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Burning feet : विटामिन बी 12 की कमी और किडनी रोगों में भी हो सकती है पैरों में जलन, जानिए इसके अन्य कारण और बचाव के उपाय

कुछ लोगों के पैर ठंड के मौसम में भी तपते रहते हैं। पैरों में महसूस होने वाली यह जलन सामान्य नहीं है। इसके कारणों को जानना और समाधान की ओर बढ़ना जरूरी है।
Published On: 5 Jan 2024, 05:50 pm IST
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Burning feet ke upay jaanein
जानते हैं फीट बर्निंग के कारण और उससे बचने के उपाय भी। चित्र : अडोबी स्टॉक

सर्दी के मौसम में शरीर में कई प्रकार के बदलाव आने लगते हैं। तापमान में गिरावट आने से शरीर न केवल मौसमी संक्रमण का सामना करता है, बल्कि शुष्कता बढ़ने से इचिंग और जलन समस्या भी बढ़ जाती है। ऐसी ही एक समस्या है पैरों में जलन का महसूस होना। बर्निंग फीट (causes of burning feet) की समस्या के कई कारण हो सकते हैं। यह जरूरी है कि इनके बारे में जाना जाए, ताकि बर्निंग फीट (Tips to get rid of burning feet) की समस्या से बचा जा सके।

पैरों की त्वचा को हेल्दी बनाए रखने और जलन की समस्या से बचने के लिए कुछ खास टिप्स अवश्य अपनाएं। जानते हैं फीट बर्निंग के कारण और उससे बचने के उपाय भी।

सर्दियों में क्यों कुछ लोगों को होने लगती है पैरों में जलन (Causes of burning feet in winter)

आर्टिमिस अस्पताल गुरूग्राम में सीनियर फीज़िशियन डॉ पी वेंकट कृष्णन के अनुसारसर्दी के मौसम में त्वचा शुष्क होने के कारण जहां शरीर पर इचिंग की समस्या बनी रहती है। ठीक उसी प्रकार से पैरों में जलन भी एक मुख्य समस्या बनकर उभरती है।

एनआईएच के अनुसार दिनभर की थकान या स्किन प्रोब्लम पैरों में बढ़ने वाली सूजन और जलन का कारण साबित होता है। पैरों में होने वाली जलन नर्व डैमेज का संकेत होता है, जो डायबिटीज़, अल्कोहल इनटेक, विटामिन बी की कमी या एचआईवी संक्रमण का कारण महसूस होने लगती है।

Burning feet ki samasya ke kaaran
पैरों की त्वचा को हेल्दी बनाए रखने और जलन की समस्या से बचने के लिए कुछ खास टिप्स अवश्य अपनाएं। चित्र : अडोबी स्टॉक

जानते हैं पैरों की जलन के कारण (Common causes of burning feet)

1. अल्कोहल इनटेक का बढ़ना (Too much alcohol)

नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ हेल्थ के अनुसार ज्यादा शराब का सेवन करने से नर्व डैमेज का खतरा बना रहता है, जिससे पैरों में जलन की समस्या बढ़ने लगती है। इसे अल्कोहलिक न्यूरोपेथी कहकर भी पुकारा जाता है। इसके चलते पैर में जलन, दर्द और सेंसेशन महसूस न होने की समस्या का सामना करना पड़ता है।

2. एथलीट फुट (Athlete foot)

इस समस्या के चलते पैरों में फंगल संक्रमण जैसे जॉक इच और रिंगवॉर्म की संभावना रहती है। इससे पैरों में खुजली और त्वचा में खुरदरापन बढ़ने लगता है। एथलीट फुट के चलते पैरों की उंगलियों और तलवों में जलन की समस्या बढ़ने लगती है। वे लोग जो इस समस्या से ग्रस्त होते हैं। उनके नाखूनों के रंग में भी परिवर्तन देखा जाता है।

3. कोल्ड वेव (cold wave)

