हम में से ज्यादातर लोग अब भी नहीं जानते कि खाना पकाने की अलग -अलग विधियों के लिए अलग-अलग तेलों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। भूनने, ड्रेसिंग और बेकिंग करने के लिए शेफ अकसर अलग-अलग तेलों का इस्तेमाल करते हैं। एक्सपर्ट मानते हैं कि तेलों का इस्तेमाल उसके स्मोक पाइंट को देखकर ही किया जाना चाहिए। जिस तेल का स्मोक पाइंट कम हो, उसे खाना पकाने में अधिक इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। कुकिंग ऑयल न केवल आपके खाने को स्वादिष्ट बनाते हैं, बल्कि ये आपकी सेहत के लिए भी फायदेमंद हो सकते हैं। ऐसा ही एक कुकिंग ऑयल है राइस ब्रान ऑयल (Rice bran oil benefits)। इन दिनों इसकी लोकप्रियता काफी बढ़ने लगी है। आइए जानते हैं इस ऑयल के बारे में सब कुछ।
यह 232 डिग्री सेल्सियस के अपने उच्च स्मोक पाइंट और हल्के स्वाद के लिए जाना जाता है। इसकी यही खासियत इसे भारतीय व्यंजनों के लिए बेहतरीन बनाती है। आप इसका इस्तेमाल दाल-सब्जी पकाने से लेकर पूड़ी-परांठा तलने तक के लिए कर सकते हैं।
राइस ब्रान ऑयल चावल की कठोर बाहरी भूरी परत जिसे ब्रान कहा जाता है, से निकाला जाता है। एक बार जब ब्रान हटा दिया जाता है, तो इसका तेल निकालने के लिए रासायनिक सोलवेंट का उपयोग किया जाता है। तेल कई और तरह से भी निकाला जाता है, जिनमें एक्सपेलर प्रेसिंग और सुपरक्रिटिकल तरल पदार्थ शामिल हैं। जिसमें ब्रान हटाने के लिए उच्च दबाव वाले कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग किया जाता है।
एक बार जब राइस ब्रान ऑयल निकल जाता है, तो इसमें खराब पदार्थों और फ्री फैटी एसिड को हटाने के लिए रिफाइंड किया जाता है। गर्म होने पर ये धुएं के रूप में निकल जाते हैं, जिससे ये खाना पकाने के लिए उपयुक्त हो जाता है।
इसका स्मोक पाइंट 232 डिग्री सेल्सियस है, जो सभी खाना पकाने के तेलों में से सबसे अधिक है। राइस ब्रान ऑयल तलने और पकाने के लिए उपयोगी है। यह स्टिर-फ्राई के लिए भी काफी पसंद किया जाता है।
न्यूट्रीशनिस्ट और हेल्थ कोच नेहा रंगलानी ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में कुछ हेल्दी ऑयल के बारे में जानकारी दी जिसे आप एक हेल्दी डाइट के लिए अपना सकते हैं। इसमें उन्होंने राइस ब्रान ऑयल का विकल्प भी चुनने की सलाह दी है।
राइस ब्रान ऑयल में अनसैट्युरेटिड फैट होता है। ये तेल आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम कर सकता है। जिससे हृदय रोग और स्ट्रोक के जोखिम को कम करने में मदद मिलती है। राइस ब्रान ऑयल का सेवन कुल रक्त कोलेस्ट्रॉल, एलडीएल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के स्तर को काफी कम कर सकता है।
इस तेल में फाइटोस्टेरॉल भी हाता है। फाइटोस्टेरॉल न केवल आंतों को कोलेस्ट्रॉल को अवशोषित करने से रोकते हैं, बल्कि ये मल में कोलेस्ट्रॉल के उत्सर्जन को भी बढ़ाते हैं। रोजाना फाइटोस्टेरॉल का सेवन करने से एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का स्तर काफी कम हो सकता है।
राइस ब्रान ऑयल का एक बड़ा चम्मच तेल 4 मिलीग्राम से अधिक विटामिन ई प्रदान करता है। वसा में घुलनशील विटामिन में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। जिसका अर्थ है कि यह कोशिकाओं को मुक्त कणों के संपर्क से होने वाले नुकसान से बचाता है। जो हृदय रोग और कैंसर के विकास में योगदान कर सकते हैं।
इसके अलावा राइस ब्रान ऑयल गामा-ओरिज़ानॉल से भरपूर होता है, जिसे सबसे प्रभावी एंटीऑक्सिडेंट में से एक माना जाता है। इसमें कैंसर विरोधी गुण हो सकते हैं।
खाना पकाने के तेल के अलावा, राइस ब्रान ऑयल कॉस्मेटिक उत्पादों में भी पाया जाता है। इसे अक्सर साबुन में, सनस्क्रीन और टॉपिकल एंटी-एजिंग उत्पादों में भी मिलाया जाता है। राइस ब्रान ऑयल में स्क्वैलीन और टोकोट्रिएनोल्स होते हैं, ये आपकी त्वचा को मुलायम बनाने और मरम्मत करने में सहायता करते हैं।
इसमें उच्च स्तर के प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो आपके मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देते हैं और वजन घटाने में मदद कर सकते हैं। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट का उच्च स्तर न केवल इस तेल को स्वस्थ बनाता है, बल्कि इसे खराब होने से बचाकर इसकी शेल्फ लाइफ भी बढ़ाता है।
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