जलन या ईर्ष्या एक ऐसी कठोर भावना है, जो न केवल आपके आपसी संबंधों को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि आपकी मेंटल हेल्थ और प्रोडक्टिविटी दोनों को बर्बाद कर सकती है। जब आप दूसरों से लगातार ईर्ष्या करते हैं, तब आप अपनी खूबियों और रचनात्मकता को भी नजरंदाज करते चले जाते हैं। फिर एक ऐसा वक्त आता है, जब आप उन लोगों से वास्तव में पिछड़ने लगते हैं, जिनसे आप ईर्ष्या कर रहे थे। इसलिए जरूरी है कि शुरुआत में ही इससे सकारात्मक तरीके से डील कर लिया जाए। प्रतिद्वंद्विता और स्पर्धा में रहते हुए भी कैसे ईर्ष्या को कंट्रोल करना है, रिलेशनशिप एक्सपर्ट और काउंसलर रूचि रूह बता रही हैं।
हालांकि थोड़ी-बहुत जलन या ईर्ष्या होना ह्यूमन नेचर है। पर जब यह आउट ऑफ कंट्रोल हो जाती है, तब यह भावना आक्रोश, क्रोध, दुश्मनी और कड़वाहट को भी साथ ले आती है। ये भावनाएं रिश्ते को खराब कर सकती है और रिश्तों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। कई बार ये जलन इतनी बढ़ जाती है कि हिंसा का रूप ले लेती है। यह अविश्वास, दुर्व्यवहार और शारीरिक हिंसा का कारण भी बन सकती है।
रूचि रूह रिलेशनशिप एक्सपर्ट और काउंसलर हैं। वे बताती हैं कि ईर्ष्या का मूल कारण व्यक्तिगत तौर पर अलग हो सकता है, कुछ सामान्य विशेषताएं और परिस्थितियां हैं जो ईर्ष्या का कारण हो सकती है। उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति असुरक्षित है, अपर्याप्त महसूस करता है, छोड़ने या अकेलेपन का डर रखता है, या दूसरों से अपनी तुलना करता हो। तो वह व्यक्ति ईर्ष्या से ग्रस्त हो सकता है।
यह दिखावा न करें की आपकी कोई भावना ही नहीं है। आपको अपनी ईर्ष्या का डटकर मुकाबला करने की जरूरत है। अपनी ईर्ष्या को सबसे पहले स्वीकार करें और यह पता लगाने का प्रयास करें कि यह कहां से आ रही है। क्या यह आपके आत्मविश्वास की कमी के कारण है? क्या इस व्यक्ति के पास कुछ ऐसा है जिसे आप बेहद चाहते हैं और जिसके लिए आप काम कर रहे हैं? या क्या ईर्ष्या धमकी से जुड़ी है। एक बार जब आप अपनी ईर्ष्या की जड़ तक पहुंच जाते हैं, तो आप इसे दूर करने पर काम कर सकते हैं। इससे आप अपने पार्टनर पर भरोसा करना सीख सकते है।
ईर्ष्या की भावनाओं को खत्म करने का पहला कदम आपके अंदर ट्रिगर को पहचानना है। इन ट्रिगर को चिंता, आपके व्यक्तित्व, आपके पास्ट या यहां तक कि कई चीजों के मिलने के कारण हो सकता है। यदि आप अपने की ईर्ष्यालु भावनाओं को महसूस कर रहे है, तो यह पहचानना महत्वपूर्ण है कि ये भावनाएं कब और क्यों आती हैं।
उदाहरण के लिए, जब आपका साथी अपने दोस्तों के साथ देर से बाहर जाता है और वापस मेसेज करना भूल जाता है। जब आप नोटिस करते हैं कि आपका एक करीबी दोस्त नए दोस्त बना रहा है। तब आपको एंगजाइटी हो सकती है।
ये समझना जरूरी है की कितनी जलन ठीक है और वास्तविक है और कितनी खराब है जो रिश्ते को नुकसान पहुँचा सकती है।
कई बार हम अपने पर्टनर की कुछ ऐसी हरकत होती है जिसे ईर्ष्या करते है। लेकिन वो उसे पता नही होती है। इसलिए ये जरूरी है की आप अपने साथी को उन चीजों के बारे में खुल कर बताए।
यदि यह आपके साथी के बारे में है, तो इसके बारे में बात करें। यदि आपकी ईर्ष्या आपके रिश्ते के आसपास केंद्रित है, तो आप जो कुछ भी करते हैं, उसे छिपाये नहीं। चीज़े बताने से उन पर काम करना आसान हो जाता है।
आपको अपने साथी पर भरोसा करना चाहिए, क्योंकि इसके अलावा कोई और विकल्प नहीं है यदि आप एक खुश और सफल रिश्ता चाहते हैं। कोई भी आपके साथी को नियंत्रित नहीं कर सकता है और आपको ईर्ष्या को जाने देना होगा। कुछ नियंत्रण होना कोई बुरी बात नहीं है, फिर भी उन चीजों के लिए किसी को नियंत्रित करने की कोशिश करना, जिन पर आपका कोई नियंत्रण नहीं है, खराब हो सकती है।