यदि आपको अंडरआर्म्स में अत्यधिक खुजली हो रही है, और उनमें लाल रंग के पंप्स निकल रहे हैं, तो यह आर्मपिट रैश के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं। इन्हे नजरंदाज नहीं करना चाहिए अन्यथा बाद में स्थिति और ज्यादा गंभीर हो सकती है। आर्मपिट रैश कई गंभीर स्किन कंडीशन की निशानी हो सकते हैं, ऐसे में समय रहते इन पर ध्यान देना और इन्हें ट्रीट करना जरूरी है। आर्मपिट रैश (armpit rash) के संभव कारण और इससे बचाव के उपाय जानने के लिए हेल्थ शॉट्स गुरुग्राम की डर्मेटोलॉजिस्ट और कॉस्मेटोलॉजिस्ट डॉक्टर उर्वी पांचाल से बात की। तो चलिए जानते हैं आर्मपिट रैश के क्या कारण हैं, साथ ही जानेंगे इनसे बचाव के तरीके।
कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस की स्थिति में बॉडी और स्किन एलर्जी और इरिटेंट के संपर्क में आ जाती है, जो आमतौर पर संक्रमण के 2 घंटे के बाद से नजर आना शुरू हो जाते हैं। इस स्थिति में लाल रंग के रूखे रैशेज हो जाते हैं जिनमें खुजली होती है। वहीं कई ऐसे ट्रिगर्स हैं, जो कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस को ट्रिगर कर सकते हैं, जैसे कि डिटर्जेंट में पाए जाने वाले केमिकल, खाद्य पदार्थ, एनवायरमेंटल एलर्जन, मेडिकेशन, और कीड़े काटने से। इस स्थिति में आर्मपिट रैश हो सकते हैं।
हेयर रिमूवल प्रोसेस के बाद अंडरआर्म्स की त्वचा पर छोटे छोटे लाल रंग के दर्दनाक बंप्स निकल आते हैं। ये बंप्स आमतौर पर हेयर फॉलिकल्स के आसपास होते हैं।
एग्जिमा एक प्रकार का क्रॉनिक स्किन कंडीशन है, जिसमें स्किन इन्फ्लेमेशन देखने को मिलता है। यह आमतौर पर बॉडी में जोड़ो के पास होते हैं, जैसे की अंडरआर्म, कोहनी, घुटने आदि। एक्जिमा की स्थिति में लाल रंग के रैश होते हैं, जिसमें काफी ज्यादा खुजली महसूस होती है। वहीं स्क्रैच करने के बाद इनमें से फ्लूइड भी निकलता है।
कैंडीडा एक प्रकार का यीस्ट इंफेक्शन है जो फंगल इन्फेक्शन का कारण बन सकता है। कैंडीडा रैशेज को भी ट्रिगर करता है। इस स्थिति में सूजे हुए लाल रंग के खुजलीदार बंप देखने को मिलते हैं। वहीं ये सबसे पहले अंडरआर्म को प्रभावित करते हैं।
हीट रैश तब होता है जब स्वेट ग्लैंड और डक्ट ब्लॉक हो जाते हैं। इस स्थिति में त्वचा के अंदर स्वेट भरे बंप निकल आते हैं। ऐसे में दर्द, खुजली और इन्फ्लेमेशन हो सकता है। हालांकि, ठंडे वातावरण में रहने से इस स्थिति में सुधार देखने को मिलता है।
त्वचा का दूसरी ओर से त्वचा में रगड़ने से, खासकर गर्म और मॉइस्ट एरिया में ऐसा होता है, तब जलन के साथ खुजलीदार रैश हो जाते हैं। यह स्थिति सबसे ज्यादा अंडरआर्म्स में देखने को मिलती है। इस स्थिति में रैशेज लाल या वॉयलेट रंग के नजर आ सकते हैं साथ ही, कई बार केवल हाइपरपिगमेंटेशन देखने को मिलता है।
