कभी-कभी हमारे घुटने और अन्य जोड़ों में सूजन आ जाती है। इसके कारण हमें जॉइंट पेन (Joint Pain) और मसूड़े में सूजन (Gum Inflammation) भी हो जाता है। दरअसल यह यूरिक एसिड के कारण होता है। इस स्थिति को गाउट कहते हैं। यह तब हो सकता है, जब ब्लड में यूरिक एसिड का स्तर बहुत अधिक हो जाता है। इससे पैर, पैर की उंगलियों और अन्य जोड़ों में क्रिस्टल बन जाते हैं। यूरिक एसिड को कैसे कम किया (reduce uric acid naturally) जाए, इसके लिए हमने बात की गुरुग्राम के आर्टिमिस हॉस्पिटल के इंटरनल मेडिसिन डॉ. पी वेंकट कृष्णन से।
आहार और जीवन शैली में बदलाव, दवाएं और सप्लीमेंट यूरिक एसिड को कम करने में मदद कर सकते हैं। यदि आपको भी लगता है कि ब्लड में यूरिक एसिड बढ़ने लगा है, तो कुछ उपाय अपनाकर इसे जल्दी ( How to reduce Uric Acid quickly) ठीक किया (Reduce Uric Acid) जा सकता है।
डॉ. पी वेंकट कृष्णन कहते हैं, ‘ हमारे शरीर में यूरिक एसिड स्वाभाविक रूप से पाए जाते हैं। जब शरीर में प्यूरीन टूटता है, तो यूरिक एसिड का उत्पादन होता है। यह प्यूरीन कुछ खाद्य पदार्थों में भी पाया जाता है। इनमें रेड मीट, ऑर्गन मीट जैसे कि लिवर आदि हैं। सी फ़ूड जैसे कि सार्डिन, ट्राउट या टूना भी प्यूरीन से भरपूर होता है। मोटापा और अन्य कारणों से भी यूरिक एसिड बढ़ सकते हैं।’
डॉ. पी वेंकट कृष्णन के अनुसार, कुछ खाद्य पदार्थों में प्यूरीन यौगिक स्वाभाविक रूप से पाए जाते हैं। जैसे ही शरीर प्यूरीन को तोड़ता है, यह यूरिक एसिड पैदा करता है। प्यूरीन युक्त खाद्य पदार्थों के मेटाबोलिज्म की प्रक्रिया बहुत अधिक यूरिक एसिड का उत्पादन करती है। इससे गाउट की संभावना बढ़ जाती है। मांस-समुद्री मछली के अलावा वाइन, हाई फैट वाले खाद्य पदार्थ, जैसे डेयरी उत्पाद,रेड मीट, स्वीट फ़ूड, कार्बोनेटेड ड्रिंक में भी पयूरीन होते हैं। इनका सेवन कम से कम करें।
कुछ खाद्य पदार्थों में प्यूरीन का स्तर कम होता है। यूरिक एसिड लेवल को कम करने के लिए उन्हें आहार में शामिल किया जा सकता है। कम प्यूरीन सामग्री वाले कुछ खाद्य पदार्थों में वसा रहित डेयरी प्रोडक्ट, पीनट बटर, ज्यादातर फल और सब्जियां, कॉफ़ी, साबुत अनाज, आलू आदि हैं।
कुछ दवाएं यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ा सकती हैं। इसमे शामिल है: यूरीन को बढाने वाली दवाएं, जैसे फ़्यूरोसेमाइड, हाइड्रोक्लोरोथियाज़ाइड। एस्पिरिन भी अधिक नहीं लेना चाहिए।
ये दवाएं इम्यून सिस्टम पर प्रभाव डालती हैं। ध्यान रखें कि किसी भी दवा को बदलने या नहीं लेने से पहले डॉक्टर से जरूर बात कर लें।
वजन बढ़ने पर यूरिक एसिड से होने वाली समस्या भी बढ़ जाती है। इसलिए शरीर के वजन को सामान्य बनाए रखें, इससे गाउट या यूरिक एसिड लेवल को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है।इसके लिए फिजिकल एक्टिविटी बढायें, संतुलित आहार खाएं और पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ को शामिल करें। इससे समग्र स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है।
गाउट वाले लोगों में मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है। वजन अधिक होने और हाई कोलेस्ट्रॉल से मधुमेह और गाउट दोनों बढ़ता है। क्योंकि मधुमेह से पीड़ित लोगों के इंसुलिन उपचार से ब्लड में यूरिक एसिड लेवल बढ़ जाता है।
कई अध्ययन से यह साबित हो चुका है कि विटामिन सी के सेवन और ब्लड में यूरिक एसिड लेवल के बीच सकारात्मक संबंध पाया गया है। विटामिन सी से भरपूर संतरा, चेरी, स्ट्रॉबेरी, नींबू आदि को रोजाना की डाइट में शामिल करें।चेरी सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं।
यदि जीवनशैली और आहार में परिवर्तन के बावजूद सूजन की समस्या बरकरार है, तो डॉक्टर से तुरंत मिलें। शुरूआती दौर में सही उपचार मिलने से गाउट की समस्या की रोकथाम हो सकती है।
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