेट को आराम मिलेगा और आपको परेशानी नहीं होगी।
केला में पोटेशियम की भरपूर मात्रा पाई जाती है। पेट खराब होने पर मतली और उल्टी जैसे पेट के लक्षण नजर आने के कारण बॉडी में पोटेशियम और सोडियम जैसे फ्लूइड और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी हो सकती है। इलेक्ट्रोलाइट्स एक बेहद महत्वपूर्ण मिनरल है, जिसकी आवश्यकता आपके बॉडी को सामान्य सेलुलर कार्य को बनाए रखने के लिए होती है। यदि आपका पेट खराब है, तो इलेक्ट्रोलाइट युक्त खाद्य पदार्थों का चयन करना महत्वपूर्ण है, वहीं केला इन खाद्य पदार्थों में से एक है।
अक्सर प्रेगनेंसी में महिलाएं जी मचलने और उल्टी आने पर अदरक का इस्तेमाल करती हैं। चाय और सादे पानी में ताजा, क्रश किया हुआ अदरक मिलाएं और इसे एंजॉय करें। आप फ्रेश और सूदिंग बर्फ के टुकड़े बनाने के लिए भी कटी हुई अदरक का उपयोग कर सकती हैं। यह आपके पेट को ठंडक प्रदान करेगा। इसके अलावा अदरक में मौजूद एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टी पेट के सूजन से राहत प्रदान करती हैं, और पेट खराब होने पर नजर आने वाले लक्षणों पर भी नियंत्रण पाने में मदद करती हैं।
केले की तरह, आलू भी सूदिंग डाइट का हिस्सा हैं और इसमें पोटेशियम की भरपूर मात्रा पाई जाती है। अमेरिकन एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट और फूडडेटा सेंट्रल के अनुसार एक छोटे सफेद आलू में, लगभग 92 ग्राम, में 374 मिलीग्राम पोटेशियम होता है। अपने पेट को ठीक रखने के लिए बिना किसी अतिरिक्त टॉपिंग के आलू को सादा पकाएं और इसे खाएं। जैसे ही आप आलू में मसाला और तेल मिलती हैं, वैसे ही ये अस्वस्थ हो जाते हैं।
फ्लैक्स सीड्स, जिसे अलसी के नाम से भी जाना जाता है, एक छोटा, रेशेदार बीज है जो स्टूल पैसेज को नियंत्रित करने और कब्ज और पेट दर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। अलसी के बीज में कई खास प्रॉपर्टीज और पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो आपके पेट को लुब्रिकेंट कर उन्हें आराम पहुंचते हैं। साथ ही साथ यह काफी स्मूद होती हैं, ऐसे में यदि किसी को कब्ज की समस्या है, तो यह उससे राहत प्राप्त करने का एक बेहतरीन उपाय साबित हो सकती है।
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क्रोनिक कब्ज की समस्या में व्यक्ति हफ्ते में 3 या 4 बार ही स्टूल पास करता है। यह पेट दर्द और बेचैनी के साथ हो सकता है। इसे पिसी हुई अलसी या अलसी के तेल के रूप में लेने से, कब्ज के असुविधाजनक लक्षणों से राहत पाने में मदद मिलेगी।
इरीटेबल बॉवेल सिंड्रोम या IBS, पेट खराब कर सकता है। IBS एक दीर्घकालिक आंत विकार है, जो पेट दर्द, सूजन, कब्ज और दस्त का कारण बन सकता है। जबकि IBS को प्रबंधित करना मुश्किल हो सकता है, ऐसे में पब मेड सेंट्रल द्वारा प्रकाशित अध्ययन की माने तो पुदीना इन असुविधाजनक लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है।
रोजाना कम से कम दो सप्ताह तक पेपरमिंट ऑयल कैप्सूल लेने से आईबीएस पीड़ितों में पेट दर्द, गैस और दस्त को काफी हद तक कम किया जा सकता है। शोधकर्ताओं का मानना है कि पेपरमिंट ऑयल पाचन तंत्र में मांसपेशियों को आराम पहुंचाता है और आंतों की ऐंठन की गंभीरता को कम करता है जो दर्द और दस्त का कारण बन सकता है।
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