मौसम में आने वाले बदलाव के चलते गर्म कपड़े पहनने से त्वचा पर स्वैटिंग की समस्या का सामना करना पड़ता है। इसके चलते स्किन पर खुजली और रैशेज की समस्या बढ़ने लगती है। लंबे वक्त तक गर्म कपड़े पहनने से त्वचा में रूखापन बढ़ जाता है, जो स्किन रैशेज के जोखिम को बढ़ा देता है। ऐसे में न केवल ब्रीथएबल कपड़े इस स्किन संबधी समस्या को सुलझा सकते हैं बल्कि कुछ नेचुरल टिप्स भी स्किन को हेल्दी और मुलायम बनाए रखती हैं। इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि कौन से घरेलू नुस्खे स्किन रैशेज को करने में होंगे मददगार साबित (Home remedies to deal with skin rashes)।
शरीर पर खुजली की समस्या का जोखिम बढ़ने से इंफ्लामेशन का सामना करना पड़ता है। इस बारे में स्किन एक्सपर्ट डॉ नवराज विर्क का कहना है कि शरीर के किसी भी हिस्से में खुजली की समस्या परेशानी का कारण साबित होने लगती है। आमतौर पर सोरायसिस, मौसम में बदलाव और एक्जिमा के चलते खुजली की समस्या बढ़ती है।
एक्सपर्ट का कहना है कि मौसम में बदलाव के साथ स्किन रैशेज का जोखिम बढ़ने लगता है। खासतौर से वे लोग जिनकी त्वचा संवेदनशील यानि सेंसिटिव हैं, उन्हें अपनी त्वचा का ख्याल रखना चाहिए। स्किन पर बढ़ने वाली स्वैटिंग से घमोरियां और रेडनेस बढ़ने लगती है। पसीना आने से लाल चकत्ते बनकर उभरने लगते हैं। इसके अलावा कपड़ों या किसी भी चीज़ से एलर्जी होने से रैशजे की समस्या का खतरा बढ़ जाता है।
स्किन को हाइड्रेटेड रखने के लिए शिया बटर का इस्तेमाल बेहद कारगर है। इसकी मदद से स्किन को नेचुरल ऑयल की प्राप्ति होती है, जिससे त्वचा पर खराश और जलन कम होने लगती है। इसमें पाए जाने वाले एंटी माइक्रोबियल गुण स्किन को हार्मफुल बैक्टीरिया के संपर्क में आने से भी रोकता है। इसमें पाए जाने वाले विटामिन ए और विटामिन ई के गुण स्किन पर प्रोटेक्टिव लेयर बनाते हैं। इससे त्वचा सुरक्षित रहती है।
यूएसडीए के अनुसार त्वचा पर ओटमील का प्रयोग करने से स्किन संबधी समस्याओं से राहत मिल जाती है। इसमें मौजूद तत्व त्वचा को रूखेपन और इचिंग से बचाते हैं। इसे प्रयोग करने के लिए ओटमील को ग्राइंड करके पाउडर बना लें और उसे नहाने के पानी में एड कर दें। 30 मिनट तक बाथटब में रहने के बाद शावर लें। इससे त्वचा स्वस्थ और हेल्दी बनी रहती है।
बेकिंग सोडा का सोडियम बाई कार्बोनेट भी कहा जाता है। इसे पानी में मिलाकर त्वचा पर लगाने से खुजली कम होने लगती है और त्वचा स्वस्थ बनी रहती है। इसमें पाए जाने वाले तत्वों की मदद से स्किन का पीएच लेवल मेंटेन रहता है। इससे स्किन रैशेज से मुक्त रहती है।
एंटी सेप्टिक और एंटी इंफ्लामेटरी गुणों से भरपूर कोकोनट ऑयल त्वचा और स्कैल्प के लिए फायदेमंद है। सेचुरेटिड फैट्स से भरपूर नारियल के तेल को त्वचा पर लगाने से एलर्जी और स्किन संबधी समस्याएं कम होने लगती है। मॉइश्चराइजिंग गुणों से भरपूर नारियल के तेल का ऑयली स्किन पर अत्यधिक इस्तेमाल स्किन को नुकसान पहुंचाता है।
साइट्रिक और अमीनो एसिड से भरपूर सेब का सिरका त्वचा को इचिंग और दाग धब्बों से मुक्त रखने में मदद करता है। इसमें पाई जाने वाली मिनरलस की मात्रा स्किन को एक्सफोलिएट कर सन बर्न से बचाने में भी मदद करती है। इसे स्किन पर अप्लाई करने के लिए असेंशियल ऑयल की कुछ बूंदों को मिलाएं और त्वचा वा अप्लाई करें।
मौसम में परिवर्तन आने से शरीर का तापमान बढ़ने लगता है। ऐसे में वूलन्स की अत्यधिक लेयर्स पहनने से बचें। अन्यथा स्वैटिंग के चलते बगल, चेहरे और पीठ पर खुजली का जोखिम बढ़ जाता है।
चेहरे पर बढ़ने वाली रैशेज की समस्या को दूर करने के लिए गर्म पानी से फेसवॉश करने से बचें। इससे चेहरे पर लाल चकत्ते और सूजन की समस्या बढ़ने लगती है। सूजन को कम करने के लिए सामान्य पानी से फेसवॉश करें।
चेहरे पर क्रीम बेस्ड मॉइश्चराइज़र को लगाने से त्वचा पर अतिरिक्त ऑयल जमा होने लगता है। इससे चेहरे पर चिपचिपापन और इचिंग बढ़ने लगती है। चेहरे की त्वचा को कूल और हेल्दी रखने के लिए जेल बेस्ड मॉइश्चराइज़र ही प्रयोग करें।
चाहे सर्दी हो या गर्मी हर मौसम में रोज़ाना नहाने और कपड़ों को प्रतिदिन बदलने से त्वचा हेल्दी बनी रहती है। इससे स्किन पर बढ़ने वाली खुजली की समस्या से मुक्ति मिल जाती है। इसके अलावा किसी अन्य व्यक्ति के कपड़े पहनने से भी बचें।
कॉटन या सूजी कपड़े त्वचा को ब्रीथएबल बनाए रखते हैं। इससे स्किन हेल्दी और हाइड्रेट बनी रहती है। स्किन को हेल्दी बनाए रखने के लिए कपड़ों को मौसम के हिसाब से चुनें। इसके अलावा अतिरिक्त गर्म व टाइट कपड़े इस मौसम में स्किन संबधी समस्याओं के बढ़ने का कारण साबित होते हैं।
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