उम्र बढ़ने के साथ हमारा बोन हेल्थ प्रभावित होने लगता है। इसलिए हड्डियों पर ध्यान देना जरूरी है। इसे मजबूत करने से हड्डियों के टूटने और अन्य गंभीर चोटों के जोखिम को कम करने में मदद मिलती है। जब हड्डियां पतली या ब्रिटल हो जाती हैं, तो उनके लिए धक्कों या गिरने के प्रभाव को झेलना कठिन हो जाता है। ऐसे कई तरीके हैं, जिनसे स्केलेटल सिस्टम मजबूत बनाया जा सकता है। इससे स्वस्थ हड्डियों का निर्माण किया जा सकता (improve bone health naturally) है।
जर्नल ऑफ़ बोन मेटाबॉलिज्म के अनुसार, पुरुषों की तुलना में महिलाओं में फ्रैक्चर का जोखिम अधिक होता है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं की हड्डियां छोटी, पतली होती हैं। बोन मास निचले स्तर तक चला जाता है और उम्र के साथ बोन लॉस भी होने लगता हैं। औसतन महिलाएं मेनोपॉज के बाद पहले पांच वर्षों में हड्डियों का मास 10% तक कम हो जाता है। इसके बाद हड्डियों के नष्ट होने की दर धीमी हो जाती है। 60 वर्ष से अधिक उम्र की लगभग दो में से एक महिला को ऑस्टियोपोरोसिस के कारण कम से कम एक बार फ्रैक्चर का अनुभव हो सकता है।
बोन हेल्थ जर्नल के अनुसार, कैफीन आपकी हड्डियों के लिए कुछ खास नहीं करता है। कम मात्रा में कॉफी पीना आम तौर पर ठीक है, लेकिन हर दिन फिलटर कॉफी पीना बोन हेल्थ के लिए ठीक नहीं है। प्रत्येक 100 मिलीग्राम कैफीन के सेवन से 6 मिलीग्राम कैल्शियम की हानि होती है, जिससे हड्डियों से यह आवश्यक पोषक तत्व समाप्त हो जाता है।
यदि हड्डियों की रक्षा करना चाहती हैं, तो कैफीन की आदत को एक कप कॉफी तक सीमित करने का प्रयास करें। एक कप कॉफी में आम तौर पर लगभग 320 मिलीग्राम कैफीन होता है, जो पहले से ही हड्डियों के जरूरी स्वास्थ्य के लिए अनुशंसित दैनिक सीमा से अधिक है।
बोन हेल्थ जर्नल के अनुसार, शुगर टेस्ट बड्स के लिए बढ़िया है, लेकिन यह बोन डेंसिटी को हानिकारक रूप से प्रभावित कर सकता है। अत्यधिक चीनी के सेवन से ऑस्टियोपोरोसिस विकसित होने की संभावना बढ़ जाती है। जो लोग नियमित रूप से फलों का जूस या सोडा पीते हैं उनमें भी हड्डी टूटने का खतरा अधिक होता है।
जो लोग नियमित रूप से कैंडी खाते हैं या सोडा पीते हैं, उन्हें स्वास्थ्यवर्धक खाद्य पदार्थों से आवश्यक पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं। इसके अलावा, जब आप यूरीन पास करती हैं, तो चीनी के सेवन से कैल्शियम का उत्सर्जन बढ़ जाता है। कैल्शियम बोन हेल्थ के लिए जरूरी है।
बोन हेल्थ जर्नल के अनुसार, सिर्फ घर में रहकर सूरज की रोशनी का आनंद नहीं लें। जब आप सूरज को चमकता हुआ देखें, तो बाहर जाएं और कुछ देर तक शान्ति से बैठें। सूरज की रोशनी शरीर के लिए बहुत आवश्यक विटामिन डी प्रदान करती है। इससे मजबूत, स्वस्थ हड्डियों का निर्माण या रखरखाव हो सकता है। विटामिन डी संज्ञानात्मक स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देता है। यह डिमेंशिया विकसित होने की संभावना को कम कर सकता है। डॉक्टर की सलाह पर विटामिन डी सप्लीमेंट भी लिया जा सकता है।
जर्नल ऑफ़ बोन मेटाबॉलिज्म के अनुसार, सोडियम आमतौर पर टेबल साल्ट में पाया जाता है। बहुत अधिक नमक हड्डियों के लिए हानिकारक है। यदि पर्याप्त मात्रा में नमक नहीं मिलता है, तो इससे स्केलेटल सिस्टम प्रभावित हो सकता है। नमक शरीर को पर्याप्त मैग्नीशियम और पोटेशियम के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है। यही कारण है कि कम नमक वाला आहार ऑस्टियोपोरोसिस होने की संभावना को बढ़ा देता है।
अध्ययनों से पता चलता है कि रजोनिवृत्ति के बाद जिन महिलाओं को पर्याप्त सोडियम मिलता है, उनमें कूल्हे के फ्रैक्चर का खतरा कम हो जाता है। बहुत अधिक सोडियम हड्डी टूटने की संभावना को बढ़ा सकता है, खासकर कम कैल्शियम स्तर वाले वयस्कों में।
जर्नल ऑफ़ बोन मेटाबॉलिज्म के अनुसार, कुछ लोग इस बात की चिंता करते हैं कि प्रोटीन हड्डियों को कमजोर कर सकता है, लेकिन यह एक मिथक है। प्रोटीन हड्डियों के घनत्व को बढ़ाता है, जिससे फ्रैक्चर और अन्य कंकाल संबंधी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है। यह सच है कि चाहे व्यक्ति पौधे-आधारित प्रोटीन का सेवन करें या मांस से वह मैक्रोन्यूट्रिएंट प्राप्त करें। दही, सैल्मन, चिकन, टोफू और अंडे प्रोटीन के बेहतरीन स्रोत हैं। यदि आप प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ नहीं लेती हैं, तो प्रोटीन बार या शेक के पूरक पर विचार (improve bone health naturally) करें।
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