बारिश के मौसम में आई फ्लू होना आम समस्या है। इसमें आंखें लाल दिखाई देने लगती हैं। यह बैक्टीरियल या वायरल संक्रमण के कारण हो सकता है। यह कंजक्टिवाइटिस (conjunctivitis) कहलाता है। अकसर समस्या गंभीर नहीं होने पर आई डॉक्टर आई फ्लू के लिए घरेलू उपचार की सलाह देते हैं। इन उपचारों की मदद दवा के साथ भी ली (How to deal with eye flu) जा सकती है।
बैक्टीरिया या वायरस से संक्रमण होने पर आंख की कंजक्टिवा सूज जाती है। यह एलर्जी के कारण भी हो जाती हैं। आई फ्लू के कारण आंखों में खुजली होने लगती है, आंखें लाल हो जाती हैं। इसके कारण आंखों से चिपचिपा स्राव भी निकल सकता है। संक्रामक होने के कारण यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है।
आई फ्लू से राहत पाने के लिए पलकों को बंद कर लें। किसी साफ़ कॉटन कपड़े या सूखे तौलिये को गर्म कर आंखों पर रख सकती हैं। गर्म पानी से कपड़े को भिगोकर भी राका जा सकता है। तौलिये या कपड़े में आइस क्यूब को लपेटकर भी आंखों पर रखा जा सकता है। ऐसा दिन में तीन या चार बार किया जा सकता है।
गर्म सेक पलकों पर चिपचिपा स्राव या पलकों पर बनने वाली पपड़ी को कम करने में मदद करता है। ठंडा सेक खुजली और सूजन से राहत देने में मदद करता है।
यदि आपको आई फ्लू का निदान किया गया है, तो 10 से 12 दिनों के लिए कॉन्टैक्ट लेंस नहीं लगायें। जब तक स्थिति ठीक नहीं हो जाती, चश्मा पहनने की कोशिश करें। पहले पहने हुए कॉन्टैक्ट लेंस संक्रमण के कारण बन सकते हैं। उन लेंसों और यहां तक कि लेंस केस को भी सावधानीपूर्वक डिस इन्फेक्टेंट से साफ़ करें।
आई फ्लू होने पर किसी तरह का आई मेकअप भी नहीं करें। आंखों का मेकअप करने से दोबारा संक्रमण की संभावना बनी रहती है। इसलिए 10-15 दिनों तक आई मेकअप नहीं करें। किसी दूसरे के द्वारा प्रयोग किये गये सामान का भी इस्तेमाल नहीं करें। इससे भी आँखों में संक्रमण हो सकता है।
जब आप एलर्जी के संपर्क में आती हैं, तो आपका शरीर हिस्टामाइन नामक रसायन छोड़ता है। इससे आंखों में लालिमा, आंसू और खुजली होती है। शैम्पू या परफ्यूम स्प्रे जैसी हल्की जलन के कारण होने वाले आई फ्लू के लिए कभी-कभी कम से कम पांच मिनट तक ठंडे या गुनगुने पानी से आंख को धोने से असुविधा से राहत मिल सकती है।
बारिश के दिनों में टैप वाटर दूषित भी हो सकता है। इससे और अधिक परेशानी हो सकती है। टैप वॉटर की बजाय घर में मौजूद आरओ के पानी से आंखों को धोएं।
आई फ्लू किसी एलर्जी के कारण ट्रिगर हो सकती है। यदि संभव हो तो उनसे बचें। बारिश के मौसम में पोलेन ग्रेन या रैगवीड लेवल हाई होने का जोखिम रहता है। इसलिए बाहर बिताए जाने वाले समय को सीमित करें। एलर्जी की दवाएं लें, जो लक्षणों को रोकने में मदद कर सकती हैं। पोलेन ग्रेन से बचने के लिए खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें। इससे एलर्जी को घर में प्रवेश करने से रोका जा सकता है। कोशिश करें कि घर पर धूल इकट्ठा न हो।
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