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Eye Flu : कई राज्यों में बढ़ रहे हैं आई फ्लू के मामले, जानिए इस समस्या से उबरने के 6 घरेलू उपाय

बारिश के मौसम में आई फ्लू की समस्या सबसे अधिक होती है। यदि समस्या गंभीर नहीं है, तो इन 6 घरेलू उपचार से इससे छुटकारा पाया जा सकता है।
Updated On: 8 Jan 2024, 12:34 pm IST
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eye pain causes
डॉक्टरी जांच के बाद आंखों की समस्या को दूर करने के लिए प्रोटेक्टिव आईवेयर का इस्तेमाल करना आवश्यक है। चित्र : अडोबी स्टॉक

बारिश के मौसम में आई फ्लू होना आम समस्या है। इसमें आंखें लाल दिखाई देने लगती हैं। यह बैक्टीरियल या वायरल संक्रमण के कारण हो सकता है। यह कंजक्टिवाइटिस (conjunctivitis) कहलाता है। अकसर समस्या गंभीर नहीं होने पर आई डॉक्टर आई फ्लू के लिए घरेलू उपचार की सलाह देते हैं। इन उपचारों की मदद दवा के साथ भी ली (How to deal with eye flu) जा सकती है।

क्या है आई फ्लू ( what is Eye Flu)

बैक्टीरिया या वायरस से संक्रमण होने पर आंख की कंजक्टिवा सूज जाती है। यह एलर्जी के कारण भी हो जाती हैं।  आई फ्लू के कारण आंखों में खुजली होने लगती है, आंखें लाल हो जाती हैं। इसके कारण आंखों से चिपचिपा स्राव भी निकल सकता है। संक्रामक होने के कारण यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है।

यहां हैं आई फ्लू होने पर घरेलू उपचार (How to deal with eye flu)

1 गर्म या ठंडी सिकाई करें (Hot or cold compress)

आई फ्लू से राहत पाने के लिए पलकों को बंद कर लें। किसी साफ़ कॉटन कपड़े या सूखे तौलिये को गर्म कर आंखों पर रख सकती हैं। गर्म पानी से कपड़े को भिगोकर भी राका जा सकता है। तौलिये या कपड़े में आइस क्यूब को लपेटकर भी आंखों पर रखा जा सकता है। ऐसा दिन में तीन या चार बार किया जा सकता है।

गर्म सेक पलकों पर चिपचिपा स्राव या पलकों पर बनने वाली पपड़ी को कम करने में मदद करता है। ठंडा सेक खुजली और सूजन से राहत देने में मदद करता है।

2 कॉन्टैक्ट लेंस से बचें (Avoid Contact Lenses)

यदि आपको आई फ्लू का निदान किया गया है, तो 10 से 12 दिनों के लिए कॉन्टैक्ट लेंस नहीं लगायें। जब तक स्थिति ठीक नहीं हो जाती, चश्मा पहनने की कोशिश करें। पहले पहने हुए कॉन्टैक्ट लेंस संक्रमण के कारण बन सकते हैं। उन लेंसों और यहां तक कि लेंस केस को भी सावधानीपूर्वक डिस इन्फेक्टेंट से साफ़ करें।

3 आई मेकअप नहीं करें (Don’t use eye make up)

आई फ्लू होने पर किसी तरह का आई मेकअप भी नहीं करें। आंखों का मेकअप करने से दोबारा संक्रमण की संभावना बनी रहती है। इसलिए 10-15 दिनों तक आई मेकअप नहीं करें। किसी दूसरे के द्वारा प्रयोग किये गये सामान का भी इस्तेमाल नहीं करें। इससे भी आँखों में संक्रमण हो सकता है।

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आई फ्लू होने पर किसी तरह का आई मेकअप भी नहीं करें। चित्र : अडोबी स्टॉक

4 ठंडे या गुनगुने पानी से आंखों को धोएं (wash eyes from lukewarm water)

जब आप एलर्जी के संपर्क में आती हैं, तो आपका शरीर हिस्टामाइन नामक रसायन छोड़ता है। इससे आंखों में लालिमा, आंसू और खुजली होती है। शैम्पू या परफ्यूम स्प्रे जैसी हल्की जलन के कारण होने वाले आई फ्लू के लिए कभी-कभी कम से कम पांच मिनट तक ठंडे या गुनगुने पानी से आंख को धोने से असुविधा से राहत मिल सकती है

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5 टैप वाटर से आंखों को नहीं धोएं (don’t wash eye from tap water)

बारिश के दिनों में टैप वाटर दूषित भी हो सकता है। इससे और अधिक परेशानी हो सकती है। टैप वॉटर की बजाय घर में मौजूद आरओ के पानी से आंखों को धोएं

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आई फ्लू होने पर टैप वाटर से आंखों को नहीं धोएं । चित्र- शटरस्टॉक

6 ट्रिगर्स से बचें (Avoid Triggers)

आई फ्लू किसी एलर्जी के कारण ट्रिगर हो सकती है। यदि संभव हो तो उनसे बचें। बारिश के मौसम में पोलेन ग्रेन या रैगवीड लेवल हाई होने का जोखिम रहता है। इसलिए बाहर बिताए जाने वाले समय को सीमित करें। एलर्जी की दवाएं लें, जो लक्षणों को रोकने में मदद कर सकती हैं। पोलेन ग्रेन से बचने के लिए खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें। इससे एलर्जी को घर में प्रवेश करने से रोका जा सकता है। कोशिश करें कि घर पर धूल इकट्ठा न हो।

यह भी पढ़ें :- Conjunctivitis : तेजी से बढ़ रहे हैं कंजक्टिवाइटिस के मामले, जानिए इस रोग से खुद को और अपनों को कैसे बचाना है

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
स्मिता सिंह
स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।

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