ब्रेन की इमोशनल ओवरलोडिंग बन सकती है फोकस में कमी का कारण, इन 5 तरीकों से करें ब्रेन डिटॉक्स

जब दिमाग में फिजूल की चीजें भरी रहती हैं, तो इस स्थिति में आपको थकान और मूड स्विंग्स का अनुभव होता है। साथ ही किसी कार्य पर फोकस करने में परेशानी हो सकती है। ऐसे में ब्रेन डिटॉक्स हम सभी के लिए बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है।
brain detox ka prakritik tarika
जानें प्राकृतिक रूप से कैसे कर सकती हैं ब्रेन डिटॉक्स।- चित्र : एडॉबीस्टॉक
Updated On: 17 Oct 2023, 05:06 pm IST
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अनचाही चीजों को बाहर निकालने के लिए हमें डिटॉक्स और क्लींजिंग की आवश्यकता होती है। अब चाहे वह आपकी स्किन हो, आपकी पाचन क्रिया हो या आपका ब्रेन, इन सभी को डिटॉक्सिफिकेशन की आवश्यकता होती है। ब्रेन हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। वहीं जब दिमाग में फिजूल की चीजें भरी रहती हैं, तो इस स्थिति में आपको थकान और मूड स्विंग्स का अनुभव होता है। साथ ही किसी कार्य पर फोकस करने में परेशानी हो सकती है। ऐसे में ब्रेन डिटॉक्स हम सभी के लिए बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है। यह ब्रेन फंक्शन को इंप्रूव करता है और आपको न्यूरो डिजनरेटिव डिजीज से प्रोटेक्ट करता है।

भारतीय योगा गुरु, योगा इंस्टीट्यूट की डायरेक्टर और टीवी की जानी-मानी हस्ती डॉक्टर हंसाजी योगेंद्र ने ब्रेन को डिटॉक्स करने के लिए कुछ प्रभावित टिप्स सुझाए हैं, तो चलिए जानते हैं आखिर किस तरह ब्रेन डिटॉक्स करना है (how to detox your brain)।

जानें कैसे प्राकृतिक रूप से ब्रेन डिटॉक्स कर सकती हैं (how to detox your brain)

1. बेरी खाएं

अब आप सोच सकती हैं कि किस प्रकार की बेरी हमारे ब्रेन को डिटॉक्स करने में मदद करती है, आपको बताएं कि सभी प्रकार की बेरी आपके ब्रेन के लिए फायदेमंद होती हैं। ब्लूबेरी, ब्लैकबेरी, स्ट्रॉबेरी और क्रैनबेरी इन सभी को सुपरफूड्स के तौर पर जाना जाता है और यह आपके ब्रेन के लिए भी बेहद फायदेमंद होती हैं। इसके अलावा आंवला, बेर, करौंदा, फलसा, जामुन जैसे इंडियन वरीज भी मस्तिष्क के लिए बेहद फायदेमंद हो सकते हैं।

Blueberry smoothie recipe
ब्लूबेरी स्मूदी है आपके हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद! चित्र : शटरस्टॉक

बेरी में मौजूद फेनोलिक कंपाउंड इन्हें एंटीऑक्सीडेंट का एक बेहतरीन स्रोत बनती हैं। यह ब्लड ब्रेन बैरियर को क्रॉस कर लर्निंग और मेमोरी सेंटर तक पहुंचाते हैं और ब्रेन हेल्थ को बनाए रखने में मदद करते हैं। साइंटिफिक तौर पर भी उम्र के साथ होने वाली मानसिक बीमारी जैसे की मेमोरी लॉस में बेरीज खान की सलाह दी जाती है।

2. अश्वगंधा

अश्वगंधा एक आयुर्वैदिक हर्ब है, जिसे ब्रेन हेल्थ को बढ़ावा देने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह पाउडर और टैबलेट दोनों ही रूप में मार्केट में आसानी से उपलब्ध होता है। रिसर्च की माने तो अश्वगंधा ब्रेन फंक्शन को स्वस्थ और संतुलित रहने में मदद करता है, इसके अलावा अश्वगंधा टॉक्सिन, चोट और स्ट्रोक से होने वाले ब्रेन डैमेज को रोकता है।

आप अश्वगंधा पाउडर को दूध में मिलाकर ले सकती हैं। इसके अलावा गुनगुने पानी में अश्वगंधा, घी और शहद को एक साथ मिलकर लेना भी एक अच्छा आईडिया है।

3. मंत्र उच्चारण है अधिक प्रभावशाली

मंत्र उच्चारण से माइंड और सोल दोनों को शांति मिलती है। मंत्र शरीर में वाइब्रेशन क्रिएट करते हैं, जिससे हमारे शरीर और ब्रेन को हिल होने में मदद मिलती है। साइंटिफिक शोध की माने तो प्रतिदिन 10 बार ओम का उच्चारण करने से एंजायटी और डिप्रेशन के लक्षणों से राहत पाने में मदद मिलती है। इसके साथ ही यह नेगेटिव एनर्जी को बाहर कर आपके मस्तिष्क में हेल्दी और पॉजिटिव एनर्जी को स्टोर करता है।

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4. हलासन का अभ्यास

हलासन रीढ़ की हड्डियों पर सकारात्मक प्रभाव डालता है और आपके ब्रेन को एक्टिव और अलर्ट रहने में मदद करता है। इस अभ्यास को करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं और अपने दोनों पैरों को जोड़ कर बिल्कुल सीधा रखें। अब अपने पेट के निचले हिस्से पर दबाव बनाते हुए अपने पैरों को बिल्कुल सीधा ऊपर की ओर उठाएं और एक 90 डिग्री का कोन बनाएं। फिर अपने कमर के निचले हिस्से को हाथ से सपोर्ट देते हुए शरीर को ऊपर की ओर उठाएं और सिर के पीछे सतह पर सटाने की कोशिश करें। इसका नियमित अभ्यास उम्र बढ़ाते के साथ होने वाले याददाश्त संबंधी समस्याओं में प्रभावी रूप से कार्य करता है।

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ऑफिस से आने के बाद भी खाली पेट कपालभाति किया जा सकता है। चित्र: शटरस्‍टॉक

5. कपालभाति

कपालभाति ब्रेन को डिटॉक्सिफाई करने में बेहद प्रभावी रूप से कार्य करता है। इस अभ्यास में पावरफुल एक्जहेलेशन और इनहेलेशन शामिल है। यह रेस्पिरेटरी सिस्टम को टोन और क्लीन करता है, इसके साथ ही बॉडी को रिफ्रेश और पुनर्जीवित करने में मदद करता है। वहीं यह साइनसाइटिस की फ्रीक्वेंसी को भी कम कर देता है। यदि आप माइग्रेन से पीड़ित हैं, तो यह इस स्थिति में भी फायदेमंद होता है।

कपालभाति का अभ्यास ऑक्सीजन स्टिम्युलेट करने में भी मदद करता है साथ ही यह ऑक्सीजन स्टिमुलेशन को बढ़ावा देता है और ब्रेन को पर्याप्त ऊर्जा प्रदान करता है। इससे एकाग्रता बढ़ती है और आप किसी भी कार्य को अधिक प्रभावी रूप से कर पाती हैं।

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लेखक के बारे में
अंजलि कुमारी
अंजलि कुमारी

इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं।

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