Mango Acne : ज्यादा आम खाने से हो गये हैं मुहांसे, तो ये 4 उपाय दिला सकते हैं इनसे छुटकारा

गर्मी में आम खाना सभी चाहते हैं। पर कुछ लोगों को, जो ज्यादा मात्रा में आम खाते हैं, उन्हें एक्ने और पिम्पल की समस्या हो सकती है। इसलिए यह जरूरी है कि आप अपनी स्किन और आम की तासीर के बारे में सब कुछ जानें।
mango acne ko treat karne ke kai oopaay hain
मुंहासे को पोक करने या फोड़ने से यह और खराब हो जाएगा। खुजली होने पर कॉटन से हल्के हाथ से छुएं। चित्र : अडोबी स्टॉक
स्मिता सिंह Updated: 18 Oct 2023, 15:29 pm IST
  • 127

गर्मी के दिनों में सबसे अधिक जो फल खाया जाता है वह है आम। रसीले मीठे आम मुंह में मिश्री-सी घोल देते हैं। गर्मी में ठंडक और ताजगी से भर देते हैं। पर आम के साथ एक ख़ास समस्या भी जुड़ी हुई है। कुछ लोगों को अधिक आम खाने के बाद एक्ने और ब्रेकआउट की समस्या होने लगती है। यदि आम खाने से आपके चेहरे पर भी पिम्पल्स अधिक दिखने लगे हैं, तो आपको इसके कारण और समाधान (how to get rid of mango acne) के लिए कुछ घरेलु उपायों के बारे में जानना चाहिए।

क्यों होती है आम खाने के बाद एक्ने और ब्रेकआउट की समस्या (Mango Acne Causes )

आम विटामिन ए, विटामिन बी6 विटामिन ई, बीटा कैरोटीन, पोटैशियम और मैग्नीशियम त्वों से भरपूर होता है। आम में ग्लूकोज की मात्रा भी अधिक होती है। यह इंसुलिन उत्पादन को बढ़ाता है, जिससे मुंहासे हो जाते हैं। आम आमतौर पर शरीर के तापमान को बढ़ा देते हैं, जो थर्मोजेनेसिस का कारण बनते हैं। इसमें फाइटिक एसिड मौजूद होता है। फाइटिक एसिड शरीर में गर्मी पैदा करता है। साथ ही यह विटामिन और मिनरल्स के अवशोषण को भी डिस्टर्ब करता है। फाइटिक एसिड के प्रभाव को कम करने के लिए ही आम को पानी में डुबोया जाता है।

कैसे किया जा सकता है मैंगो एक्ने से बचाव (Mango Acne Prevention)

इंडियन जर्नल ऑफ़ आयुर्वेद रिसर्च (Indian journal of ayurveda research) के अनुसार, आप चाहती हैं कि आम खाने के बाद पिंपल्स नहीं हो तो आपको सदियों पुरानी भारतीय आयुर्वेदिक तकनीक का पालन करना होगा। खाने से पहले उन्हें पानी में भिगोना होगा। पानी में 3-4 घंटे भिगोने से आम की गर्मी यानी फाइटिक एसिड का प्रभाव खत्म हो जाता है।

आम खाने के बाद पिम्पल्स और एक्ने की समस्या के लिए अपनाएं ये 4 उपाय

1. सैलिसिलिक एसिड वाला फेसवॉश (Salicylic Acid Face Wash)

सैलिसिलिक एसिड स्किन एक्सफोलिएटर है, जो अतिरिक्त तेल साफ करता है। यह बंद रोमछिद्रों को खोलता है। यह भविष्य में होने वाले ब्लैकहेड्स और व्हाइटहेड्स को भी रोकता है। सी मिनरल्स और सैलिसिलिक एसिड से भरपूर और मेन्थॉल और सैलिसिलिक एसिड से भरपूर फेसवाश का इस्तेमाल करें। यह छिद्रों को भीतर से साफ करता है। यह साफ, ठंडा और ताज़ा भी महसूस कराता है।

मेन्थॉल और सैलिसिलिक एसिड से भरपूर फेसवाश का इस्तेमाल करें। चित्र : अडोबी स्टॉक

2 एक्ने को छेड़ें या फोड़ें नहीं (Don’t Poke)

मुंहासे को पोक करने या फोड़ने से यह और खराब हो जाएगा। खुजली होने पर कॉटन से हल्के हाथ से छुएं। ढेर सारा पानी पीयें। इससे शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाएंगे और घाव भरने की प्रक्रिया तेज हो जाएगी। प्यूरीफाइंग सीरम से त्वचा को मॉइस्चराइज़ और पिंपल-मुक्त रखें। ऐसे सीरम जो सी मिनरल्स, सैलिसिलिक एसिड से युक्त हों, प्रयोग करें

3. त्वचा को पसीने और तेल से बचाएं (Sweat Free and Oil Free Skin)

जब पसीना या सीबम स्किन पर जमा हो जाता है तो पोर्स बंद हो जाते हैं। नियमित रूप से एक्सफोलिएट करने से चेहरे को साफ और पसीने से मुक्त रखने में मदद मिलती है। चारकोल क्ले का प्रयोग करें जो छिद्रों को खोल कर सीबम, गंदगी और पोलूटेंट्स को हटा देता है

गनियमित रूप से एक्सफोलिएट करने से चेहरे को साफ और पसीने से मुक्त रखने में मदद मिलती है। चित्र : अडोबी स्टॉक

4. संतुलन के साथ खाएं आम (Eat mango in small portion)

न्यूट्रीएंट जर्नल के अनुसार आप जो खा रही हैं उसके बारे में जागरूक रहना सबसे अधिक जरूरी है। यदि आम खाने की शौक़ीन हैं, तो बहुत अधिक मात्रा में नहीं खाएं। ग्लूकोज की मात्रा अधिक होने से स्किन प्रॉब्लम होने की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा बहुत सारे डेयरी प्रोडक्ट, फ्राइड और अल्ट्राप्रोसेस्ड फ़ूड, मीठा और हाई कैलोरी वाले खाद्य पदार्थ और पेय का सेवन करने से भी स्किन प्रभावित होती है। इससे मुंहासे हो सकते हैं। संयमित भोजन करने से कई स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने और अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद मिल सकती है।

यह भी पढ़ें :- PCOS : अनचाहे फेशियल हेयर और वजन बढ़ने का कारण बन रहा है पीसीओएस, तो जानिए इसे कंट्रोल करने के उपाय

  • 127
लेखक के बारे में

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

अगला लेख