सनशाइन विटामिन के नाम से जाना जाने वाला विटामिन डी (Vitamin D) हमें सूरज की रोशनी से प्राप्त होता है। बदल रहे लाइफ स्टाइल के कारण लोग दिन भर चार दीवारी में कैद रहने लगे है। इसके चलते सप्लीमेंटस (Vitamin D supplements) के ज़रिए लोग इसकी कमी को पूरा करने लगे है। सूरज की रोशनी विटामिन डी को हासिल करने का सबसे प्रमुख सोर्स है। इसकी कमी से मानव शरीर में कई प्रकार की समस्याएं पैदा होने लगती है। शरीर में इंसुलिन (Insulin) के लेवल को मेंटेन करने, हार्ट हेल्थ (Heart Health) को स्वस्थ रखने और लंग्स की प्रोडक्टिविटी को बढ़ाने के लिए विटामिन डी को ग्रहण करना बेहद ज़रूरी है। आइए जानते है कि वो कौन सी समस्याएं है, जो बंद कमरे में कैद रहने के कारण शरीर को घेर लेती है (side effects of staying indoors)।
इस बारे में पोषण एवं आहार विशेषज्ञ सीमा सिंह का कहना है कि सूरज की रोशनी हमारे शरीर के लिए बेहद ज़रूरी है। इसकी कमी से हड्डियां में दर्द और ऐंठन की समस्या बढ़ने लगती है। इसके अलावा स्किन संबधी समस्याएं, वजन बढ़ना और मेंटल हेल्थ भी इससे प्रभावित होती है।
आहार विशेषज्ञ सीमा सिंह बताती हैं, “असल में विटामिन डी को दो श्रेणियों में बांटा जाता है। पहला है विटामिन डी 2 और विटामिन डी 3। हार्वर्ड रिसर्च के मुताबिक विटामिन डी 2 और विटामिन डी 3 दोनों एक-दूसरे से जुदा हैं। जहां एक तरफ विटामिन डी 2 पौधों से बना है और फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों और कुछ सप्लीमेंटस में पाया जाता है। वहीं विटामिन डी 3 स्वाभाविक रूप से मानव शरीर में प्रोड्यूस होता है और एनिमल फूड में पाया जाता है। शरीर के सभी अंगों के ठीक तरह से काम करने के लिए आपको दोनों तरह के विटामिन डी की जरूरत होती है। इसलिए यह जरूरी है कि आप धूप लें और सही आहार भी लें।”
एक से लेकर 50 वर्ष की उम्र तक. 5 माइक्रोग्राम
51 या उससे अधिक उम्र के लोगों को 10 माइक्रोग्राम की ज़रूरत होती है
प्रेगनेंट वीमेन और लैक्टेटिंग मदर्स को भी 5 माइक्रोग्राम विटामिन डी की आवश्यकता होती है।
थकान महसूस होना
बार बार बीमार पड़ना
मूड सि्ंवग की समस्या
याददाश्त कमज़ार होना
बालों का झड़ना
मसल्स में दर्द रहना
सीमा सिंह अपनी बात में कुछ और तथ्य जोड़ते हुए कहती हैं, “अगर आप लगातार इनडोर रहती हैं, धूप नहीं ले पातीं और विटामिन डी डेफिशिएंसी की शिकार होती हैं, तो इससे आपके समग्र स्वास्थ्य को नुकसान हो सकता है। जिससे ब्रेन से लेकर मसल्स तक, सभी को नुकसान पहुंचता है।
चार दीवारी में कैद रहने से हमारा शरीर सूर्य की किरणों के संपर्क में नहीं आ पाता है। इसके चलते शरीर में अंदर ही अंदर तनाव पैदा होने लगता है। दरअसल, दिनभर में कुछ मिनट सूरज की रोशनी में रहने से हमारे शरीर में मेलाटोनिन तत्व का प्रोडक्शन होने लगता है, जिससे बॉडी में हैप्पी हार्मोंस डेवल्प होने लगते है। इससे हमारा शरीर तनाव से दूर रहता है। इसके अलावा रूटीन एक्सरसाइज आपके शरीर को गुस्से और परेशानी से दूर रखने का काम करती है।
दिनभर घर या ऑफिस के अंदर रहने से शरीर को विटामिन डी की प्राप्ति नहीं हो पाती है। इसके शरीर में कमज़ोरी का अनुभव होने लगता है। दरअसल, विटामिन डी हमारे शरीर को दो रूपों में मिलता है, पहला एक ऐसा पोषक तत्व है जिसे हम खाते हैं और हार्मोन जो हमारी बॉडी में बनता है। ये एक ऐसा फैट सॉल्यूबल विटामिन है, जो कैल्शियम और फास्फोरस को एब्जॉर्ब और रिटेन करने में मदद करता है। दोनों की बोन हेल्थ का बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते है।
वहीं हार्वर्ड रिसर्च के मुताबिक विटामिन डी कैंसर सेल को बढ़ने से रोकने का काम करता है। वहीं संक्रमण को नियंत्रित करने और सूजन को कम करने में मदद कर सकता है।
एक रिसर्च के मुताबिक दोपहर से पहले यानि 8 से लेकर 12 बजे तक अगर आप 1 घंटे तक सनलाइट में रहते हैं, तो अनिद्रा की समस्या दूर हो जाती है और नींद की क्वालिटी में भी बदलाव आने लगता है। एक अन्य से रिसर्च के मुताबिक शरीर जितना समय सूरज की रोशनी में रहता है, उतना ही आपका शरीर सोते समय मेलाटोनिन प्रोडयूस करता है। इससे आपको बेहतर नींद आने लगती है और नींद की गुणवत्ता भी बढ़ती है।
शरीर को सूरज की रोशनी न मिलने से आप बार बार बीमारी का शिकार होने लगते है। मौसम बदलने के साथ मौसमी बीमारियां सबसे पहले उन लोगों पर प्रहार करती है, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमज़ोर होती है। ऐसे में धूप में कुछ वक्त बिताना ज़रूरी है, मगर इस बात का ख्याल रखें कि धूप इतनी तेज़ नहीं होनी चाहिए कि आपकी स्किन जलने लगे।
शरीर में विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए दूध, योगर्ट, संतरे का रस और मशरूम का सेवन करें। इसके अलावा ओमेगा 3 फैटी एसिड, अंडा और मीट का सेवन करें। यू एस डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर के मुताबिक 100 ग्राम मैकेरल मछली में 643 आईयू विटामिन डी होता है।
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