गर्मियों का मतलब अक्सर धूप में लंबे समय तक रहना होता है। हममें से अधिकांश लोग सनब्लॉक लगाकर अपनी त्वचा की रक्षा करना याद रखते हैं, लेकिन यह न भूलें कि आपकी आंखों को भी सुरक्षा की आवश्यकता है। अपनी आंखों को वर्षों तक सूरज की अल्ट्रावॉलेट रोशनी के संपर्क से बचाने के लिए कम उम्र से ही आंखो की सुरक्षा करना जरूरी है। जानते हैं आंखों की सुरक्षा के लिए कुछ जरूरी उपाय।
यूवी प्रकाश के बहुत अधिक संपर्क से आंखों की बीमारियों और अन्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। यहां आंखों की कुछ समस्याएं बताई गई हैं जिनसे आप धूप का चश्मा पहनकर बच सकते हैं
मोतियाबिंद और आंखों के कैंसर को विकसित होने में वर्षों लग सकते हैं। हर बार जब आप आंखों की सुरक्षा के बिना धूप में बैठते हैं, तो आपमें गंभीर बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। शिशुओं और बच्चों को इसी कारण से टोपी और धूप का चश्मा पहनने की आवश्यकता होती है।
आंखों पर पर्टिजियम जैसी स्थिति हमारी किशोरावस्था या 20 की उम्र में दिखाई दे सकती है। सर्फ़र, स्कीयर, मछुआरे, किसान और अन्य जो दोपहर के सूरज के नीचे या नदियों, महासागरों और पहाड़ों के पास लंबे समय तक बिताते हैं, वे इससे अधिक जोखिम में रहते है।
स्नो ब्लाइंडनेस, फोटोकेराटाइटिस का एक रूप है जो स्नो, बर्फ, रेत या पानी से यूवी प्रतिबिंबों के संपर्क में आने के बाद तेजी से विकसित हो सकता है।
धूप का चश्मा खरीदते समय, गुणवत्ता पर कंजूसी न करें। उच्च गुणवत्ता वाले धूप का चश्मा चुनें जो रिफ्लेक्ट सतहों से चमक को कम करने के लिए यूवीए और यूवीबी किरणों को प्रभावी ढंग से 100 प्रतिशत रोकता है। इसके अतिरिक्त, सुनिश्चित करें कि धूप का चश्मा सही रंग का हो जो आपको आराम दे, एक आरामदायक फिट प्रदान करता है। इसमें ऐसे लेंस हो जो आपकी आंखों को संभावित चोट से बचाने के लिए पर्याप्त काम कर सकें।
यूवी किरणें सूर्य से ही उत्पन्न होती हैं, लेकिन वे विभिन्न सतहों जैसे कि जमीन, झीलों या महासागरों जैसे जल निकायों, बर्फ, रेत और अन्य अत्यधिक रिफ्लैक्शन वाली सतहों से भी हमारी आंखों में आ सकती हैं। कई धूप के चश्मे सीधे लेंस के माध्यम से प्रवेश करने वाली यूवी किरणों से सुरक्षा प्रदान करते हैं, लेकिन आंखों के किनारों, ऊपर या नीचे की रक्षा नहीं करते हैं। धूप का चश्मा चुनते समय, याद रखें कि बड़े लेंस आंखों के लिए अधिक कवरेज प्रदान करते हैं और प्रवेश करने वाली अनफ़िल्टर्ड रोशनी की मात्रा को कम करते हैं।
आंखों और त्वचा दोनों के लिए यूवी किरण का सबसे अधिक जोखिम आमतौर पर दोपहर के बजाय सुबह और मध्य दोपहर के दौरान होता है। सूर्य से आंखों को होने वाला नुकसान विशेष रूप से पतझड़, सर्दी और वसंत ऋतु के दौरान होता है। जब भी आप बाहर निकलें तो धूप का चश्मा पहनना महत्वपूर्ण है, यहां तक कि जिस दिन बादल छाए रहें या सर्दियां हो, क्योंकि बादलों में केवल जल वाष्प होता है, जो यूवी किरणों के लिए पारदर्शी होता है।
अलग-अलग वातावरण में अलग-अलग आंखों की केयर की जरूरत हो सकती है। उदाहरण के लिए, यदि आप किसी पूल या तलाब में बहुत अधिक समय बिता रहे हैं, तो पानी के रासायनिक घटक और चश्मे की आवश्यकता पर भी विचार करना महत्वपूर्ण होगा। यदि आप समुद्र तट पर हैं, तो एक टोपी और धूप का चश्मा जरूरी है। यदि आप किसी शहर में हैं, तो धूप का चश्मा पर्याप्त सुरक्षा हो सकता है।
यदि आप उन लोगों में से हैं जो कॉन्टैक्ट पहनते हैं, तो पहले से योजना बनाएं और यदि आपकी आंखों में जलन या पानी की कमी हो जाए तो हमेशा आई ड्रॉप अपने पास रखें। यदि आप चश्मा पहनते हैं, पावर वाले धुप के चश्मे लें।
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