पर्सनल और प्रोफेशनल ग्रोथ रोक सकती है टाल-मटोल की आदत, इसे छोड़ने में आपकी मदद करेंगे ये एक्सपर्ट टिप्स

क्या आपको भी हर काम को कल पर टालने की आदत है, तो जानें इस टालमटोल से कैसे बचना है
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प्रोक्रेस्टिनेशन विभिन्न प्रकार के विचारों और आदतों से प्रेरित होता है। चित्र- अडोबी स्टॉक
संध्या सिंह Updated: 12 Apr 2024, 19:17 pm IST
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इनपुट फ्राॅम

क्या आप भी प्रोक्रेस्टिनेट है मतलब वो लोग जो हर काम को टालते हैं। आपने देखा होगा कुछ लोग अपने काम को कल पर बहुत अधिक टालते है। ऐसे लोग आपके घर में, ऑफिस में, आपके दोस्त या आप खुद भी हो सकते हैं। ये चीज अगर आप बार-बार बिना किसी ठोस कारण के करते हैं, तो ये आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है।

हिंदी में एक कहावत भी है “काल करे सो आज कर, आज करे सो अब”, जिसका मतलब होता है आपको जो काम करना है वो उसके समय पर ही करें तभी आपको फायदा होगा। नहीं तो अगर आपके हाथ से ये समय निकल गया, तो आप कुछ नहीं कर पाएंगे। कई लोग इस चीज को आलस बोल सकते हैं, लेकिन ये कुछ और भी हो सकता है।

प्रोक्रेस्टिनेट (Procrastination) क्या होता है

टालमटोल (Procrastination) मुख्य बाधाओं में से एक है जो आपको उठने, सही निर्णय लेने और उस सपनों को जीने से रोकती है जिसके बारे में आपने सोचा है। टालमटोल करने वाले अक्सर परफेक्शनिस्ट होते हैं, जिनके लिए किसी काम को अच्छी तरह से न करने की संभावना का सामना करने की तुलना में उसे कभी न निपटाना मनोवैज्ञानिक रूप से अधिक स्वीकार्य हो सकता है।

Procrastination se kaise deal karein
यहां जानिए आप प्रोक्रास्टिनेशन या काम में टाल मटोल की अपनी इस आदत से कैसे छुटकारा पा सकते हैं। चित्र : एडॉबीस्टॉक

वे इस बात को लेकर अत्यधिक चिंतित हो सकते हैं कि दूसरे उनके बारे में क्या सोचेंगे कि निर्णय से बचने के लिए वे अपना भविष्य जोखिम में डाल देते हैं।

प्रोक्रेस्टिनेशन विभिन्न प्रकार के विचारों और आदतों से प्रेरित होता है, लेकिन मूल रूप से, हम काम से बचते हैं या उन्हें टाल देते हैं क्योंकि हमें विश्वास नहीं होता कि हमे उन्हें करने में आनंद आएगा, और खुद को दुखी करने से बचना चाहते हैं, या हमें डर है कि हम उन्हें नहीं कर पाएंगे। लोग तब भी विलंब कर सकते हैं जब वे किसी कार्य की जटिलता से कन्फ्यूज होते हैं।

आखिर प्रोक्रेस्टिनेशन से कैसे बचा जाए यह जानने के लिए हमने बात की रिलेशनशिप एक्सपर्ट रुचि रूह से। रुचि रूह बताती हैं कि ये समस्या हम में से कई लोगों के साथ होती है जिसे लोग आलस का नाम देते है लेकिन ये वास्तव में उससे कहीं ज्यादा होती है।

प्रोक्रेस्टिनेशन की आदत से उबरने के लिए फॉलो करें ये टिप्स (How to get rid of procrastination)

1 छोटे- छोटे लक्ष्य निर्धारित करें

बड़े कार्यों को छोटे, अधिक प्रबंधनीय लक्ष्यों में विभाजित करने से एक बड़े काम को निपटाने टेंशन को कम किया जा सकता है। अपने ऐसे उद्देश्य जिन्हे आप पाना चाहते है उनकी एक सूची बनाकर, आप प्रत्येक चरण को व्यवस्थित रूप से पूरा कर सकते हैं, जिससे पूरा होने की दिशा में एक क्रम में प्रगति सुनिश्चित हो सके। किसी प्रोजेक्ट के प्रबंधन के बुनियादी सिद्धांतों से परिचित होने से इन लक्ष्यों को प्रभावी ढंग से निर्धारित करने में सहायता मिलती है।

2 अपने काम को व्यवस्थित करें

हर छोटे लक्ष्य को पूरा करने के लिए विशिष्ट समयसीमा के साथ एक व्यवस्थित समयरेखा स्थापित करना आपके दृष्टिकोण को और अधिक प्रभावशाली बनाता है। दैनिक, साप्ताहिक और मासिक उद्देश्यों को इक्कठा करके, जो आपके व्यापक लक्ष्यों के साथ मेल खाता हैं, कौन सा काम जल्दी करना चाहिए और प्रेरणा की भावना पैदा करते हैं, आपके प्रयासों में प्रगति करते हैं, चाहे वह शैक्षणिक कार्य हों या कार्यस्थल परियोजनाएं हो उसे उस हिसाब से करें।

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हर छोटे लक्ष्य को पूरा करने के लिए विशिष्ट समयसीमा बनाएं। चित्र : शटरस्टॉक

3 अपना ध्यान केंद्रित करें

किसी भी तरह की देरी से बचने के लिए एक और तरीका यह है कि आपको कुछ आसान कार्यों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जिन्हें आपको पूरा करना है। उम्मीद है, छोटे लक्ष्य निर्धारित करके और अपने कार्यों को व्यवस्थित करके, आप उन लक्ष्यों की पहचान पाए होंगे जिन्हें पूरा करना आसान है।

ऐसा करने से, आप अपना आत्मविश्वास बढ़ा पाएंगे और काम में कुछ गति प्राप्त करे पाएंगे। खुद पर ध्यान केंद्रित करने से आपको एक समय में एक छोटा कार्य निपटाने में मदद मिल सकती है।

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4 अपने को माफ करें

काम टालने के लिए खुद को दंडित करना आसान हो सकता है। आप स्वयं से कह सकते हैं कि आप आलसी या अनुत्पादक हैं। वास्तव में, इस तरह से खुद को निराश करने से आप केवल अधिक दुख और चिंतित महसूस करते है और उत्पादकता बढ़ती नहीं है।

स्वयं के प्रति दयालु होने से किसी भी देरी को कम किया जा सकता है, बल्कि यह विलंब के कुछ नकारात्मक प्रभावों को भी कम कर सकता है।

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लेखक के बारे में

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं। ...और पढ़ें

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