प्रेगनेंसी के दौरान खासकर पहले तीन महीने कुछ भी खाने-पीने का मन नहीं करता है। कुछ भी खाने पर उल्टी होने लगती है। शरीर को खानपान के जरिये जरूरी पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं। इससे मां का शरीर कमजोर होने का डर हो जाता है।इसका सीधा असर बच्चे के विकास पर पड़ने की आशंका होने लगती है। कुछ महिलाओं को तो बेड से उठने का मन नहीं करता है। उन्हें डीहाइड्रेशन होने के चांसेज भी बढ़ जाते हैं। आयुर्वेद में कई उपाय हैं जिन्हें आजमाने पर इस समस्या से राहत (how to stop vomiting in pregnancy) मिल सकती है।
जर्नल ऑफ़ प्रेगनेंसी में प्रकाशित शोध के अनुसार, गर्भावस्था के दौरान उल्टी होना आम है। प्लेसेंटा द्वारा कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (HCG) हार्मोन का उत्पादन होता है। इसके प्रभाव के कारण हो सकती है। गर्भवती महिलाएं फर्टिलाइज एग के गर्भाशय की परत से जुड़ने के तुरंत बाद एचसीजी का उत्पादन शुरू कर देती हैं। इससे मॉर्निंग सिकनेस या उल्टी जैसा लगने लगता है। अक्सर उल्टी किसी ख़ास प्रकार की गंध को सूंघने या कुछ खाद्य पदार्थ खाने से होती है। गर्भावस्था के पहले तीन महीनों के दौरान मॉर्निंग सिकनेस सबसे आम है। आमतौर पर गर्भावस्था के दूसरे तीन महीनों के मध्य या अंत तक लक्षणों में सुधार हो जाता है।
आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ. अपर्णा अपने इन्स्टाग्राम पोस्ट में यह बताती हैं कि कुछ महिलाओं को वोमिटिंग के कारण इतनी दिक्कत हो जाती है कि वे 9 महीने किसी भी प्रकार की एक्टिविटी नहीं कर पाती हैं। आयुर्वेद में बताये उपायों को आजमाने से उन्हें उल्टी से राहत मिल सकती है। साथ ही, वे दिन भर सुस्त रहने की बजाय एनर्जेटिक फील करेंगी।
काली किशमिश कैल्शियम, विटामिन सी, आयरन, फाइबर, सोडियम, पोटैशियम से भरपूर होता है। यह हार्ट हेल्थ और बोन हेल्थ के लिए बेहद फायदेमंद है।
वोमिटिंग रोकने के लिए 500 एमएल पानी में 5-6 किशमिश को उबाल लें। इसमें 2 पिंच इलायची पाउडर मिक्स कर लें। स्वाद के लिए रॉक शुगर एड कर लें। इसे दिन भर थोड़ा-थोड़ा पीते रहें।
लाजा एक नरम, हल्का, सफेद चावल जैसा खाद्य उत्पाद है, जिसे धान को भून कर तैयार किया जाता है। इसे देसी भाषा में धान का लावा भी कहा जाता है आयुर्वेदिक शास्त्रों के अनुसार, लाजा का व्यापक रूप से उल्टी, दस्त, ब्लीडिंग डिसऑर्डर के लिए उपयोग किया जाता है। इसमें सोडियम, पोटैशियम, गुड कोलेस्ट्रॉल, विटामिन ए, विटामिन सी, कैल्शियम, आयरन भी पाया जाता है। 1 कप लाजा को 2.5 ग्लास पानी के साथ 5 मिनट तक उबाल लें। फ्लेम को मीडियम रखें। इसे रॉक शुगर और 2 पिंच इलायची पाउडर के साथ मिक्स कर खाएं।
नारियल पानी अलग-अलग मिनरल्स और इलेक्ट्रोलाइट्स जैसे कि पोटैशियम, कैल्शियम, मैंगनीज, एंटीऑक्सिडेंट, अमीनो एसिड और साइटोकिनिन से भरपूर होता है। इसमें लगभग 470 मिलीग्राम पोटैशियम होता है। अन्य जूस की अपेक्षा इसमें कैलोरी, कार्बोहाइड्रेट और चीनी भी कम होती है। यह माइंड के अलावा हार्ट हेल्थ और किडनी के लिए भी बढ़िया होता है।
साथ ही अदरक में जिंजरोल मुख्य बायोएक्टिव यौगिक के रूप में मौजूद होता है। जिंजरोल में शक्तिशाली एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं।
कोकोनट वाटर को 1 पिंच पिंक साल्ट, आधा टेबलस्पून अदरक का जूस और आधा टेबल स्पून नींबू के रस के साथ मिला लें। इसे पीयें।
यदि ये टिप्स काम नहीं करते हैं, तो किसी अनुभवी आयुर्वेद डॉक्टर से मिलें। बिना किसी परामर्श के दवा लेना या घरेलू नुस्खे आजमाना गर्भावस्था में मां और बच्चे दोनों के लिए खतरनाक हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि किसी विशेषज्ञ से परामर्श के बाद ही कुछ ट्राई करें।
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