थाली का बैंगन होना भले ही गलत हो सकता है लेकिन अगर आप बैंगन खाते है तो वो आपको कई फायदे दे सकता है। बैंगन खाना बहुत लोगों को पसंद नहीं होता है क्योंकि उन्हे उसका स्वाद पसंद नहीं होता है। कुछ लोगों को बैंगन से एलर्जी होती है इसलिए वे इसे नहीं खाते है। लेकिन अगर आपको बैंगन से कई परेशानी नहीं है तो आपको इसका सेवन जरूर करना चाहिए। चलिए आज जानते है इसकी एक मजेदार रेसिपी ।
बैंगन को एगप्लांट भी कहा जाता है। इसको खाने के बहुत फायदे है क्योंकि ये कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है जैसे फाइबर, मिनिरल और विटामिन। ये आपके पूरे स्वस्थ्य के लिए बहुत अच्छा है खासकर आपके हृदय स्वास्थ्य के लिए। यह फाइबर, पोटेशियम, विटामिन सी और विटामिन बी6 का अच्छा स्रोत है।
एगप्लांट से न केवल आपको कई स्वास्थ्य फायदे मिलते है बल्कि ये आपके वजन को कम करने में भी मदद करता है। बैंगन को फले ही आप नजरअंदाज करें लेकिन इसको खाने से ये आपकी सेहत को कभी नजरअंदाज नहीं करेगा।
न्यूट्रीशनिस्ट और वेट लॉस एक्सपर्ट शिखा कुमारी बताती है कि बैंगन अन्य नाइटशेड सब्जियों में सोलनिन रसायन होता है, जिसके कारण ये सूजन को बढ़ा सकता है और आर्थराइटिसट जैसी बीमारियों को और अधिक खराब कर सकता है। इस बात का कोई उचित प्रमाण नहीं है कि बैंगन में सोलनिन की थोड़ी मात्रा गठिया के लक्षणों को खराब कर सकती है।
यदि आपको ये लगता है कि बैंगन खाने से आपके जोड़ों में या शरीर में किसी प्रकार का दर्द या एलर्जी हो रही है इसे खाने से बचें। बहुत कम ही लोगों को बैंगन से एलर्जी होती है। एलर्जी के कुछ लक्षणों में दाने, चेहरे पर सूजन, खुजली, पित्ती जैसी चीजें हो सकती है।
बैंगन में मौजूद क्लोरोजेनिक एसिड जैसे यौगिक खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने, हार्ट हेल्थ को स्वस्थ्य बनाने में मदद करते है। इसमें मौजूद फाइबर रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में सहायता करके हृदय स्वास्थ्य को बना रखने में मदद करता है।
बैंगन एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, मुख्य रूप से क्लोरोजेनिक एसिड जैसे फेनोलिक कंपाउंड से। ये एंटीऑक्सिडेंट शरीर में हानिकारक फ्री रेडिकल को बेअसर करने में मदद करते हैं, जिससे आपके शरीर में क्रोनिक बिमारियों को कम करने में मदद मिलती है।
बैंगन से आपके रक्त शर्करा को नियंत्रण में रखने में मदद मिल सकती है। बैंगन में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो पाचन तंत्र से होकर गुजरता है। फाइबर शरीर में पाचन और शर्करा के अवशोषण की दर को धीमा करके रक्त शर्करा को कम कर सकता है। यह रक्त शर्करा के स्पाइक्स और क्रैश को रोकता है।
2 बड़े बैंगन
लहसुन की 2-3 कलियाँ, बारीक काट लें
प्याज, बारीक कटा हुआ 1 छोटा
हरी मिर्च, बारीक कटी हुई 1-2
टमाटर, बारीक कटा हुआ 1
जीरा 1 चम्मच
धनिया पाउडर 1 चम्मच
लाल मिर्च पाउडर 1/2 चम्मच
नमक स्वादानुसार
ताज़ा हरा धनिया
तेल
नींबू का रस
बैंगन की त्वचा पर थोड़ा सा तेल लगाकर उन्हें समान रूप से फैला लें।
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कस्टमाइज़ करेंइसको सीधे गैस की आंच पर या मध्यम आंच पर ग्रिल पर रखें।
बैंगन को बीच-बीच में घुमाते रहें। इसमें लगभग 10-15 मिनट लगेंगे।
जब छिलका जल जाए और अंदर का गूदा नरम हो जाए तो बैंगन तैयार हो जाते हैं।
जले हुए बैंगन को आंच से उतार लें और उन्हें थोड़ा ठंडा होने दें। त्वचा को छीलकर फेंक दें।
पके हुए बैंगन के गूदे को कांटे या आलू मैशर का उपयोग करके मैश करें।
एक पैन में तेल गर्म करें। जीरा डालें और तड़कने दें, फिर मैश किया हुआ लहसुन, कटा हुआ प्याज और हरी मिर्च डालें। थोड़ी देर भूनें।
धनिया पाउडर, लाल मिर्च पाउडर और नमक डालें. एक मिनट तक अच्छी तरह हिलाएं।
पैन में कटे हुए टमाटर डालें और नरम होने तक पकाएं। मैश किया हुआ बैंगन डालें और एक मिनट के लिए पकाएं।
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