ठंड का मौसम शुरु होने वाला है। सुबह हल्की ठंड का एहसास होने लगा है। विंटर मंथ आ चुका है या आने वाला है, इसके बारे में आपकी स्किन पहले ही आपको आगाह कर देती है। शरीर की पूरी स्किन ड्राई होने लगती है। हाथ-पैर, आंखों के आस-पास की स्किन यहां तक कि पैरों की स्किन भी सूखी और दरारों वाली होने लगती है। त्वचा पर रैशेज भी दिखने लगते हैं। इसलिए यह जानना बहुत अधिक जरूरी है कि स्किन पर मौजूद रैशेज (winter rashes) से किस तरह बचाव किया जाए।
जर्नल ऑफ़ डरमेटोलोजी एंड स्किन (Journal of Dermatology and Skin Care) के शोध के अनुसार, ठंडी हवा में नमी कम होती है। जब आस-पास का वातावरण शुष्क होता है, तो त्वचा भी शुष्क हो जाती है। बाहरी तत्व ही एकमात्र कारक नहीं हैं। ठंड बढ़ने पर जब रूम हीटर का इस्तेमाल होता है, तो वह घर के अंदर की हवा को भी शुष्क कर देता है। इसके कारण स्किन डी हाइड्रेट और ड्राई हो जाती है। इससे स्किन में खरोंच, खुजली और रेड रैशेज हो सकते हैं।
हम शरीर को साफ रखने के लिए तरह-तरह के बॉडी शोप का प्रयोग करते हैं। साबुन में मौजूद सेंट त्वचा को ड्राई करते हैं। इसलिए हाइड्रेटिंग बॉडी वॉश, हाइड्रेटिंग क्लींजर बार, नमी वाले लिक्विड क्लींजर या बिना सेंट वाले साबुन जैसे उत्पादों का प्रयोग (winter rashes) करना चाहिए। ये क्लींजर त्वचा को रूखी नहीं बनाते हैं और साफ भी रखते हैं।
शॉवर से बाहर निकलने के तीन मिनट के भीतर अपने पूरे शरीर पर गाढ़ी और बिना खुशबू वाली मॉइस्चराइजिंग क्रीम लगानी चाहिए।क्रीम लोशन की तुलना में अधिक हाइड्रेटिंग होती हैं। ये मलहम जितनी चिपचिपी भी नहीं होती हैं। नहाने के तुरंत बाद मॉइस्चराइज़र का उपयोग करने से यह त्वचा में गहराई तक प्रवेश करता है और अतिरिक्त नमी को बरकरार रखता है।
यदि एक्स्ट्रा ड्राईनेस फील होती है, तो पूरे दिन में जितनी बार जरूरत हो, मॉइस्चराइज़र लगा सकती हैं। हमारे हाथ भी तत्वों के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। हमारे शरीर की तुलना में उन्हें नमी की अधिक जरूरत होती है। हमें हर बार धोने के बाद अपने हाथों को मॉइस्चराइज़ करना चाहिए। अपनी स्किन के अनुसार हैंड क्रीम का इस्तेमाल करना चाहिए।
ऐसे किसी भी उत्पाद से बचें, जिनमें खुशबू हो। शैम्पू, कंडीशनर, परफ्यूम, सुगंधित लॉन्ड्री डिटर्जेंट, फैब्रिक सॉफ्टनर या ड्रायर शीट का इस्तेमाल नहीं करें। संवेदनशील त्वचा होने पर प्रोडक्ट का चुनाव करते समय विशेष सावधानी (winter rashes) बरतें। फ़ैब्रिक सॉफ़्नर और ड्रायर शीट को एक साथ छोड़ना सबसे अच्छा है। यदि परफ्यूम का उपयोग करना ही है, तो इसे हमेशा अपने कपड़ों पर छिड़कें, न कि अपनी त्वचा पर।
ऊनी और पॉलिएस्टर कपड़ों से बचें, क्योंकि ये त्वचा में खुजली और जलन पैदा कर सकते हैं। जलन कम करने के लिए ऊनी और पॉलिएस्टर के नीचे सिंथेटिक या सूती कपड़ों की परत लगाने का भी प्रयास कर सकती हैं। यदि त्वचा पर चकत्ते (winter rashes) या संक्रमण के लक्षण हैं, जो अपने आप ठीक नहीं हो रहे हैं, तो शीघ्र निदान और उपचार के लिए स्किन एक्सपर्ट से मिलने कोशिश करें। त्वचा पर होने वाले अधिकांश चकत्तों और संक्रमणों को अगर जल्दी पकड़ लिया जाए, तो उन्हें जल्दी ठीक किया जा सकता है।
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