सर्द हवाएं शरीर के सभी अंगों को प्रभावित करती है। इससे पैरों की उंगलियां में सूजन की समस्या बढ़ने लगती है, जो जलन का कारण बन जाती है। दरअसल, ब्लड वैसल्स के संकुचित होने से रक्त स्त्राव एचित तरीके से नहीं हो पाता है। इससे पैरों में जलन बढ़ जाती है।

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Burning ke kaaran jaanein
इससे उंगलियों के रंग में परिवर्तन महसूस होने लगता है और उन्हें टच करने से दर्द व जलन महसूस होती है।चित्र: शटरस्टॉक

4. फ्रॉस्ट बाइट (frostbite)

ठण्ड के मौसम में बर्फीले स्थान पर तापमान काफी कम पाया जाता है। इससे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन पूर्ण रूप से नहीं हो पाता है, जिसके चलते पैरों की उंगलियां फ्रीज होन की स्थिति में पहुंच जाती है। इससे उंगलियों के रंग में परिवर्तन महसूस होने लगता है और उन्हें टच करने से दर्द व जलन महसूस होती है।

5. डायबिटिक न्यूरोपेथी (Diabetic neuropathy)

डायबिटिक न्यूरोपेथी पैरों में जलन का सबसे मुख्य कारण साबित होती है। डायबिटीज पूरे शरीर में नर्व डैमेज का कारण साबित होती है। शरीर में शुगर का लेवल बढ़ने से नर्वस प्रभावित होती हैं, जिससे पैरों में जलन और शरीर पर इचिंग बढ़ने लगती है।

6. विटामिन बी 12 की कमी (vitamin B12 deficiency)

शरीर में विटामिन बी 12 की कमी से भी पैरों में जलन और इचिंग की समस्या हो सकती है। शरीर में इसकी भरपूर मात्रा में मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है। मांस, मछली और अंडे से प्राप्त होने वाले इस विटामिन को कोबालामाइन भी कहा जाता है, जो एक वॉटर साल्यूबल विटामिन है।

7. किडनी संबधी रोग (Kidney health issues)

किडनी जब पूर्ण रूप से अपना कार्य नहीं कर पाती है, तो ऐसे में ब्लड में टॉक्सिन की मात्रा बढ़ने लगती है। इसके चलते लोअर लेग्स और पैरों में बर्निंग महसूस होती है। इसके अलावा ज्वाइंट पेन और स्टिफनेस भी बढ़ जाती है।

इन टिप्स को फॉलो करें (tips to get rid of burning feet)

1. किसी और के जूते पहनने से बचें

किसी भी प्रकार के फंगल संक्रमण से बचने के लिए किसी और व्यक्ति के जूत पहनने से बचें। इससे रिंगवार्म की समस्या बढ़ने लगती है। साथ ही पैरों को सुखाकर ही मोज़े पहनें।

2. एप्सम सॉल्ट का इस्तेमाल

हल्के गुनगुने पानी में एप्सम सॉल्ट को डालकर पैरों को उसमें डुबाकर रखें। इससे पैरों की जलन और दर्द दोनों से राहत मिलने लगती है। इससे पैरों की मांसपेशियों में होने वाली ऐंठन से भी राहत मिलती है।

Foot bath se mailega fayda
हल्के गुनगुने पानी में एप्सम सॉल्ट को डालकर पैरों को उसमें डुबाकर रखें। चित्र : शटरस्टॉक

3. ऑयल मसाज

पैरों में हो रही जलन को दूर करने के लिए ऑयल मसाज लाभकारी साबित होती है। इससे सर्दी के मौसम में शुष्कता के कारण पैरों और टांगों में होने वाली खुजली भी कम हो जाती है।

4. डॉक्टर से संपर्क करें

अगर आपके पैर में किसी घाव या चोट के कारण जलन हो रही है, तो तुरंत जांच करवाएं। इसके अलावा शरीर में ब्लड शुगर बढ़ने पर भी डॉक्टरी उपचार ज़रूर करवाएं।

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लेखक के बारे में
ज्योति सोही
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

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