कुछ लोगों को फ्रिक्वेंटली फार्ट आते रहते हैं। बहुत कोशिश के बावजूद जब वे इससे निजात नहीं हासिल कर पाते, तो उन्हें अकसर शर्मिंदा होना पड़ता है। ऐसे लोगों को अकसर ऑफिस में या किसी पब्लिक प्लेस पर या फिर मीटिंग में कभी भी फार्ट की अर्जेंसी हो सकती है। हालांकि, फार्ट पूरी तरह से हेल्दी है और इसका निकलना भी जरूरी है। यदि आपको कुछ भी खाने के बाद या खाली पेट या फिर बैठे-बैठे कभी भी फार्ट आ रहा है, या कुछ लोगों को हॉट फार्ट भी आते हैं, तो इस पर आपको फौरन गौर करना चाहिए। फ्रिक्वेंट फार्ट हो या बर्प ये दोनों स्थितियां आपकी पाचन क्रिया की सेहत को दर्शाती हैं। ऐसे में सबसे महत्वपूर्ण है, इसके कारण को समझना और उसमें सुधार करना (How to control farting)।
हेल्थ शॉट्स ने इस बारे में हैदराबाद के कामिनेनी हॉस्पिटल के सीनियर जनरल फिजिशियन डॉक्टर जे सत्यनारायण से बात की। डॉक्टर ने फ्रिक्वेंट फार्ट एवं बर्पिंग के कारण पर बात करते हुए, इनसे बचाव (How to control farting) के कुछ महत्वपूर्ण उपाय भी बताएं हैं। तो चलिए जानते हैं इस बारे में अधिक विस्तार से।
मसालेदार खाद्य पदार्थों के अधिक सेवन से हॉट फार्ट आ सकते हैं। मसालेदार खाद्य पदार्थों में कुछ ऐसे कंपाउंड्स पाए जाते हैं, जो गट सेंसटिविटी का कारण बन सकते हैं। इसके अलावा यह खाद्य पदार्थ रेक्टम और एनस को भी सेंसिटिव कर देते हैं, जिसकी वजह से हार्ट फार्ट अधिक फ्रिक्वेंट हो जाते है।
डायरिया एक असंतुलित पाचन क्रिया की निशानी है। डायरिया की स्थिति में इंटेस्टाइन, रेक्टम और एनस सेंसिटिव हो जाते हैं, जिसकी वजह से व्यक्ति को बार-बार फार्ट पास करने की इच्छा होती है। इसके अलावा डायरिया की स्थिति में पेट में ऐंठन महसूस होते हुए, गंदी बदबू वाले फार्ट आते
हर व्यक्ति को अपने खाने की मात्रा का ध्यान रखना चाहिए। इसके अलावा खाना खाते वक्त व्यक्ति में धैर्य होना भी बेहद महत्वपूर्ण है, ताकि आप अपने खाद्य पदार्थों को पूरी तरह से चबाकर धीरे-धीरे खाएं। इससे पाचन क्रिया भोजन को अच्छी तरह से पचा पाती है। पर अक्सर लोग इसमें चूक जाते हैं, और एक से दो बार खाने को मुंह में घूमने के बाद इसे घोंट लेते हैं। वहीं आजकल लोगों को खाना खाने के लिए पर्याप्त समय नहीं होता और वे जल्दी-जल्दी खाते हैं, जिससे कि शरीर में हवा जाने की संभावना होती है। यह आदत ब्लोटिंग का कारण बन सकती है, और इस स्थिति में आपको अधिक फार्ट आता है।
जो लोग सिगरेट पीते हैं, उनमें ब्लोटिंग, गैस जैसी पाचन संबंधी समस्याओं का खतरा अधिक होता है। वहीं ऐसे लोगों में कब्ज की समस्या भी देखने को मिलती है। धूम्रपान के धुएं से पेट फूल जाता है, और बाद में यह फार्ट या फिर बर्प के माध्यम से बाहर निकलता है। ऐसे व्यक्ति को फ्रिक्वेंट फर्टिंग और बर्पिंग का एहसास हो सकता है।
आजकल कॉन्स्टिपेशन की समस्या बिल्कुल आम हो चुकी है, ज्यादातर लोग इससे पीड़ित हैं। कॉन्स्टिपेशन फ्रिक्वेंट, हॉट और बदबूदार फार्ट का एक सबसे कॉमन कारण है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि हम जिन खाद्य पदार्थों का सेवन कर रहे होते हैं, उनकी वजह से पाचन क्रिया की प्रक्रिया घीमी हो जाती है और हमें कब्ज का सामना करना पड़ता है। बॉवेल मूवमेंट के अनियमित होने से पेट में कब्ज के साथ-साथ गैस बनता है और फिर ये फार्ट में बदल जाते हैं।
कुछ ऐसे मेडिकल कंडीशंस भी हैं, जो फ्रिक्वेंट फार्ट का कारण बन सकते हैं, जैसे कि इरिटेबल वावेल सिंड्रोम, इन्फ्लेमेटरी वावेल डिजीज, लेक्टोज इनटोलरेंस, ईटिंग डिसऑर्डर, ग्लूटेन सेंसटिविटी, आदि। इन सभी स्थितियों में व्यक्ति को मेडिकल केयर की आवश्यकता होती है। जब तक इनमें सुधार न आए तब तक आपको फ्रिक्वेंट फार्ट और बर्प का अनुभव हो सकता है।
1. अपनी नियमित डाइट में एक संतुलित मात्रा में फाइबर लेने की कोशिश करें।
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कस्टमाइज़ करें2. फर्मेंटेड खाद्य पदार्थ और प्रोबायोटिक सप्लीमेंट लेने से आंतों में हेल्दी बैक्टीरियल ग्रोथ बढ़ता है, जिससे कि पाचन क्रिया स्वस्थ रहती है।
3. कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ एवं हर्ब्स का सेवन करें, जिससे फार्ट का कारण बनने वाले फैक्टर्स आपको परेशान न कर सकें।
4. एडेड शुगर और कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन को सीमित रखें। क्योंकि ये गैस एवं ब्लोटिंग का एक सामान्य कारण है।
5. एक स्वस्थ पाचन क्रिया के लिए शरीर में पर्याप्त पानी होना बेहद महत्वपूर्ण है। ऐसे में खुद को हाइड्रेटेड रखने के लिए उचित मात्रा में पानी पिएं, साथ ही अन्य हाइड्रेटिंग और इलेक्ट्रोलाइट ड्रिंक ले सकती हैं।
6. लॉन्ग अजवाइन जैसे घरेलू नुस्खे आपके काम आ सकते हैं इन दोनों की चाय पाचन क्रिया के लिए बेहद फायदेमंद मानी जाती है। यह दोनों गैस और अपच में कारगर होते हुए, फार्ट और बर्प से राहत प्रदान करती हैं।
7. सिगरेट और अन्य तंबाकू युक्त पदार्थों से परहेज करें। इसके लिए आप क्रेविंग होने पर तुलसी या फिर पुदीने की पत्तियां चबा सकती हैं। इससे आपका पाचन क्रिया भी संतुलित रहेगा, और धीरे-धीरे आपके धूम्रपान की आदत भी कम हो जाएगी।
8. फूल गोभी, पत्ता गोभी ब्रोकली, ब्रसेल्स स्प्राउट, जैसी सब्जियों का सीमित मात्रा में सेवन करें। क्योंकि यह सभी सब्जियां पेट में अत्यधिक गैस बनाती हैं, जिसके कारण फ्रिक्वेंट फार्ट आ सकता है।
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