यदि आर्मपिट में फ्लूइड फिल्ड लाल रंग के रैश हो गए हैं, तो इस स्थिति में डर्मेटोलॉजिस्ट से मिलना जरूरी है। अपने मन से किसी प्रकार की भी एंटीफंगल या एंटीबैक्टीरियल क्रीम अप्लाई कर रही हैं, तो इससे स्थिति बिगड़ सकती है। सबसे पहले डॉक्टर से मिले और अपनी स्किन कंडीशन का पता लगाएं फिर प्रिसक्राइब्ड दवाइयां लें। डॉक्टर द्वारा एंटीफंगल क्रीम, और एलर्जी ट्रीट करने के लिए लोशन सहित बैक्टीरियल इंफेक्शन होने पर एंटीबायोटिक दिए जाते हैं।
सुगंधित साबुन, कपड़े धोने का डिटर्जेंट जैसे किसी भी उत्तेजक पदार्थ यदि रैशेज को ट्रिगर करते हैं तो इनसे परहेज करें या इन्हे बदल दें।
यदि आपके बाल अंदर की ओर बढ़े हुए हैं, तो दाने ठीक होने तक शेविंग करने से बचें।
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कस्टमाइज़ करेंढीले, सूती कपड़े पहनें जिनमें से अंडरआर्म के नीचे हवा पास हो सके।
ठंडे वातावरण में रहने का प्रयास करें, इससे अंडरआर्म में पसीना जमा नहीं होगा और बैक्टिरियल ग्रोथ भी कम होंगे।
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ओटमील बाथ लें, इससे रैशेज को कम करने में मदद मिलेगी।
स्किन ड्राइनेस या एक्जिमा की स्थिति में फ्रेगनेंस फ्री मॉइस्चराइजर या कोकोनट ऑयल जैसे ऑर्गेनिक मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल करें।
यदि अधिक बेचैनी महसूस हो रही है तो इस स्थिति में कूल कंप्रेस का उपयोग कर सकती हैं। कॉटन के कपड़े में बर्फ डालें और अंडरआर्म की त्वचा की सिकाई करें।
घर्षण को रोकने और नमी को अवशोषित करने के लिए एंटीचाफिंग पाउडर का उपयोग करें।
रैशेज में खुजली होने पर इन्हे खरोंचने से बचें, जिससे लक्षण बदतर हो सकते हैं। खुजली आने पर कपड़े से धीरे धीरे रब करें।
लैवेंडर या टी ट्री ऑयल को आजमा सकती हैं। इसके एंटीफंगल और एंटीबैक्टीटियल गुण त्वचा को राहत प्रदान करते हैं।
नियमित रूप से शॉवर लें और सुनिश्चित करें कि कपड़े पहनने से पहले आप अपनी बाहों के नीचे हिस्से को पूरी तरह से सुखा लें।
माइल्ड स्किन केयर प्रोडक्ट्स और कपड़े धोने वाले उत्पादों का उपयोग करें।
ढीले, सूती कपड़े पहनें जिससे आपकी अंडरआर्म में हवा पास हो सके।
ठंडे वातावरण में रहें, एंटीचाफिंग पाउडर के बारे में फार्मासिस्ट से पूछें।
विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट युक्त खाद्य पदार्थ लें जिससे इम्यूनिटी बूस्ट करने में मदद मिले।
अपने वजन को नियंत्रित करने का प्रयास करें, क्योंकि शरीर की अतिरिक्त चर्बी और त्वचा की सिलवटों से आर्मपिट रैशेज का खतरा बढ़ सकता है।
यदि आप रैशेज के कारण की पहचान नहीं कर पा रहे हैं, या स्थिति बिगड़ती जा रही है, तो चिकित्सीय सलाह लें।
सोरायसिस या अन्य अंतर्निहित स्थितियों के लिए डर्मेटोलॉजिस्ट से मिले और सलाह ले।
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